11 Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी

Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी 

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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
सुना है बहुत बारिश है तेरे शहर में..
पर सुनो ज्यादा मत भीगना..
अगर वक्त की परत धुल गई तो..
फिर बहुत याद आएंगे हम...🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
बरसात में भीगना बेहद पसंद है उसे..
बस उसकी दास्तां -ऐं- बरसात सुनने लिए इस बार हम न होंगे..🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
दिल टूटने का मौसम भी लाजवाब है..
एक तो कोयल की कू कू (संगीत) है और साथ ही बरसात है..🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
बरसात की भींगी रातों में फिर कोई कहानी याद आई..
कुछ साथ गुजारे वक्त याद आए, साथ ही उसकी बेरुखी याद आई..🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
कभी बेपनाह बरस पड़ी, कभी गुम सी है..
ये बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है..🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
लगता है आसमां का दिल भी टूटा है..
तभी तो
बिन बरसात वो रोज मेरे साथ रोता है..🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
छोटी सी सही पर एक ऐसी मुलाक़ात थी..
हम, वो, अमरूद और हल्की सी बरसात थी..
लोग बरसात में चाय के मजे लेते हैं..
और हमनें सड़क किनारे अमरूद खाई थी..🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
लगता है बादल का दिल भी टूटा है..
वरना मई के महीने में इतनी बरसात कब होती है..🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
तेरी यादों को किस कोने में सुखाऊं, चल ये ही बता दे..
बरसात बाहर भी है और अंदर भी..🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
तेरी खुश्बू, तेरी चाहत, तेरी यादें लाये हैं देखो..
आज फ़िर मेरे शहर में बादल आये हैं..🌧️
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Barsaat Quotes /बरसात Quotes /बरसात शायरी
दिल में और कोई जज्बात बाकी नहीं..
आंखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं..🌧️
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29 comments:

  1. क्या बात है...नया नया टैलेंट निकल कर बाहर आ रहा...लाजवाब शायरी👌👌

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  2. बहुत ही शानदार बरसात की शायरी अनायास ही बरस पड़ी !
    अभी बरसात आयी नहीं कि मन पर बरबस प्यार की फुहार पड़ी.!!
    बहुत खूब

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  3. जेठ के महीने में बाहर भी रिमझिम और आपकी कलम से भी रिमझिम फुहारें निकल पड़ी हैं।
    बहुत उत्तम।

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  4. मेरे शहर में भी बारिश हो रही है और तुम्हारे ब्लॉग में भी..😄..क्या बात है.. 🌧️🌧️🌧️🌦️

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  5. ये हक़ीक़त है होता है असर बातों में ।
    तुम घुल जायेंगे दो चार मुलाक़ातों में ।।

    तेरे वादे ने मुझे घर से निकल लेना दिया ।
    लोग मौसम का मज़ा ले गये बरसातों में।।

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  6. लाजवाब 👏🏻👏🏻 इसको कहते हैं class in its own👌🏻

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  7. बता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादें,
    बरसात बाहर भी है और भीतर भी है।

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  8. बारिश की बूंदें सिर्फ बूंदें नहीं होती
    ये होतीं हैं एक संवाद‌,
    बादलों और हवाओं के बीच
    नदियों और समंदर के बीच
    आसमां और धरती के बीच
    और कभी-कभी मेरे और उनके बीच भी

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    1. कभी कभी दो पलकों के बीच
      कभी कभी सड़क के दो किनारों के बीच

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  9. बारिश की तो बात ही अलग है

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  10. 😢ना आसमां साथ देता है😢
    🤔ना साथ देती है ये जमीं🤔
    🙋‍♂️कौन पूरी कर पाएगा ये🙋‍♂️
    🙏मेरी जिंदगी में तेरी कमी🙏
    🌝चांद अकेला आता-जाता🌝
    🎇तारों के कई सारे साथी🎇
    🪔दीपक अकेला नहीं होता🪔
    🕯उसके साथ रहती बाती🕯
    💐फूल-पत्ती पेड़-पौधे सब💐
    💫खुश होते आते ही बहार💫
    👣राहों के धूल-पत्थर भी तो👣
    👲होते राही के लिए बेकरार👲
    💦नदिया बहती है कल-कल💦
    🦢उन्हें तो है किनारों से प्यार🦢
    🏠घर-मकान और महलों के🏠
    🏦के लिए खड़े हैं दरों-दीवार🏦
    🌳इस प्रकृति के लिए उपहार🌳
    🌈ऋतुएँ होती हैं ये पूरी चार🌈
    🪐धरती है ये सारी कि सारी🪐
    ⛈️बरसात के लिए बेकरार⛈️
    🌅सूरज को तो है सदा से ही🌅
    ☀अपनी किरणों से ही प्यार☀
    🙋‍♂️बस एक मैं तन्हा अकेला🙋‍♂️
    🗣️मेरा नहीं है कोई भी यार🗣️
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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    1. लिख दिया आपने
      कुछ ऐसा नरेश जी
      कर दिया मुझे
      निरुत्तर, बिना जवाब

