ऋतु करिधाल
ऋतु करिधाल श्रीवास्तव (Ritu Karidhal Srivastava) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ काम करने वाली एक भारतीय वैज्ञानिक हैं। वह भारत के मंगल कक्षीय मिशन, मंगलयान के उप-संचालन निदेशक थीं। उन्हें भारत की "रॉकेट वुमन" के रूप में जाना जाता है। वह लखनऊ में पैदा हुई थी और एक एयरोस्पेस इंजीनियर थी। उन्होंने पहले भी कई अन्य इसरो प्रोजेक्ट्स के लिए काम किया है और इनमें से कुछ के लिए ऑपरेशन डायरेक्टर के रूप में काम किया है।
चांद की सतह पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग होते ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम ई-ब्लॉक में पटाखों की गूंज सुनाई देने लगी। छोटे-छोटे बच्चे ‘चंदा मामा अब दूर नहीं’ गाते हुए रॉकेट वुमेन ऋतु करिधाल के घर के बाहर नाचने लगे। इस बीच ऋतु करिधाल की भाभी विनुशी घर से बाहर निकलीं तो सभी ने उन्हें बधाई दी। उनकी आंखें खुशियों से नम थीं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पल है। मेरे पास तो बोलने के लिए शब्द नहीं हैं।
'रॉकेट वुमन' ऋतु करिधाल श्रीवास्तव कर रही थीं चंद्रयान मिशन-3 को लीड ..
ऋतु करिधाल श्रीवास्तव हैं चंद्रयान मिशन-3 की डायरेक्टर - चन्द्रयान पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई थीं। इसमें ‘रॉकेट वुमन’ नाम से चर्चित स्पेस साइंटिस्ट ऋतु करिधाल श्रीवास्तव फ्रंट से लीड कर रही थीं। लखनऊ की ऋतु विज्ञान की दुनिया में भारतीय स्त्रियों की बढ़ती धमक की मिसाल हैं। मंगलयान मिशन में अपनी कुशलता दिखा चुकीं ऋतु ने चन्द्रयान के साथ कामयाबी की एक और ऊंची भरीं।
प्रारंभिक जीवन और परिवार..
करिधाल का जन्म लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह एक मध्यम वर्गीय कायस्थ परिवार में पली-बढ़ी, जिसने शिक्षा पर बहुत जोर दिया। उनके दो भाई और दो बहनें हैं। उनके पिता रक्षा सेवाओं में थे। कोचिंग संस्थानों और ट्यूशनों के संसाधनों की अनुपलब्धता और असफलताओं ने उन्हें सफल होने के लिए प्रेरणा दी। वह जानती थी कि उसकी दिलचस्पी अंतरिक्ष विज्ञान में थी। रात के आकाश पर घंटों तक टकटकी लगाए और बाहरी स्थान के बारे में सोचते हुए, वह चंद्रमा के बारे में सोचती थी, जैसे कि वह अपना आकार कैसे बदलता है; सितारों का अध्ययन किया और जानना चाहा कि अंधेरे स्थान के पीछे क्या है। अपनी किशोरावस्था में, उन्होंने किसी भी अंतरिक्ष से संबंधित गतिविधि के बारे में समाचार पत्रों की कटिंग एकत्र करना शुरू कर दिया और इसरो और नासा की गतिविधियों पर नज़र रखनी शुरू कर दी।
करिधाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) परीक्षा उत्तीर्ण की, और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करने के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (आई आई ऐस सी) में प्रवेश लिया।
इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु के इंडियन साइंस इंस्टीट्यूट का रुख किया। जहां अंतरिक्ष विज्ञान में उन्होंने महारथ हासिल की। ऋतु की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें ISRO में नौकरी मिल गई। इस युवा साइंटिस्ट ने इसके बाद कई उपलब्धियां हासिल की और 2007 में उन्हें यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड भी मिला।
काफी कम उम्र में ही उनकी काबिलियत और उपलब्धियों ने उन्हें एक बड़ी साइंटिस्ट बना दिया। इसके बाद देश के तमाम बड़े अंतरिक्ष मिशनों में उनकी अहम भूमिका रही। इसीलिए उन्हें भारत की रॉकेट वुमन भी कहा जाता है।
Ritu Karidhal
Ritu Karidhal Srivastava is an Indian scientist working with the Indian Space Research Organization (ISRO). She was the Deputy Operations Director of India's Mars Orbiter Mission, Mangalyaan. She is known as the "Rocket Woman" of India. She was born in Lucknow and was an aerospace engineer. He has worked for many other ISRO projects in the past as well and served as the Director of Operations for some of these.
