तोदरी / Pepperweed
इस ब्लॉग में बहुत सारे औषधीय पौधों की चर्चा की जा चुकी है। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए आज एक ऐसे औषधीय पौधे की चर्चा करेंगे, जो गुणों की खान है। आयुर्वेद में बहुत तरह के औषधि बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। तोदरी तीन तरह की होती है, लेकिन इसमें पीले बीज वाली तोदरी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। पीले बीज वाली तोदरी गुणों में श्रेष्ठ मानी जाती है। तोदरी का पौधा दक्षिण यूरोप में बहुतायत से पाया जाता है। इसको भाषा विशेष के आधार पर तोदरी, सफेद तोदरी, तुदरी, तुधारी आदि नामों से जाना पहचाना जाता है। तोदरी का वानस्पतिक (लेटिन)नाम Lepidium Virginicum है।
तोदरी क्या है?
तोदरी एक औषधीय पौधा है, जो सफेद लाल और पीले बीजों के आधार पर तीन प्रकार की होती है। यह 30 सेंटीमीटर ऊंचा लघुआकारीय, कांटा वाला, शाकीय पौधा होता है। इसके पत्ते लंबे तथा संकीर्ण होते हैं। इसके फूल उभयलिंगी, छोटे, सफेद रंग के, सहपत्र रहित होते हैं। इसके बीज मसूर के दाने के समान, किंतु बहुत छोटे तथा चपटे होते हैं। बीजों को पानी में भिगोने से लुआब उत्पन्न होता है। इसकी फलियां बहुत छोटी होती हैं। इसका पुष्प काल अप्रैल से अगस्त तक होता है।
जानते हैं तोदरी के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
तोदरी प्रकृति से कड़वी तथा गर्म होती है। यह वात और कफ को कम करने वाली होती है। तोदरी के पौष्टिकता के आधार पर इसके बहुत सारे औषधिपरक गुण भी है, जो बहुत सारे बीमारियों के लिए इलाज के रूप में काम करता हैं।
तोदरी के बीज
श्वास नली में सूजन की समस्या
बदलते मौसम के कारण यदि श्वास नली में सूजन हो जाता है, तो तोदरी के बीजों का काढ़ा बनाकर 10 से 20 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करने से लाभ मिलता है।
दस्त होने पर
असंतुलित खानपान या किसी संक्रमण के कारण यदि दस्त की समस्या हो जाती है, तो तोदरी के पंचांग का काढा बनाकर 10 से 20 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करने से जीर्ण अतिसार अर्थात दस्त मे लाभ होता है। इसके साथ ही दस्त से होने वाली कमजोरी भी दूर हो जाती है।
रक्तमेह की समस्या
पेशाब के साथ खून निकलने पर यदि कोई इलाज काम नहीं आ रहा है, तो तोदरी पंचांग का काढ़ा बनाकर 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में सेवन करने से रक्तमेह में लाभ होता है।
आमवात या गठिया के दर्द की समस्या
तोदरी का औषधीयगुण गठिया के दर्द में भी आराम दिलाता है।तोदरी पंचांग को पीसकर लगाने से आमवात में लाभ होता है। इसके साथ ही तोदरी के फूलों को जैतून या तिल के तेल में पकाकर छानकर उस तेल से मालिश करने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है।
शारीरिक दुर्बलता
2-3 ग्राम तोदरी में समान मात्रा में मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है तथा शरीर को ताकत मिलती है।
सूजन को कम करने में
तोदरी को पीसकर सूजन पर लेप करने से सूजन एवं घाव ठीक होते हैं।
आयरन की कमी
अगर शरीर में आयरन की कमी है, तो तोदरी का काढ़ा बनाकर नियमित रूप से 10 से 20 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करने से शरीर में रक्त की कमी दूर होती है।
अस्थमा की समस्या
अस्थमा के रोगियों के लिए तोदरी फायदेमंद हो सकती है। नियमित रूप से अस्थमा के रोगियों को 10 से 20 मिलीग्राम तोदरी के बीजों का सेवन करने से राहत मिलता है।
विभिन्न भाषाओं में तोदरी के नाम
Hindi -तोदरी, सफेद तोदरी;
Urdu -तुदरी (Tudri)।
English -पेपरवीड (Pepperweed);
Arbi -तुदारंज (Toodharanj), तुधारी (Toodharee);
Persian -तोदरी (Todaree)
तोदरी के नुकसान
चिकित्सक की देखरेख के बिना किसी भी आयुर्वेद औषधि का सेवन करने से नुकसान होने की सम्भावना होती है |
English Translate
Todri / Pepperweed
Many medicinal plants have been discussed in this blog. Taking this sequence forward, today we will discuss such a medicinal plant, which is a mine of properties. It is used in making many types of medicines in Ayurveda. There are three types of Todri, but the yellow seeded Todri is used the most. Todri with yellow seeds is considered best in properties. Todari plant is found abundantly in South Europe. It is known by the names of Todari, Safed Todari, Tudari, Tudhari etc. on the basis of language specific. The botanical (Latin) name of Todri is Lepidium Virginicum.
