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"पंडित शिवकुमार शर्मा (Pandit Shiv Kumar Sharma)" का दिल का दौरा पड़ने से निधन

 "पंडित शिवकुमार शर्मा (Pandit Shiv Kumar Sharma)" का दिल का दौरा पड़ने से निधन

जन्म:13 जनवरी, 1938: मृत्यु- 10 मई, 2022

संजीत जगत में शोक का माहौल। प्रख्यात संगीतकार और संतूर वादक "पंडित शिवकुमार शर्मा (Pandit Shiv Kumar Sharma)" का दिल का दौरा पड़ने से कल  (10.05.2022) मुंबई में निधन हो गया। पंडित शिवकुमार शर्मा 84 वर्ष के थे। भारतीय संगीत को उनके खास अंदाज की वजह से अतंर्राष्ट्रीय पहचान मिली थी। पंडित शिव कुमार शर्मा ने फिल्मों में भी योगदान दिया था। 

"पंडित शिवकुमार शर्मा (Pandit Shiv Kumar Sharma)" का दिल का दौरा पड़ने से निधन जन्म:13 जनवरी, 1938: मृत्यु- 10 मई, 2022

भारत की महान शास्त्रीय संगीत परंपरा में संतूर एक अभिन्न अंग है, लेकिन इस लोक वाद्ययंत्र को शास्त्रीय परंपरा के एक अहम वाद्य के रूप में स्थापित करने का श्रेय पंडित शिवकुमार शर्मा जी को जाता है। 

खबरों के अनुसार, उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।  इतना ही नहीं, वह पिछले कई महीनों से किडनी से संबंधित समस्या से भी जूझ रहे थे, जिससे उन्हें डायलिसिस भी करानी पड़ती थी। उनका जन्म 13 जनवरी 1938 को जम्मू में हुआ था।  उनके पिता उमा दत्त शर्मा भी एक गायक थे। उन्होंने ही पांच साल की उम्र से बेटे शिव कुमार को तबला और संगीत सिखाना शुरू किया था। शिवकुमार शर्मा ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनकी माँ का यह सपना था कि वे भारतीय शास्त्रीय संगीत को संतूर पर बजाने वाले प्रथम संगीतज्ञ बनें। इस प्रकार उन्होंने 13 वर्ष की आयु में संतूर सीखना शुरू कर दिया तथा अपनी माँ का सपना पूरा किया।

"पंडित शिवकुमार शर्मा (Pandit Shiv Kumar Sharma)" का दिल का दौरा पड़ने से निधन जन्म:13 जनवरी, 1938: मृत्यु- 10 मई, 2022

शिवकुमार शर्मा को कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है-

  • सन 1985 में उन्हें अमरीका के बोल्टिमोर शहर की सम्माननीय नागरिकता प्रदान की गई।
  • सन 1986 में शिवकुमार शर्मा को 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • सन 1991 में उन्हें 'पद्मश्री पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • सन 2001 में उन्हें 'पद्म विभूषण पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
"पंडित शिवकुमार शर्मा (Pandit Shiv Kumar Sharma)" का दिल का दौरा पड़ने से निधन जन्म:13 जनवरी, 1938: मृत्यु- 10 मई, 2022
RIP 

15 comments:

  1. पंडित शिव कुमार शर्मा जी ने जम्मू कश्मीर के वाद्य यंत्र संतूर को पूरे विश्व मे पहचान दी।
    उन्हें शत शत नमन

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  2. पंडित शिवकुमार शर्मा को शत शत नमन।

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  3. ईश्वर अपने श्रीं चरणों में स्थान दे। ॐ शांति ।

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  4. विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित पंडित शिव कुमार शर्मा शास्त्रीय संगीत के संतूर वादन क्षेत्र में अमर ख्याति प्राप्त की थी ,इनका निधन शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है।

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  5. 🙏🏻 ओम शांति 🙏🏻
    भगवान उनकी दिव्य आत्मा को शांति दे यही प्रार्थना 🙏🏻🙏🏻

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  6. So sad Rip

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  7. @RupaSin44202771
    #अश्रुपूरित_श्रद्धांजलि
    #शत_शत_नमन
    #प्रख्यात_संगीतकार
    #पंडित_शिवकुमार_शर्मा
    #अपूरणीय_क्षति
    https://twitter.com/RupaSin44202771/status/1524275280919293953
    🙏🥺🙌👣🔥👣🙌🙏

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  8. भारतीय संगीत-जगत के
    सुप्रसिद्ध वो संगीत साधक
    भारतीय शास्त्रीय संगीत के
    महारथी और संतूर वादक
    13 वर्ष की अल्पायु से ही
    पंडित श्रीशिवकुमार शर्मा
    बजाने लग गये थे सितार
    देश-विदेश में पाया उन्होंने
    प्रेम-स्नेह और नाम अपार
    सिनेमा जगत में भी उन्होंने
    कई गीतों को संगीत दिया
    संतूर के मनमोहक सुरों से
    सभी का दिल जीत लिया
    भारतीय संस्कृति में उनका
    अविस्मरणीय है योगदान
    कई अलंकारों से विभूषित
    किया गया उनका सम्मान
    उनका ये श्रेष्ठतम योगदान
    कभी भुलाया ना जाएगा
    संगीत की हर महफिल में
    उनका नाम जरूर आएगा
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  9. संतूर को जिस मक़ाम तक पंडित जी "शिव जी” ने पहुंचाया वो हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक सुनहरा अध्याय बनकर सदियों तक हमारे बीच रहेगा। चाहे संगीत साधना करने वाले जन हों या कि संगीत श्रोता सभी का हृदय पंडित जी ने अपने व्यक्तित्व से जीत लिया, शायद अमरत्व इसी को कहते हैं। शरीर रूप में इस संसार से पारगमन सभी का निश्चित है किंतु सदा के लिए जन जन के हृदय में ऐसा सुंदर स्थान बना पाना दुर्लभ है। मुझे अपने बचपन की स्मृति में , नैनीताल में उनको सामने बैठकर सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। संदीप दास जी ने उनके साथ तबले पर संगत की थी। सायंकाल संगीत कार्यक्रम में पंडित जी का ओजस्वी चेहरा, हल्की सी मुस्कान, शांत स्वभाव और काले कुर्ते पर सफेद रंग की कढ़ाई के काम वाला अंगवस्त्र !! उनकी वो छवि मेरे मन मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ गई। मेरे परिवार में संगीत की पृष्ठभूमि होने से उनके नाम से में भली भांति परिचित था। उनका बहुत सा casette collection था हमारे पास। उनकी संगीत साधना और समर्पण अद्वितीय है। उनके संगीत के प्रति योगदान के लिए हम सभी सदैव उनके ऋणी रहेंगे। उनका संगीत आने वाली कई पीढ़ियों तक सभी को मंत्रमुग्ध करता रहेगा। ईश्वर उनकी इस जीवन से आगे की यात्रा में उन्हें शांति प्रदान करें। पंडित जी को मेरा हृदय से प्रणाम।
    🌺 🌺 🙏🙏 ॐ शांति 🙏🙏 🌺🌺

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  10. Pandit Shiv Kumar Sharma Treasure of India, honored with various awards, had gained immortal fame in the field of classical music, his death is an irreparable loss in the field of classical mus

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