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पारिजात / हरसिंगार / Harsingar/ Parijat

पारिजात / हरसिंगार

पारिजात, जिसको हरसिंगार भी कहते हैं, यह एक फूल है जिससे आप सभी अवगत होंगे। सामान्यतया हमारे भारतीय घरों में पूजा पाठ में भगवान को फूल अर्पण करने का प्रावधान है। ज्यादातर लोग इसे पूजा में उपयोग में लाते हैं। पारिजात का पेड़ बाग - बगीचों में पाया जाता है। इसके फूल बहुत ही मनमोहक, खुशबूदार और आकर्षक होते हैं। आज यहां पारिजात या हरसिंगार के औषधीय गुणों के बारे में जानेंगे।

पारिजात / हरसिंगार / Harsingar/ Parijat

हरसिंगार क्या है?

हरसिंगार का जिक्र कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। इसके फूल अत्यधिक सुगंधित छोटे पंखुड़ियों वाले और सफेद रंग के होते हैं तथा फूल के नीचे बीच में चमकीला नारंगी रंग की छोटी सी डंठल होती है। हरसिंगार का पौधा झाड़ीदार होता है। हरसिंगार के पौधे दक्षिण पूर्वी और दक्षिणी एशिया में उगते हैं। यह अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक फूलों से लदे रहते हैं। इसके फल भूरे रंग के गोल और छोटे छोटे होते हैं।

जानते हैं हरसिंगार के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में 

खुशबूदार फूल होने के साथ ही हरसिंगार के पौधे की पत्तियां, फूल, छाल आदि हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। हरसिंगार के पत्तों के साथ इसके फूल में भी औषधीय गुण होते हैं। हरसिंगार के फूल आंखों की समस्या में फायदेमंद होते हैं। साथ ही भूख को बढ़ाने, पाचन शक्ति विकारों को दूर करने में सहायक है। 

बुखार में

  • हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा बनाकर 10 से 30 मिलीलीटर काढ़ा में अदरक का चूर्ण तथा मधु मिलाकर सेवन करने से साधारण बुखार के साथ-साथ गंभीर बुखार में भी लाभ होता है।
  • 5 से 10 मिलीलीटर हरसिंगार के पत्ते के रस में 1 से 2 ग्राम त्रिकटु चूर्ण मिलाकर सेवन करने से गंभीर बुखार उतर जाता है।

रूसी की समस्या

बालों में रूसी होना एक आम समस्या है। पारिजात के बीजों का पेस्ट बनाकर उसे सिर पर लगाने से रूसी की परेशानी खत्म होती है।

खांसी की समस्या

500 मिलीग्राम पारिजात की छाल का चूर्ण बनाकर सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

रक्त स्राव की समस्या

कुछ लोगों को नाक और कान आदि से खून बहने की समस्या होती है। पारिजात की जड़ को मुंह में रखकर चबाने से नाक, कान, कंठ आदि से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।

पेट में कीड़े की समस्या

बच्चे हों या वयस्क सभी को पेट में कीड़े की समस्या हो जाती है। ऐसे में हरसिंगार के पेड़ के ताजे पत्ते का रस बनाकर चीनी के साथ सेवन करने से पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।

बार-बार पेशाब आने की समस्या

पारिजात के पेड़ के तने, पत्ते, जड़ और फूल का काढ़ा बनाएं। इससे 10 से 30 मिलीलीटर की मात्रा में सेवन करने से यह परेशानी खत्म होती है।

घाव होने पर

पारिजात के बीज का पेस्ट बनाकर शरीर की त्वचा पर होने वाले फोड़े फुंसी या अन्य घाव पर लगाने से घाव ठीक होता है।

मधुमेह / डायबिटीज की समस्या

पारिजात का पेड़ डायबिटीज में बहुत लाभदायक होता है। 10 से 30 मिलीलीटर पारिजात के पत्ते का काढ़ा बनाकर सेवन करने से मधुमेह रोग में लाभ होता है।

गठिया रोग में

  • हरसिंगार की जड़ का काढ़ा बनाकर 10 से 30 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करने से गठिया रोग में आराम मिलता है।
  • हरसिंगार के पत्ते को पीसकर गुनगुना करके लेप लगाने से जोड़ों के दर्द में आराम होता है। 