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  11. जब जिंदगी में पहली बार मेरी नजर
    पड़ी थी उस सुंदर-सयानी लड़की पर
    बार-बार उसे देखने को जी चाहता पर
    पर्दा रहता उसके दरवाजे-खिड़की पर
    क्या गजब-परी से भी वो खूबसूरत थी
    गुजरात के शहर सूरत की वो सूरत थी
    उसका चेहरा मेरी आंखों में यूँ समाया
    जैसे मुझे तो बस उसी की जरूरत थी
    एक दिन अचानक उससे मुलाकात हुई
    हम दोनों के बीच जो जरा-सी बात हुई
    इतने प्यार से वो मुस्कुरा कर बोली जैसे
    मेरे मन के उपवन में पहली बरसात हुई
    रीना नाम था उसे रीना-रानी बना दिया
    मन ही मन से उसे जिंदगानी बना दिया
    मैं उसे तो पसंद था पर घरवाले ना माने
    मुलाकात को सबने कहानी बना दिया
    उस रीना-रानी को अपने मन में बसाके
    मैं राजन बन बैठा उसको रजनी माना
    दिल तोड़ दिया समाज ने हम दोनों का
    कहाँ उन्होंने हमें साजन-सजनी माना
    आज भी उसे याद करता है मेरा दिल
    शायद वो नहीं थी जिंदगी की मंजिल
    साथ छूट गया जिंदगी में तो क्या गम
    बहुत कुछ होता इस सफर में हासिल
    ❤🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏❤

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    1. जिंदगी की राहों में
      कुछ लोग मिलते ही हैं
      बिछड़ जाने के लिए
      जो होते सबसे करीब हैं
      रिश्ता होता है दिल का
      बहुत कुछ हासिल भी होता है
      जिंदगी के सफर में
      और बहुत कुछ
      पीछे छूट जाता है
      और दिल में
      शेष रह जाता है
      यादों का कारवां
      वैसे ही जैसे ,
      वो बचपन की यादें
      वो कागज की कस्ती
      वो बारिश का पानी

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  12. तुम साथ तो खूबसूरत
    लगती है हर बरसात
    तुम साथ नहीं तो गुजरते
    मुश्किल से दिन-रात
    किसी और में नहीं है जो
    तुझमें है वो हर बात
    तुझसे ही तो जुड़े हैं मेरे
    दिल के सब जज्बात
    मां के बाद गुरु हो तुम
    पिता के जैसा हो गुरुर
    मेरी जीवनसंगिनी तुमसे है
    जिंदगी जीने का सूरुर

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  13. अगर सूरज न उगे तो सुबह नही होती,
    अगर चाँद न दिखे तो चाँदनी रात नही होती,
    बादल न बने तो बरसात नही होती,
    और जब आपकी यादों का साथ ना हो,
    तो हमारे दिन की शुरुआत ना होती

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    1. सुबह की पहली किरण से
      उसके यादों की शुरुवात होती है
      दिन चढ़े जेहन में उसकी हर बात होती है
      शाम ढलते ही
      उसकी यादों का मंजर
      गहरा जाता है
      फिर रात के अंधियारे में
      उसके 'सो जाओ' कहने के इंतजार में
      आंखों आंखों में रात भी गुजर जाती है

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  14. हाथों पर लगाकर मेहंदी
    लिख दो मेरे पिया का नाम
    विदा होने की घड़ी करीब है
    जाना मुझे साजन के धाम
    अब ये जिंदगी उसी के साथ होगी
    चाहे सुख-दुख की बरसात होगी
    हरदम उनका साथ निभाऊंगी मैं
    हर बात में अब उनकी ही बात होगी
    जब कभी जाऊंगी बाबुल के द्वार
    ले आऊंगी उनका आशीष हर बार

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  15. एक बरसात की रात
    वो जो हुई थी बरसात
    मिट्टी की महक से फिर
    जाग उठे सारे जज्बात
    उसे भुलाने की कोशिश
    में बीता नहीं एक साल
    फिर से हो गई बरसात
    दिल ये हो गया बेहाल
    उसकी वो तमाम यादें
    आज फिर से जाग गई
    उसकी यादों ने दिल में
    लगाई फिर से आग नई
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  16. इन आंखों में नमी है
    दिल में कुछ बात है
    जख्म फिर हरे हुए
    बरसात की रात है
    भुले नहीं वो दिन
    सुहाना था मौसम
    बरसात की रात में
    जब भीगे थे हम
    छुईमुई-सी हो गई
    जब मैंने तुझे छुआ
    अलाव वो बुझ गया
    बस रह गया धुआँ
    हमारी मोहब्बत का
    अंजाम क्या हुआ
    ना तु मेरी हो सकी
    ना ही मैं तेरा हुआ
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  17. बरसात भी आकर बरस गई
    पर जाने क्यों वो नहीं आए
    इन नैनों से अश्क बहने लगे
    ना जाने वो क्यों नहीं आए
    दिल के रिश्ते निभाने की वो
    हर बार नई कसम खाते रहे
    उनके इंतजार में इस बेताब
    दिल को हम यूँ समझाते रहे
    वादा किया है दिल से उन्होंने
    कसम खाई जो तोड़ेंगे नहीं
    चाहे जो भी आफत आ जाए
    साथ मेरा कभी छोड़ेंगे नहीं
    माना बेवफा नहीं मेरा सनम
    वफा निभाने क्यों नहीं आए
    इंतजार में अश्क सूखने लगे
    प्यार जताने क्यों नहीं आए
    जाने क्या वो मजबूरी होगी
    क्या मोहब्बत अधूरी होगी
    रस्मों रवायत की वो तामीरें
    क्या गैर के साथ पूरी होगी
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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    1. कसमें वादे, होते ही हैं
      तोड़ने के लिए
      जैसे बरसात आकार चली गई
      हर मौसम गुजर जाना है
      राह तकने से क्या मिलना
      जाने वाला फिर
      लौट के नहीं आने वाला
      रस्में रवायत जिससे पूरी हो चली
      वो ही अपना है अब
      जिससे मोहब्बत के वादे किए
      वो गैर हो गया..

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