अक्षय नवमी (आंवला नवमी)
अक्षय नवमी का त्यौहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अर्थात दीपावली के 8 दिन बाद मनाई जाती है। इस बार अक्षय नवमी आज 10.11.2024 है। इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है, अतः इसे आंवला नवमी भी कहते हैं।
अक्षय नवमी पर लोग स्नान, दान, पूजा, पाठ करते हैं। अक्षय नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन आंवला के पेड़ के नीचे भोजन बनाकर भगवान विष्णु को उसका भोग लगाकर स्वयं भी यह भोजन प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
आंवला को अमरता का फल माना जाता है। कहा जाता है कि जो इंसान अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठ कर भोजन करता है, उसे अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
कैसे शुरू हुआ यह पर्व
आंवला नवमी पर आंवले के वृक्ष की पूजा और इसके वृक्ष के नीचे भोजन करने की प्रथा की शुरुआत करने वाली माता लक्ष्मी मानी जाती हैं। प्रचलित कथा के अनुसार एक बार माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आईं। रास्ते में भगवान विष्णु और शिव की पूजा एक साथ करने की उनकी इच्छा हुई। लक्ष्मी मां ने विचार किया कि एक साथ विष्णु और शिव की पूजा कैसे हो सकती है। तभी उन्हें ख्याल आया कि तुलसी और बेल के गुण एक साथ आंवले में पाया जाता है। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और बेल शिव को। आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक चिह्न मानकर मां लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष की पूजा की। पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु और भगवान शिव को भोजन कराया। इसके बाद स्वयं ने भोजन किया। जिस दिन यह घटना हुई उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी थी तभी से यह परम्परा चली आ रही है।
श्री हरि की कृपा सभी पर बनी रहे, सभी निरोगी और स्वस्थ रहें।
शुभ अक्षय नवमी
ReplyDeleteAkshay Navmi ki hardik shubhkamnaye 🙏🏻
ReplyDelete🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteOm namo bhagwate basudev.......
ReplyDelete🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
ReplyDelete🚩🚩जय श्री हरि कृपा हरि शरणम 🚩🚩
🙏आंवला नवमी की आपको परिवार सहित बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनायें 💐💐💐💐💐
🙏श्री हरि की कृपा आप और आपके परिवार पर सदैव बनी रहे 🙏