दाद की समस्या

हरसिंगार के पत्तों का रस निकालकर इसको दाद वाले अंग पर लगाने से दाद ठीक होता है।

त्वचा रोग में

हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा एवं पेस्ट बना लें। इसको दाद, खुजली, घाव तथा कुष्ठ रोग आदि त्वचा विकारों पर लगाने से लाभ होता है।

बवासीर की समस्या

हरसिंगार के बीज का प्रयोग करने से बवासीर की समस्या दूर होती है।

तनाव दूर करने में

तनाव का मुख्य कारण वात का प्रकोप बढ़ना होता है और हरसिंगार में वात को शांत करने का गुण होता है। इसलिए हरसिंगार के सेवन से तनाव को दूर किया जा सकता है।

पारिजात / हरसिंगार / Harsingar/ Parijat

हरसिंगार में पाए जाने वाले पोषक तत्व

हरसिंगार की पत्तियों में बेंजोइक एसिड,फ्रक्टोज,ग्लूकोस, कैरोटीन, एमोरफस रेजिन, एस्कोरबिक एसिड, मिथाइल सेलिसीलेट, टैनिक एसिड,ओलेनोइक एसिड और फ्लेवनॉल ग्लाइकोसाइड्स पाए जाते हैं। इसकी पत्तियों के अलावा फूल भी बहुत फायदेमंद होते हैं क्योंकि इनमें कुछ ऐसे ऐसेंशियल ऑइल्स और ग्लाइकोसाइड्स पाए जाते हैं। हरसिंगार के बीजों में पामिटिक, ओलेइक और मायरिस्टिक एसिड पाए जाते हैं। पत्तियों और फूलों के साथ ही इस पौधे की छाल भी बहुत फायदेमंद होती है। इसकी छाल में अल्कलॉइड्स और ग्लाइकोसाइड पाए जाते हैं। फूलों से निकलने वाले एक्सट्रैक्ट, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं। इसके साथ ही इसमें हिपैटोप्रोटेक्टिव और इम्यूनोस्टिम्युलेंट गुण भी पाए जाते हैं।

अन्य भाषाओं में हरसिंगार के नाम

Hindi –               हरसिंगार, पारिजात, कूरी, सिहारु, सेओली
English –            ट्री ऑफ सैडनेस (Tree of sadness), Musk flower, Coral jasmine, Night jasmine
Sanskrit –          पारिजात, पुष्पक, प्राजक्त, रागपुष्पी, खरपत्रक
Uttrakhand –     कुरी (Kuri), हरसिंगार (Harsingar)
Oriya –              गोडोकोडीको (Godokodiko), गंगा सेयोली (Ganga seyoli)
Urdu –               गुलेजाफारी (Gulejafari), हरसिंगार (Harsingar)
Assemia –         सेवाली (Sewali)
Konkani –         पारिजातक (Parizatak), पारडिक (Pardic)
Kannada –         गोली (Goli), पारिजात (Parijata)
Gujarati  -          हारशणगार (Harshangar), जयापार्वती (Jayaparvati)
Tamil –             मंझाटपू (Manjatpu), पवलमल्लिकै (Pavalmallikae)
Telugu –           सेपाली (Sepali), पगडमल्ले (Pagadamallae), कपिलानागदुस्तु (Kapilanagadustu)
Bengali –          हरसिंघार (Harsinghar), सेफालिका (Sephalika), शेउली (Seuli)
Nepali –            पारिजात (Parijat)
Punjabi –          हरसिंघार (Harsinghar), कूरी (Kuri), पकुरा (Pakura)
Marathi –         पारिजातक (Parijatak), खुरस्ली (Khursali)
Malayalam –    पविलामल्लि (Pavilamalli), परिजातकम (Parijatakam)

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पारिजात / हरसिंगार / Harsingar/ Parijat

Parijat / Harsingar

Parijat, also known as Harsingar, is a flower of which you all will be aware. Generally, in our Indian homes, there is a provision to offer flowers to God in the worship text. Most of the people use it in worship. Parijat tree is found in gardens. Its flowers are very attractive, fragrant and attractive. Today here we will learn about the medicinal properties of Parijat or Harsingar.

