ओम (ॐ) Om
ओम (ॐ) के बिना किसी घर की पूजा पूरी नहीं होती, कहते हैं बिना ओम (ॐ) के सृष्टि की कल्पना भी नहीं हो सकती है। माना जाता है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड से हमेशा ॐ की ध्वनि निकलती है। आज आपको बताउंगी ॐ शब्द का मतलब क्या है? इससे निकलने वाली ध्वनि कैसे दिला सकती है आपके रोगों से छुटकारा? ॐ शब्द के उच्चारण का सही तरीका और सही समय क्या है?
ओम सिर्फ एक पवित्र ध्वनि ही नहीं, बल्कि अनन्त शक्ति का प्रतीक है, ॐ शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है। अ उ म। अ का मतलब होता है उत्पन्न होना, उ का मतलब होता है उठना यानी विकास और म का मतलब होता है मौन हो जाना यानी कि ब्रह्मलीन हो जाना।
ॐ शब्द इस दुनिया में किसी ना किसी रूप में सभी मुख्य संस्कृतियों का प्रमुख भाग है। ॐ के उच्चारण से ही शरीर के अलग अलग भागों मे कंपन शुरू हो जाती है। जैसे की ‘अ’:- शरीर के निचले हिस्से में (पेट के करीब) कंपन करता है. ‘उ’– शरीर के मध्य भाग में कंपन होती है। जो की (छाती के करीब) । ‘म’ से शरीर के ऊपरी भाग में यानी (मस्तिक) कंपन होती है। ॐ शब्द के उच्चारण से कई शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक लाभ मिलते हैं। अमेरिका के एक FM रेडियो पर सुबह की शुरुआत ॐ शब्द के उच्चारण से ही होती है। सबसे पहले आपको बताती हूँ अगर आपको भी बहुत ज़्यादा तनाव रहता है। छोटी-छोटी बातों पर परेशान होते हैं तो ॐ का उच्चारण कब और कैसे करें?
रोज सुबह सूर्योदय के समय उठ जायें। इसके बाद एक शांत जगह पर जाकर बैठ जाएं, सुखासन या किसी और आसान में बैठकर ॐ का 108 बार उच्चारण करें। ओम का जाप तब तक जारी रखें जब तक आपकी सांस न चढ़ने लगे। सांस चढने लगे तो धीरे-धीरे सांस छोड़ें और सामान्य स्थिति में आ जाएं। ये प्रक्रिया कई बार दोहराएं। कोशिश करें कि इस दौरान पूरे शरीर में वाइब्रेशन महसूस हो। अगर ॐ का उच्चारण करते समय कान बंद कर लेंगे तो इससे और भी ज्यादा फायदा होगा।
ॐ को बोलते समय पूरा ध्यान बोलने पर ही रखें। इससे मस्तिष्क में मौन उतर जायेगा पूरा शरीर तनाव रहित और शांत होने लगेगा। इसके अलावा अग़र आपको ज़्यादातर घबराहट होती हैं, तो आपक़ो ॐ का रोज़ाना उच्चारण करना चाहिए। आप आंखें बंद करके 5 बार गहरी सांसे लेते हुए ॐ का उच्चारण करें।
- थाइरॉइड प्रॉब्लम – ॐ का उच्चारण करने से गले में वाइब्रेशन होता है। इससे थाइरॉइड प्रॉब्लम से बचाव होता है।
- एंग्जायटी – ॐ का उच्चारण करने से स्ट्रेस और घबराहट जैसी प्रॉब्लम दूर होती हैं।
- स्ट्रेस और टेंशन – ॐ के जाप से मानसिक शांति मिलती है। चिंता और टेंशन दूर होती है।
- ब्लड सर्कुलेशन – जाप करने से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। ब्लड में ऑक्सीजन बढ़ता है। हेल्दी हार्ट – रोज इस जाप को करने से लंग्स, बीपी, और ब्लड सर्कुलेशन इम्प्रूव होता है। इससे हार्ट भी हेल्दी रहता है।
- डाइजेशन – ॐ का उच्चारण करने से पेट में वाइब्रेशन होता है। जिससे पाचन तंत्र ठीक रहता है।
- एनर्जी – ॐ का उच्चारण करने से ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है। ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। इससे एनर्जी बढ़ती है।
- थकान – ॐ का जाप करने से थकान दूर होती है। फ्रेशनेस महसूस होती है।
- अच्छी नींद – सोने से पहले ॐ का उच्चारण करने से नींद न आने की प्रॉब्लम दूर होती है।
- हेल्दी लंग्स – ॐ का उच्चारण लंग्स की कैपिसिटी बढ़ाता है। बॉडी को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है। स्ट्रांग स्पाइन – जाप से स्पाइनल कार्ड में भी वाइब्रेशन होता है। इससे रीढ़ की हड्डी स्ट्रांग होती है।
- एक्टिव माइंड – ॐ का उच्चारण करने से ब्रेन में वाइब्रेशन होता है। इससे कॉन्सट्रेशन बढ़ता है। माइंड एक्टिव होता है।
ॐ का उच्चारण रोज़ 40 मिनट किया जाए तो कुछ ही दिनों में आपको बदलाव महसूस होगा। उच्चारण सूर्योदय के समय और संध्या काल में बहुत लाभदायक होता है।
ॐ सर्वभौमिक है
ReplyDeleteRealy true
ReplyDeleteRealy true
ReplyDeleteॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ..............
ReplyDeleteजय हो 👏👏👏
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteGood One...🙏🙏
ReplyDeleteॐ के ध्यान से मन को शांति मिलती है...इतना तो पता था। बेहतरीन पोस्ट 👌👌
ReplyDeleteऊं शब्द के उच्चारण मात्र से ही एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है..
ReplyDeleteNice post 👌👍
ओम के उच्चारण से शरीरिक एवं मानसिक बीमारियां दूर हो जाती हैं। अतः हम लोगों को इसका पालन करना चाहिए।
ReplyDeleteशानदार प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद। मेरे पास एक चेन पर सोने का लटकन है - उस ओम प्रतीक के साथ। मैं इसे अक्सर पहनती हूं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि इसका शरीर पर इतना असर पड़ता है। पोस्ट मेरे लिए बहुत मददगार थी।
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी
ReplyDeleteॐ का उच्चारण मन मे शांति और जीवन मे उमंग उत्पन्न करता है।
ReplyDeleteऊँ से ही ऊँकार है
ReplyDeleteसृष्टि का संचार है
ब्रह्मांड का आधार है
सनातन का संस्कार है
ऊँ ही तो है सुखकर्ता
ऊँ ही तो है दुखहर्ता
ऊँ मंत्र नित्य जाप से
नष्टप्राय सब विकार है
ब्रम्हांड में गुंजायमान
ऊँ का ओमकार है
ऊँ से ही रफ्तार है
ऊँ से ही विस्तार है
सारे जीव-जगत का
ऊँ से ही तो सार है
पंच-तत्व ज्ञान-विज्ञान
ऊँ से ही तो साकार है
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
Nice
ReplyDeleteॐ के उच्चारण के बाद मन को सुकून मिलता🕉️🕉️🕉️🕉️
ReplyDeleteSanatan dharm ko jaagruk karne ke lie bhut hi sundar plateform hai.
ReplyDeleteप्रयास जारी है। अपने प्राचीन धरोहरों से सभी को अवगत कराने का😊
Delete