दीपावली
शरद पूर्णिमा के साथ पवित्र कार्तिक मास शुरू हो गया। इसी के साथ सुबह गुलाबी ठंडक और शामें और अधिक सुहानी होने लगीं। वैसे इस बार तो मानो गर्मी जाने का नाम ही नहीं ले रही है, खैर जाना तो है ही। ऐसे मौसम में कुछ लोग डेंगू से परेशान हैं, तो कुछ लोग मौसम जनित बीमारियों से। लेकिन आने वाले त्योहार का संभावित उल्लास लोगों में छाया है।
जी हां दीपोत्सव दीवाली की आप सभी को बहुत बधाई एवं शुभकामना।
दीपावली का संस्कृत अर्थ है दीपावलिः = दीप + अवलिः = दीपकों की पंक्ति, या पंक्ति में रखे हुए दीपक। यह शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन त्यौहार है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। आध्यात्मिक रूप से यह 'अन्धकार पर प्रकाश की विजय' को दर्शाता है।
दिया जलना, घर की सजावट, खरीददारी, आतिशबाज़ी, पूजा, उपहार, दावत और मिठाइयाँ इस त्योहार के प्रमुख आकर्षण हैं। यह पंच दिवसीय त्योहार है। त्योहार का आरंभ धनतेरस से होता है, उसके बाद नरक चौदस फिर दीपावली और फिर प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा के बाद अंतिम दिन भैया दूज के साथ इस त्योहार का समापन होता है। दीपावली के दिन बंगाल में काली पूजा की धूम रहती है।
भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात (हे भगवान!) मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाइए। यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है।
माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा भगवान राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात घर लौटे थे। अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए थे। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। सनातन का मूल सिद्धांत है कि सत्य की सदा जीत होती है तथा झूठ का नाश होता है। दीपावली यही चरितार्थ करती है। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ-सुथरा कर सजाते हैं। बाजारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाजार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं।
आइए, प्रकाश पर्व की इस पावन वेला में हम सब भी खुशी खुशी, हर्ष उल्लास और उत्साह के साथ दीपावली मनाएं।
शुभ दीपावली 🪔🪔🪔🪔
🙏🙏💐💐
ReplyDelete🕉शुभ दोपहर🕉
🕉️शुभ दीपावली🕉️
🙏जय मां महालक्ष्मी🚩
🙏आपको परिवार सहित दीपावली महापर्व की बधाई एवं मंगलमय शुभकामनायें!!
🙏माँ महालक्मी का आशीर्वाद आपपर हमेशा बना रहे,माँ आपके सब कष्ट हरे और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करे !!
🎇🪔🪔🪔🪔🪔🎆
Happy Diwali 🙏🏻😊
ReplyDeleteHpy diwali 🎉🎉
ReplyDelete🎉🎉🎉
ReplyDeleteHappy diwali
ReplyDeleteJai Laxmi maiya
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