As soon as the landing of Chandrayaan-3 on the surface of the moon, the echo of firecrackers was heard in the Rajajipuram E-block of Lucknow, the capital of Uttar Pradesh. Small children started dancing outside the house of Rocket Woman Ritu Karidhal singing 'Chanda mama ab door nahi'. Meanwhile, Ritu Karidhal's sister-in-law Vinushi came out of the house and everyone congratulated her. His eyes were moist with happiness. He said that this is a historic moment. I don't have words to speak.
'Rocket Woman' Ritu Karidhal Srivastava was leading Chandrayaan Mission-3 ..
Ritu Karidhal Srivastava is the director of Chandrayaan Mission-3 - The eyes of the whole country were on Chandrayaan. In this, space scientist Ritu Karidhal Srivastava, known as 'Rocket Woman', was leading from the front. The weather of Lucknow is an example of the growing threat of Indian women in the world of science. Ritu, who has shown her skills in the Mangalyaan mission, achieved another high of success with Chandrayaan.
Early life and family
Karidhal was born in Lucknow, Uttar Pradesh. She grew up in a middle-class Kayastha family that placed great emphasis on education. He has two brothers and two sisters. His father was in the defense services. The unavailability of resources and failures of coaching institutes and tuitions gave him the motivation to succeed. She knew that he was interested in space science. Gazing for hours at the night sky and thinking about outer space, she used to think about the moon, like how it changes its shape; He studied the stars and wanted to know what was behind the dark spot. In his teens, he started collecting newspaper cuttings about any space related activity and started tracking the activities of ISRO and NASA.
Karidhal completed his graduation in Physics from Lucknow University. He cleared the Graduate Aptitude Test in Engineering (GATE) exam, and joined the Indian Institute of Science (IISc) to pursue his master's degree in aerospace engineering.
After this he turned to the Indian Science Institute of Bangalore. Where he mastered in space science. Seeing Ritu's talent, she got a job in ISRO. This young scientist achieved many achievements after this and in 2007 he also received the Young Scientist Award.
His ability and achievements at a very young age made him a great scientist. After this, he played an important role in all the big space missions of the country. That is why she is also called the Rocket Woman of India.
🙏🙏
ReplyDeleteसारे देश को गौरवान्वित किया।
ReplyDeleteDesh Ka Gaurav
ReplyDeleteहम सभी के साथ साथ देश को भी गौरवान्वित किया
ReplyDeleteMany Congratulations "रॉकेट वुमन" हिंदुस्तान का गौरव
ReplyDeleteNice information...
ReplyDeleteहिंदुस्तान का गौरव हैं
ReplyDeleteBIG SALUTE TO ALL ISRO SCIENTISTS..
ReplyDeleteJAI HIND JAI BHARAT
Desh ki shaan
ReplyDeleteWahhhhhhhhhh......desh ki shan
ReplyDeleteWahhhhhhhhhh......desh ki shan
ReplyDeleteऋतु कारीधाल श्रीवास्तव रॉकेट वुमन के रूप में प्रसिद्ध उनके अंतरिक्ष क्षेत्र में योगदान के लिए संपूर्ण देशवासी नमन एवम गर्व करते हैं। जय भारत जय विज्ञान।
ReplyDeleteनमन है भारत जननी 🙏🚩🐅❣️🍃🙌
ReplyDeleteCongratulations.
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