What is Harsingar?

Harsingar is mentioned in many ancient texts. Its flowers are highly fragrant with small petals and white in color and the bottom of the flower has a small stalk of bright orange color in the middle. Harsingar plant is bushy. Harsingar plants grow in Southeast and South Asia. It is laden with flowers from October to December. Its fruits are round brown in color and small.
पारिजात / हरसिंगार / Harsingar/ Parijat

Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of Harsingar

Apart from having aromatic flowers, the leaves, flowers, bark etc. of Harsingar plant are very beneficial for our health. Along with the leaves of Harsingar, its flower also has medicinal properties. Harsingar flowers are beneficial in the problem of eyes. Along with this, it is helpful in increasing appetite, removing digestive power disorders.

in fever

  • Make a decoction of Harsingar leaves and mix ginger powder and honey in 10 to 30 ml decoction and take, it provides relief in moderate fever as well as severe fever.
  • Mixing 1 to 2 grams of Trikatu churna in 5 to 10 ml juice of Harsingar leaf and taking it ends severe fever.

Dandruff problem

Dandruff is a common problem in the hair. Making a paste of Parijat seeds and applying it on the head ends the problem of dandruff.

cough problem

Cough is cured by taking 500 mg powder of Parijat bark.

bleeding problems

Some people have problem of bleeding from nose and ears etc. By keeping the root of Parijat in the mouth, chewing stops the blood coming out of the nose, ears, throat etc.

worm problem in stomach

Be it children or adults, everyone gets the problem of worms in the stomach. In such a situation, making juice of fresh leaves of Harsingar tree and consuming it with sugar kills harmful worms living in stomach and intestines.

frequent urination problems

Make a decoction of the trunk, leaves, roots and flowers of Parijat tree. By taking 10 to 30 ml of this, this problem ends.

in case of wound

Make a paste of Parijat seeds and apply it on boils or other wounds on the skin of the body, the wound is cured.

Diabetes problem

Parijat tree is very beneficial in diabetes. Taking 10 to 30 ml decoction of Parijat leaves is beneficial in diabetes.

in gout

  • Make a decoction of Harsingar root and take it in 10 to 30 ml quantity, it provides relief in arthritis.
  • Grind the leaves of Harsingar and apply the paste after making it lukewarm, it provides relief in joint pain.

ringworm problem

Taking out the juice of Harsingar leaves and applying it on the affected part ends ringworm.

in skin diseases

Make a decoction and paste of Harsingar leaves. It is beneficial to apply it on skin disorders like ringworm, itching, wounds and leprosy.

piles problem

Harsingar seeds are used to end the problem of piles.

to relieve stress

The main reason for stress is the increase in the outbreak of Vata and Harsingar has the property of pacifying Vata. Therefore, stress can be removed by the consumption of Harsingar.
पारिजात / हरसिंगार / Harsingar/ Parijat

18 comments:

  1. हरसिंगार सचमुच बहुत गुणकारी होता है। इसके पत्तों को उबालकर पीने से साइटिका के दर्द में बहुत आराम मिलता है। सभी को इसका उपयोग आवश्यकता पड़ने पर अवश्य करना चाहिए।

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  2. Mujhe bukhar hua tha tab kisi ne suggest kiya tha.. very useful article

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  3. बहुत उपयोगी पोस्ट..मैंने भी सुना था हरसिंगार के विषय में..आज विस्तृत जानकारी मिली..

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  4. हरसिंगार का पौधा घर में लगा हुआ है लेकिन इसे ही परिजात कहते हैं कुछ संशय है।
    उपयोगी और अच्छी जानकारी

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    1. हरसिंगार को ही पारिजात कहते हैं...कोई संशय नहीं।

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  5. बहुत अच्छी जानकारी 👌👍 ज्वाइंट पेन में इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है

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  6. पारिजात/हरसिंगार बहुत फायदेमंद वनस्पति है। इसमें अनेक औषधीय गुण हैं।

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  7. Very helpful with ailments. The flowers charmed me.

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