धर्मशाला स्काइवे
ऊंचाई से नीचे देखने का रोमांच अलग है और डर अलग। आज यहां चर्चा करते हैं, करीब 200 करोड़ की लागत से बने धर्मशाला-मैक्लोडगंज रोपवे की। धर्मशाला शहर की खूबसूरती आसमान से देखने का मजा ही कुछ और है।
पहाड़ी रास्ते से जाते हुए जहां ये लग रहा था कि यहां आबादी बहुत कम है, दूर दूर पहाड़ियों पर कुछ घर दिखते थे, पर स्काईवे से जब पूरी धर्मशाला एक साथ दिखई देती है, तो वह नजारा देखते ही बनता है। एक तरफ पहाड़ियों पर बने घर तो एक तरफ सिर्फ पहाड़ियां और हरी भरी वादियां और हवा में लटके हुए हम।
वास्तव में स्काईवे का सफर बेहद रोमांचक रहा। शुरुवात में इशी थोड़ी डर रही थी, नीचे भी बिल्कुल नहीं देख रही थी, पर थोड़ी दूर जाने के बाद उसका डर खत्म हो गया और उसने भी इस हवाई उड़ान का भरपूर आनंद उठाया।
ये तो हुआ स्काईवे का हमारा अनुभव। आइये अब थोड़ी चर्चा करते हैं टाटा समूह द्वारा विकसित इस हवाई रोपवे परियोजना के विषय में :-
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 19 जनवरी 2022 को धर्मशाला स्काईवे का उद्घाटन किया था।रोपवे में सफर करने वाले लोग हर तरफ से धर्मशाला शहर की खूबसूरती को निहार सकेंगे। धर्मशाला रोपवे का कार्य वर्ष 2017 में शुरू हुआ था और दिसंबर 2019 तक इसका कार्य पूरा होना प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना महामारी और कई अन्य कारणों के चलते इसका कार्य करीब दो साल बाद पूरा हुआ और 19 जनवरी 2022 को इसका उद्घाटन हुआ था।
धर्मशाला स्काईवे टाटा समूह द्वारा विकसित एक हवाई रोपवे परियोजना है। इसके कारण दो पर्यटन केंद्रों के बीच की दूरी नौ किलोमीटर से घटकर केवल 1.8 किमी रह गई है। इस स्काइवे के जरिए एक हजार टूरिस्ट्स एक घंटे में धर्मशाला से मैक्लोडगंज जा सकते हैं। अर्थात पर्यटक धर्मशाला से मैक्लोडगंज की दूरी सिर्फ पांच मिनट में तय कर सकते हैं, जबकि सड़क मार्ग से 45 मिनट समय लगता है।
धर्मशाला स्काइवे नाम से बने इस रोपवे के माध्यम से अब पर्यटन नगरी धर्मशाला से दलाईलामा की नगरी मैक्लोडगंज का नौ किलोमीटर का सफर सिर्फ 5 मिनट में तय होगा। इसका एक फायदा ये भी होगा कि सैलानियों को जाम से भी छुटकारा मिलेगा और धर्मशाला शहर की खूबसूरती आसमान से भी देखी जा सकेगी।
इस दूरी को रोपवे से तय करने में एक तरफ से 340 रुपये और जाकर वापस आने अर्थात अप-डाउन करने के लिए 500 रुपये चुकाने पड़ेंगे। रोपवे का सफर करने वाले यात्रियों को दोनों टर्मिनल पर खाने-पीने के लिए कैफेटेरिया बनाए गए हैं, साथ ही पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इटली की कंपनी की मदद से टाटा समूह द्वारा बना यह रोपवे एक ट्रॉली में आठ लोगों को धर्मशाला से मैक्लोडगंज पहुंचाएगा। रोपवे में 18 ट्रॉलियां स्थापित की गई हैं। एक घंटे में करीब 800 लोग सफर का आनंद ले सकते हैं। यह रोपवे देश का पहला आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस है। बिना गियर वाले इस रोपवे का सफर बेहद ही सुरक्षित है। इससे समय के साथ बिजली की भी बचत होगी।
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Dharamshala Skyway
The thrill of looking down from the height is different and the fear is different. Today let's discuss here, the Dharamsala-McLeodganj ropeway built at a cost of about 200 crores. The fun of seeing the beauty of the city of Dharamshala from the sky is something else.
