पुदीना (Pudina, Mint)
पुदीना (Mint) की भीनी खुशबू और स्वाद से आप सभी परिचित होंगे। यह, चटनी हो या आम का पना, रायता हो या पुलाव हर किसी के साथ मिक्स होकर अपना स्वाद छोड़ जाता है और गर्मियों के लिए तो रामबाण ही है पुदीना (Mint) । पुदीना (Mint) की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। मिनरल्स से भरपूर पुदीना (Mint) विटामिन सी का भी अच्छा स्रोत है। इसके अलावा एंटी ऑक्सीडेंट, जीवाणु रोधी, एंटीवायरल आदि गुणों से भी भरपूर है। इसकी कई किस्म है, जिसमें पिपरमिंट और स्पीयरमिंट सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता है। आयुर्वेद में पुदीना (Mint) वायु नाशक जड़ी के बूट जड़ी-बूटी के रूप में देखा जाता है।
पुदीना का उपयोग ज्यादातर टूथपेस्ट, दंतमंजन, माउथवॉश, च्विंगम, माउथ फ्रेशनर, कैंडी आदि में किया जाता है। इसके अलावा भी आयुर्वेद में पुदीने का प्रयोग अन्य रोगों के इलाज में भी होता है।
पुदीना क्या है ?
आयुर्वेद के अनुसार पुदीना कफ और वात दोष को कम करता है, भूख बढ़ाता है तथा पुदीने का प्रयोग मल- मूत्र संबंधित बीमारियों और शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए भी कर सकते हैं। यह दस्त, पेचिश, बुखार, पेट के रोग, लीवर आदि विकार को ठीक करने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।
जानते हैं पुदीना के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण के बारे में
पुदीने का उपयोग अरोमाथेरेपी में भी किया जाता है। पुदीने का इस्तेमाल पत्ते, तेल, चाय आदि के रूप में कर सकते हैं। पुदीना शरीर और मन पर ठंडा और शांत प्रभाव छोड़ता है, जिसकी मुख्य वजह इसमें मौजूद मेंथाल है।
पुदीने के औषधीय गुण, फायदे और नुकसान
# मुंह की बदबू
यदि किसी के मुंह से बदबू आ रही है, तो पुदीने की कुछ पत्तियों को चबाने से या इसके पानी से कुल्ला करने से मुंह की बदबू चली जाती है।
# लू से बचाव
गर्मी में लू से बचने के लिए पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है। इसके रस को पीकर बाहर निकलने से धूप लगने का डर भी कम रहता है।
# उल्टी में
उल्टी होने पर आधा कप पुदीने का रस पीने से उल्टी आना बंद हो जाता है।
# पेट दर्द में
पेट दर्द होने पर पुदीने को जीरा, काली मिर्च और हींग के साथ मिलाकर खाने से आराम होता है।
# बालों के लिए
पुदीना वात शामक गुण के कारण बालों के रूखेपन को कम करने में सहयोग करता है। यह बालों की रूसी एवं उसका बेजान होकर झड़ना या टूटना कम करता है, जिससे बाल प्राकृतिक रूप से बढ़ते हैं।
# सिर दर्द में
पाचन शक्ति खराब होने के कारण होने वाले सरदर्द में पुदीना लाभप्रद है। पुदीना अपने दीपन- पाचन गुण के कारण खाने को अच्छी प्रकार से हजम करने में मदद करता है, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है।
# मुंह के छाले में
मुंह में छाले की परेशानी है, तो पुदीने के पत्ते का काढ़ा बनाकर इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या ठीक होती है।
# दांत दर्द में
पुदीने के पत्ते का चूर्ण बनाकर दांतों पर मंजन करने से दांतों का दर्द कम होता है।
# अपच की समस्या में
पेट में गड़बड़ी होने पर अपच की समस्या होती है। इसमें नींबू, पुदीना और अदरक के 100-100 मिलीलीटर रस लें और इसमें दुगुना खांड मिलाकर पका लें। इस काढे को 20 मिलीलीटर मात्रा में सेवन करें। इससे अपच की समस्या ठीक होती है।
# त्वचा के लिए
रैशेज, मुंहासे और घाव होने पर त्वचा पर काले धब्बे पड़ जाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए पुदीना के पत्तों को पीस लें तथा दाग वाले जगह पर लगाएं, दाग धब्बे मिटते हैं। त्वचा संबंधी किसी भी समस्या में पुदीना असरदार तरीके से काम करता है।
पुदीना का उपयोगी भाग कौन सा है?
