करीला धाम ( माता जानकी मंदिर)
आज हम चर्चा करते हैं, मध्यप्रदेश के एक और मंदिर "करीला धाम (माता जानकी मंदिर)" की
मध्यप्रदेश में अशोकनगर जिले के मुंगावली तहसील में स्थित है माँ सीता का दरवार जो जनसमुदाय में करीला धाम के नाम से प्रसिद्ध है। करीला माता का मंदिर अशोकनगर से 35 km दूर स्थित है।
रंगपंचमी के मौके पर लव कुश का जन्म हुआ था इसलिए रंगपंचमी के अवसर पर यहां मेले का आयोजन होता है। करीला में बाल्मीकि जी का आश्रम था जहाँ जानकी माता ने लव कुश जन्म दिया था। यहाँ रंगपंचमी पर एक अनोखा मेला लगता है, जिसमें शिरकत करने के लिए देशभर से 25 लाख से अधिक लोग पहुंचते हैं।
विश्व का एकमात्र मंदिर जहां होती है केवल माता सीता की पूजा
अनोखी है यहां की परंपरा
माना जाता है कि महर्षि वाल्मीकि ने लवकुश का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया था। उस समय बधाई गीत गाए गए थे और स्वर्ग से अप्सराएं तक उतर आई थीं। इस खुशी में बेड़िया जाति की हजारों नृत्यांगनाएं भी इस खुशी में जमकर नाची थीं। तभी से यह प्रथा आज तक निभाई जा रही है। इसी क्रम में राई नृत्य की प्रथा आज भी चलन में है।
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Karila Dham (Mata Janaki Temple)
Today we discuss, another temple of Madhya Pradesh "Karila Dham (Mata Janaki Temple)".
Located in Mungawali tehsil of Ashoknagar district in Madhya Pradesh, the temple of Mother Sita is famous by the name of Karila Dham. Karila Mata Temple is located 35 km away from Ashoknagar.
The famous Janaki Mata Ka Mandir is also known as the birth place of Luv Kush. A religious and cultural fair is organized here every year on Rangpanchami, in which the famous Rai dance is presented. It is believed that anyone who asks Janaki Maiya with a sincere heart, his wish gets fulfilled. It is believed that by asking for a vow at this place, an empty hole is filled. After the fulfillment of their wishes, people get the dance of mustard done here.
Luv Kush was born on the occasion of Rangpanchami, hence a fair is organized here on the occasion of Rangpanchami. There was an ashram of Valmiki ji in Karila where Janaki's mother gave birth to Luv Kush. A unique fair is held here on Rangpanchami, in which more than 25 lakh people reach from all over the country to participate.
The only temple in the world where only Mata Sita is worshipped
Janaki temple of Karila village is special in the world because there is no idol of Janaki Mata with Lord Rama here. There is an idol of Sitamata with Shri Ramchandraji everywhere in the Ram temple, but the special thing in this temple is that only and only Sita Mata's idol is installed here.
Unique tradition here
It is believed that Maharishi Valmiki celebrated the birth anniversary of Lavkush with great pomp. At that time congratulatory songs were sung and the Apsaras had descended from heaven. Thousands of dancers of Bedia caste also danced fiercely in this happiness. Since then this practice is being followed till date. In this sequence, the practice of Rai dance is still in practice.
जय हो माँ जानकी 🙏
ReplyDeleteक्या बात है जय श्रीराम 🙏
ReplyDeleteजय सिया राम।
ReplyDeleteसंत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में वाल्मीकि आश्रम के बारे में वर्णन करते हुए लिखा है कि : -
ReplyDeleteनव रसाल वन विहरन सीला, सोह कि कोकिल विपिन करीला।रहहु भवन अस्स हृदय विचारी, चंद वदनि दुख कानन भारी।।
ऐसा जगह जहाँ माँ जानकी अपने दोनों पुत्र लव और कुश को जन्म दी थीं ऐसा पावन तीर्थ जहां
हरेक इन्शान की मनोकामना पूर्ण होती है उसके बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए आपको
हृदय से आभार🌷
🙏जय जानकी माँ🙏
तुलसीदास जी की पंक्तियों से पोस्ट की शोभा बढ़ाते हुए सुंदर व्याख्या।
Deleteसुंदर प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार 🌷🌷
पावन तीर्थ का दर्शन समावेश करती मृदुल मनोहर कथा
ReplyDeleteसुंदर शब्दों से हौसला अफजाई के लिए हार्दिक आभार 🌷
Deleteचाहे हमें जितनी भी जानकारी दे दो हम कहीं जाने वाले नही
ReplyDeleteकोई बात नहीं, हम ही आ जायेंगे आपके पास, तब चलेंगे।
Deleteजय सिया राम और लव कुश जी की
ReplyDeleteजय मां जानकी 🙏🏻
ReplyDeleteजय माता जानकी
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDeleteJai ho
ReplyDeleteअद्भुत मंदिर जहां सीता माता का इकलौता मंदिर है।
ReplyDeleteWhat great news.
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