While going through the hilly road, where it seemed that the population here is very less, some houses were visible on the hills far away, but when the whole Dharamshala is seen together from the skyway, then that view is made in sight. On one side there are houses built on hills and on one side only hills and green valleys and we are hanging in the air.
In fact, the journey to Skyway was very exciting. In the beginning Ishi was a little scared, not even looking down at all, but after going a little distance, her fear was over and she also enjoyed this flight very much.
This is our experience of Skyway. Let us now discuss a little about this aerial ropeway project developed by Tata Group :-
Himachal Pradesh Chief Minister Jai Ram Thakur had inaugurated the Dharamsala Skyway on 19 January 2022. People traveling in the ropeway will be able to see the beauty of Dharamshala city from all sides. The work of Dharamshala ropeway started in the year 2017 and its work was proposed to be completed by December 2019, but due to Corona epidemic and many other reasons, its work was completed after about two years and it was inaugurated on 19 January 2022.
Dharamshala Skyway is an aerial ropeway project developed by the Tata Group. Due to this the distance between the two tourist centers has come down from nine kms to just 1.8 kms. Through this skyway, one thousand tourists can go from Dharamsala to McLeodganj in an hour. That is, tourists can cover the distance from Dharamsala to McLeodganj in just five minutes, while it takes 45 minutes by road.
Through this ropeway named Dharamsala Skyway, now the nine kilometer journey from the tourist town of Dharamsala to the Dalai Lama's city of McLeodganj will be covered in just 5 minutes. One advantage of this will also be that the tourists will also get rid of the jam and the beauty of Dharamshala city can also be seen from the sky.
To cover this distance by ropeway, Rs 340 will have to be paid from one side and Rs 500 for coming back i.e. up-down. For the passengers traveling on the ropeway, cafeterias have been set up at both the terminals for food and drink, as well as parking has been arranged.
According to reports, this ropeway built by the Tata Group with the help of an Italian company will transport eight people from Dharamsala to McLeodganj in a trolley. 18 trolleys have been installed in the ropeway. About 800 people can enjoy the journey in an hour. This ropeway is the country's first equipped with modern technology and facilities. The journey of this ropeway without gear is very safe. This will also save electricity over time.
You are very sorry to travel, you have a wonderful journey.
ReplyDeleteअदभुत रोमांचक 👌👌
ReplyDeleteक्या सवाल है
ReplyDeleteलाजवाब
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत नजारा है धर्मशाला शहर
ReplyDeleteलेकिन यह केवल कार में बैठने से मेरे को बहुत डर लगता है😱😱 मेरे लिए वीडियो और फोटो खींचना बहुत दूर की बात है मैं उसके अंदर बैठने के बाद अपनी आंखें नहीं खोलता हूं
जब आंखे बंद कर लेंगे तो खूबसूरत नजारा दिखेगा कैसे? और ये तो स्काईवे की है, जब कार में इतना डर लगता है तो इसमें क्या होगा आपका🤔🤔
Deleteमेरे को हवा के अंदर ऊंचाई से डर लगता है
Deleteक्योंकि ऊंचाई से मेरे को चक्कर आने लगते हैं😊😊
और हां मैंने देखा कि ये छोटी बच्चियां अच्छे से केबल कार का मजा ले रही है भगवान उन्हें इसी तरह मुस्कुराते और स्वस्थ रखें यही प्रार्थना
