इतवार (Sunday)
प्रकृति की पुकार
हे मानव पापी बनकर तुम,
क्योँ इतना उधम मचाते हो,
सब कुछ तुमको अर्पण करने वाली,
मुझ प्रकृति को अपने कुकर्मों से सताते हो।
जिसने पेड़-पौधे, दिए तुझे,
शुद्ध प्राण वायु जीवन के लिए,
क्यों काट रहे इनको निरन्तर तुम,
लालच के पैसे पाने के लिए।
वो हवा जो तुमको जीवन देती,
जो बनी तेरे रग रग में ताज़गी भर देने के लिए,
क्यों प्रदूषित कर रहे हो विस्फोटकों,
रसायनों, फ़ैक्टरियों के धुंए द्वारा,
हर जीव का दम घुटने के लिए।
नदियों, तालाबों, वर्षा के द्वारा,
अमृत समान पानी भी दिए,
जो कभी ना मना करें तुम्हारी प्यास बुझाने से,
क्योँ प्रदूषित कर रहे हो इनको,
असहाय जानवरों के खूनों और
फ़ैक्टरियों के गन्दे नाले से।
जो आग दिए भोजन पकाने के लिए,
उनसे जंगलों को क्योँ जलाते हो,
इन्ही जंगलों में रह रह कर तुम,
सभ्य बने ये सत्य क्योँ भूल जाते हो।
वो मिट्टी जो तुम्हारे भोजन उत्पादन का स्रोत है,
उनमें जैविक की जगह रासायनिक उर्वरक मिलाते हो,
शायद तुमको मालूम नहीं, जलती है धरती इनसे,
तुम स्वयं ही अपने भोजन में ज़हर मिलाते हो।
फलों और सब्जियों में हानिकारक
इंजेक्शन और केमिकल द्वारा,
वृद्धि दर और पकने की प्रक्रिया बढ़ाते हो,
खुद भी मौत का दाना चुगते,
औरों को भी खिलाते हो।
असहाय पक्षियों और जानवरों को,
हानिकारक दवाओं और यातनाओं द्वारा,
समय से पहले विकसित कराते हो,
तुम्हारे पूर्वजों ने जिनकी पूजा की,
तुम क्यों उनका ही लहू बहाते हो।
हे मानव पापी बनकर तुम,
क्योँ इतना उधम मचाते हो,
सब कुछ तुमको अर्पण करने वाली,
मुझ प्रकृति को अपने कुकर्मों से सताते हो।
बिल्कुल सही बात है, आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा कवि ने अपने इस कविता के माध्यम से बड़े ही खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया है...👌👌
ReplyDeleteHappy Sunday 💐 💐 & very beautiful pic ♥️
ReplyDeleteमित्रता दिवस के शुभ अवसर सभी मित्रो को मित्रता की बहुत बहुत शुभकामनायें
#happyfriendshipday2021
https://twitter.com/jaswantnirala68/status/1421709705248874497/video/1
Happy friendship day
ReplyDeleteमहत्वपूर्ण विषय पर सुंदर कविता के साथ प्यारी सी तस्वीर, शुभ और मंगलमय रविवार
ReplyDeleteआज का पढ़ केे दिल 💕 बाग़ बाग़ हो गया..
ReplyDeleteVery true👍 ....Happy Sunday dear❤️❤️🌹🌹🌹😘😘😘
ReplyDeleteHappy friendship day dear😘😘😘
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteHappy sunday
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteHappy friendship day
ReplyDeleteप्रकृति पर बढ़िया लेख के साथ सुंदर सी तस्वीर 👌👌👌
ReplyDeleteHappy Sunday and happy friendship day 🤗
ReplyDeleteSahi hai
ReplyDelete*मिठी आहट*
ReplyDeleteजिसके साथ खून का सम्बन्ध नहीं होता, फिर भी प्रिय लगे।
वह है मित्र
जिसके साथ दुनियां भर की बातेंकरके भी थकान ना लगे।
वह है मित्र
जिसके साथ छोटी सी बात पर भी खुल कर हंस लेते हैं...
वह है मित्र
जिसके कंधे पर माथा रख कर रो सकते हैं,
वह है मित्र
जिसके साथ ठंडी चाय भी एक दम गरम लगे,
वह है मित्र
जिसके साथ खिचड़ी भी खाने में दावत जैसी लगे।
वह है मित्र
जिसको आधी रात को भी उठा कर दिल की बात कर सके....
वह हैमित्र
जिसके साथ बिताए गए पलों को याद करने भर से, चहरे पर मुस्कान आ जाये।
वह हैमित्र
जिसके साथ कोई भूमिका बनाए बिना खुल कर बात करें और वह स्वीकार करे।
वह है मित्र
एक अरसे के बाद भीजिसको मिलते ही दिल झूम उठे।
वह है मित्र
दूर रहते हुए भी जिसके साथ दिल के तार जुड़े हो।
वह है मित्र
दोस्ती वो है मेरे दोस्त जो बेजान जिंदगी में भी जान डाल दे।
वह है मित्र
सभी प्रिय मित्रों को समर्पित
Happy friendship day 🌹🌹
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DeleteHeart.
ReplyDeleteआज इतवार के साथ मित्रता दिवस भी है मतलब खुशियों की डबल डोज़। आज की कविताएं सचमुच दिल को छू लेने वाली हैं।
ReplyDeleteHpy sunday ji
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeletewow beautiful 😍😍
ReplyDeleteHappy Sunday & happy friendship day🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ReplyDeleteएक दम सही
ReplyDeleteMem,you designed extremely well. The organising of words and emotions is quitely effective. The ideas exist in the poem are very stong.
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteप्रकृति के दोहन न करने का संदेश देती अच्छी कविता।शुभ रविवार तथा मित्रता दिवस।
ReplyDeleteepic poem...would like to know the source. it is self written???
ReplyDeleteNo, it is not written by me, but the name of the writer was not there from where it was taken.
DeleteHappy Sunday .. nice pic..
ReplyDeleteHappy Sunday 😘😘
ReplyDeleteHappy friendship day dear 🌷🌷
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