What is Todri?
Todari is a medicinal plant, which is of three types on the basis of white, red and yellow seeds. It is a miniature, thorny, herbaceous plant up to 30 cm high. Its leaves are long and narrow. Its flowers are bisexual, small, white in color, without cotyledons. Its seeds are similar to lentils, but very small and flat. Soaking the seeds in water produces a paste. Its pods are very small. Its flowering period is from April to August.
Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of Todri
Todri is bitter and hot in nature. It is supposed to reduce Vata and Kapha. Based on the nutritional value of Todri, it also has many medicinal properties, which work as a treatment for many diseases.
respiratory tract inflammation
If there is swelling in the respiratory tract due to the changing season, then taking 10 to 20 ml quantity by making a decoction of the seeds of tamarind is beneficial.
having diarrhea
If there is a problem of diarrhea due to unbalanced diet or any infection, then taking a decoction of Todri's Panchang in 10 to 20 ml quantity is beneficial in chronic diarrhoea. Along with this, the weakness caused by diarrhea also goes away.
hematuria problem
If any treatment is not useful in case of bleeding with urine, then taking 10 to 20 ml decoction of Todri Panchang, it is beneficial in hematuria.
rheumatic pain problem
The medicinal properties of Todri also provide relief in the pain of arthritis. Grinding Todri Panchang and applying it, it is beneficial in rheumatism. Along with this, after cooking the flowers of Todri in olive or sesame oil, filtering and massaging with that oil provides relief in the pain of arthritis.
physical infirmity
Mixing equal quantity of sugar candy in 2-3 grams of Todri and taking it with milk removes the weakness of the body and gives strength to the body.
reducing inflammation
Swelling and wounds are cured by grinding ginger and applying it on the swelling.
iron deficiency
If there is a deficiency of iron in the body, then making a decoction of grapefruit and taking 10 to 20 ml regularly, it ends the lack of blood in the body.
asthma problem
Todri can be beneficial for asthma patients. Asthma patients get relief by taking 10 to 20 mg of tudri seeds regularly.
Nice
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteतोदरी का नाम पहली बार सुना।
ReplyDeleteइसके गुणों के बारे में जानकर अच्छा लगा।
कभी सुना देखा नहीं इस पौधे के बारे में
ReplyDeleteकहां से छांट के पोस्ट लाती..ये नाम ही पहली बार सुना है।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteThank you so much for giving such useful information, waiting for next
ReplyDeleteAn useful Post for all of us. An excellent information.
ReplyDeleteVery useful
ReplyDeleteVery useful
ReplyDeleteuseful info
ReplyDeleteतोदरी विभिन्न औषधीय गुणों वाला पौधा है। यह अनेक बीमारियों में उपयोगी है।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteतोडरी का तो कभी नाम ही नही सुना, अपने देश में होता भी है। कोई देशी नाम भी होगा।
ReplyDeleteअच्छी और उपयोगी जानकारी
Very nice information..
ReplyDeleteVery nice information..
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteएक नए पौधे के बारे में जानकारी मिली।
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