Deleteमेरे साथ वाले रोपवे में भी एक लड़की थी, जिसे चक्कर आ रहे थे। रोपवे से उतरने बाद उसको वहां सभी रिलैक्स करवा रहे थे।
Deleteआपकी शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत धन्यवाद😊🌷
Delete🙏🙏
Delete🙏🙏
Deleteमधुर-मुस्कान प्यारी बातों से आपने
ReplyDeleteऐसी जगह बना ली है हमारे दिल में
फिकर तो करेगा ही हमारा ये दिल
रब ना करे आओ किसी मुश्किल में
मेरी लेखनी पे वाह-वाह करेगा कौन
हम ना करेंगे तो परवाह करेगा कौन
आए दिन दिखाती बेहतरीन नजारे
ज्ञान गंगा का ये प्रवाह करेगा कौन
हमें प्रेम है रूपा ओस की बूंद की
नई-नवेली-इठलाती हर पदचाप से
दिल चाहे कलम चलती रहे हमेशा
यही उम्मीद है हमें रूपा जी आपसे
आप खुश रहे हमेशा और आपका
परिवार भी हमेशा यूँही सलामत रहे
रूपा ओस की बूंद ब्लॉग लिखने की
यूँ ही बरकरार हमेशा यह चाहत रहे
ये गमों के बादल जिंदगी में ना छाए
हंसते-मुस्कुराते हमेशा सामने आए
दुआ है यही हमारी हमेशा दिल से
खुशियाँ हमेशा दामन थामने आए
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
कितनी अच्छी कविता कर लेते
Deleteहर एक बात पर
आपकी दुआओं के लिए
दिल से आभार आपका
ये मेरी भी दुआ है रब से
आपकी लेखनी यों ही
चलती रहे
आप हर बात को काव्य में पिरोते रहे
आपका दामन खुशियों से भरा रहे
गम की इसमें कोई जगह न हो
🙏💦रूपा ओस की एक बूंद💦🙏
घूमने जाना चाहे गर देश-विदेश
Deleteपर देखना जरूर हिमाचल प्रदेश
रूपा ओस की बूंद के ब्लॉग पर
हिमाचल प्रदेश-जानकारी विशेष
क्या गजब सारे बेहतरीन नजारे
बेहद खूबसूरत ये खुली वादियाँ
कहीं है पक्षियों की चहचहाहट
कहीं पर कलकल बहती नदियाँ
इस प्रदेश का अलग ही मजा है
नहीं घूमने गये समझो सजा है
काश एक बार मैं घूमकर आऊं
मेरे इस दिल की भी यही रजा है
नदी देखो बांध और सागर देखो
कई सारे मंदिर-खुले मैदान देखो
मिनी स्विट्जरलैंड है खज्जियार
चिड़ियाघर चाय के बागान देखो
धर्मशाला स्काईवे,झरने और घाटी
धार्मिक स्थलों की यह है परिपाटी
हिमाचल प्रदेश के यारों क्या कहने
विश्व प्रसिद्ध यहाँ की पावन माटी
कांगड़ा में स्थित नूरपुर का किला
देखकर हर दृश्य मन-फूल खिला
सैर करके पूरे हिमाचल प्रदेश की
मन को हमारे बहुत सुकून मिला
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
very nice rupa ji
ReplyDeleteaap se milkar achha laga
ReplyDeleteअपने नाम से कमेंट करें तो मुझे पता भी लगे आपके बारे में
DeleteI am BABLU DHALIYA
Delete👍🏻
Deleteस्वागत है आपका
This comment has been removed by the author.
Deletehi how are you mam
Delete🤣🤣🤣🤣🤣🤣 ये तो मैंने सोचा ही नहीं। वैसे सफर पर समान कम हो तो ही अच्छा।
ReplyDeleteपर अब कल पक्का कपड़े बदल लूंगी।
Very exciting
ReplyDelete👍👍
Wonderful wonderful wonderful
ReplyDeleteSuhaana safar aur apno ka sath👍
ReplyDeleteअद्भुत,आनंदपूर्ण,रोमांचक सफर
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा सफ़र रहा होगा,
ReplyDeleteBeautiful pics & blog..👌👌🌹
ReplyDeleteBeautiful ❣️
ReplyDeletegood morning rupa ji
ReplyDeleteGood morning
DeleteVery nice
ReplyDeleteLajawaab.
ReplyDeleteघूमने जाना चाहे गर देश-विदेश
ReplyDeleteपर देखना जरूर हिमाचल प्रदेश
रूपा ओस की बूंद के ब्लॉग पर
हिमाचल प्रदेश-जानकारी विशेष
क्या गजब सारे बेहतरीन नजारे
बेहद खूबसूरत ये खुली वादियाँ
कहीं है पक्षियों की चहचहाहट
कहीं पर कलकल बहती नदियाँ
इस प्रदेश का अलग ही मजा है
नहीं घूमने गये समझो सजा है
काश एक बार मैं घूमकर आऊं
मेरे इस दिल की भी यही रजा है
नदी देखो बांध और सागर देखो
कई सारे मंदिर-खुले मैदान देखो
मिनी स्विट्जरलैंड है खज्जियार
चिड़ियाघर चाय के बागान देखो
धर्मशाला स्काईवे,झरने और घाटी
धार्मिक स्थलों की यह है परिपाटी
हिमाचल प्रदेश के यारों क्या कहने
विश्व प्रसिद्ध यहाँ की पावन माटी
कांगड़ा में स्थित नूरपुर का किला
देखकर हर दृश्य मन-फूल खिला
सैर करके पूरे हिमाचल प्रदेश की
मन को हमारे बहुत सुकून मिला
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