मिर्गी
मिर्गी एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार है। इसमें मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका की गतिविधि बाधित हो जाती है, जिसके कारण दौरे या कुछ समय तक असामान्य व्यवहार उत्तेजना और कभी-कभी बेहोशी हो जाती है।
शारीरिक तथा मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को मिर्गी अधिकांश रूप से आती है। अत्यधिक शराब पीना, अधिक शारीरिक श्रम, सिर में चोट लगने से यह बीमारी हो सकती है।
मिर्गी के लक्षण (Symptoms of Epilepsi):- अलग- अलग व्यक्तियों में इसके लक्षण भिन्न भिन्न होते।
# इस रोग में अचानक दौरा पड़ता है और रोगी गिर पड़ता है।
# हाथ और गर्दन अकड़ जाती है।
# पलकें एक जगह रुक जाती हैं।
# रोगी हाथ पैर पटकता है।
# जीभ अकड़ जाने से बोली नहीं निकलती।
# मुंह से पीला झाग निकलता है।
# दांत किटकिटाना और शरीर में कपकपी होना सामान्य रूप से देखा जाता है।
# चारों तरफ या तो काला अंधेरा दिखाई देता है या सब चीजें सफेद दिखाई देती हैं।
इस तरह के दौरे 10-15 मिनट से लेकर 1-2 घंटे तक के भी हो सकते हैं। पुनः जब रोगी को होश आता है तब थका हुआ होता है और सो जाता है।
मिर्गी होने का कारण :-(Causes Of Epilepsi):-मिर्गी से पीड़ित लोगों में से लगभग आधे मरीजों में किसी विशेष कारण की पहचान नहीं हो पाती है।अन्य व्यक्तियों में अलग अलग कारण से यह बीमारी होती है।
# कुछ मरीजों में यह जेनेटिक होता है
# सिर पर चोट लगने से
# अत्यधिक शराब पीना से
# अधिक शारीरिक श्रम से
उसके घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं।
# देशी गाय का घी हल्का गरम कर दोनों नासिका में डालना बहुत लाभकारी है ।
# दौरा पड़ने पर रोगी को दाईं करवट लिताएं ताकि उसके मुंह से सभी झाग आसानी से निकल जाए।# दौरा पड़ने के समय रोगी को कुछ भी ना खिलाएं, बल्कि दौरे के समय अमोनिया का या चूने की गंध सुंघानी चाहिए। इससे उसकी बेहोशी दूर हो सकती है।
# ब्राह्मी बूटी का रस एक चम्मच प्रतिदिन सुबह-शाम पिलाएं।
# 20 ग्राम शंखपुष्पी का रस और 2 ग्राम कुटकी का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर चाटें।
# नीम की कोमल पत्तियों, अजवाइन और काला नमक इन सब को पानी में पीसकर पेस्ट बनाकर सेवन करें।
# शरीफा के पत्तों के रस की कुछ बूंदें रोगी के नाक में डालने से जल्दी होश आता है।
# नींबू के रस में हींग मिलाकर चटाने से काफी लाभ पहुंचता है।
# प्याज का रस पानी में घोलकर पिलाने से भी आराम मिलता है।
# तुलसी के 4-5 पत्ते कुचलकर उसमें कपूर मिलाकर रोगी को सुंघाएं।
# मेहंदी के पत्तों का रस दूध में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
Useful tips
ReplyDeleteYe bimari kam hi logo me ha...per bahut khatarnak ha... useful
ReplyDeleteSahi upaay
ReplyDeleteभले ही ये एक आम बीमारी नहीं है लेकिन इन घरेलू उपायों की जानकारी तो अवश्य होनी चाहिये ताकि जरूरत पड़ने पर काम आ सके और बिना घबराये पीड़ित व्यक्ति की मदद की जा सके,सदुपयोगी जानकारी
ReplyDeletenice....
ReplyDeleteGood tips
ReplyDeleteमिर्गी एक जटिल रोग है और आम जन में इसे लेकर कई तरह की भ्रान्तियां व्याप्त हैं।इस लेख मे बताये गए उपाय बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteGajab
ReplyDeleteUseful info thanks
ReplyDeleteUseful information # very good tips # keep it up��
ReplyDeleteजानकारी के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteGood information 👍👍
ReplyDeleteUseful info
ReplyDeleteUseful..
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