आयुर्वेद में पुदीने का पत्ता और पंचांग का प्रयोग सबसे ज्यादा बताया गया है।
पुदीना का इस्तेमाल कैसे करें?
पुदीने का इस्तेमाल चटनी, रस, काढ़ा, चाय, तेल के रूप में कर सकते हैं। कई तरह के व्यंजनों में पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें करी, गर्म या ठंडा सूप, सलाद, जूस आदि मुख्य हैं।
पुदीने का नुकसान (Side Effects of Mint )
पुदीना के अधिक सेवन से किडनी विकार तथा आंत विकार हो सकता है। यदि कोई भी व्यक्ति कब्ज या मूत्र संबंधित किसी भी परेशानी से जूझ रहा हो, तो उसे पुदीने का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि पुदीना मल- मूत्र स्तंभक होता है।
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Mint
You will be familiar with the aroma and taste of mint. Be it chutney or mango pan, raita or casserole mixes with everyone and leaves its taste and for summer it is a panacea (mint). Mint leaves are rich in medicinal properties. Mineral-rich peppermint (Mint) is also a good source of vitamin C. Apart from this, it is also full of anti-oxidant, antibacterial, antiviral properties. There are several varieties, of which peppermint and spearmint are most commonly used. In Ayurveda, mint is seen as a herb of the herbicide.
Peppermint is mostly used in toothpaste, dentin, mouthwash, chingam, mouth freshener, candy etc. Apart from this, in Ayurveda, mint is also used to treat other diseases.
What is peppermint?
According to Ayurveda, peppermint reduces phlegm and vata dosha, increases appetite and mint can also be used to remove stool-urinary diseases and physical weakness. It is also used to cure diarrhea, dysentery, fever, stomach diseases, liver disorders etc.
Know the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of peppermint
Peppermint is also used in aromatherapy. Mint can be used as leaves, oil, tea etc. Mint leaves a cool and calming effect on the body and mind, mainly due to the menthol present in it.
The medicinal properties, advantages and disadvantages of Mint
# Mouth Smell
If someone's mouth smells, chewing a few leaves of mint or rinse it with water causes the smell of the mouth to go away.
# Avoiding Loo
Mint is used to avoid heat stroke in summer. The fear of sunlight is also reduced by drinking its juice and coming out.
# In Vomiting
In vomiting, drinking half a cup of mint juice stops vomiting.
# In Stomachache
In the case of stomachache, eating mint, cumin, black pepper and asafoetida provides relief.
# For Hair
Peppermint helps in reducing the dryness of hair due to the Vata sedative properties. It reduces the dandruff of hair and its lifeless fall or breakage, which causes hair to grow naturally.
# In Headache
Peppermint is beneficial in headache due to poor digestive power. Peppermint helps to digest food properly due to its deep-digestive properties, which strengthens the digestive system.
# In Mouth Ulcers
If there is a problem of blister in the mouth, then gargle with the decoction of mint leaves, it helps to cure the problem of mouth blisters.
# In Toothache
Making powder of mint leaves and brushing it on the teeth reduces toothache.
# In Indigestion Problem
Indigestion problem occurs when there is stomach upset. Take 100-100 ml juice of lemon, peppermint and ginger and mix twice as much khanda in it and cook. Drink 20 grams of this decoction. This fixes the problem of indigestion.
# To Skin
Black spots on the skin occur when rashes, pimples and wounds occur. To get rid of it, grind the mint leaves and apply it on the stained area, the stain spots disappear. Peppermint works effectively in any skin problem.
Which is the useful part of peppermint?
The use of mint leaves and almanac is the most mentioned in Ayurveda.
How to use peppermint?
Mint can be used as sauce, juice, decoction, tea, oil. Mint is used in many types of dishes, in which curries, hot or cold soups, salads, juices, etc. are the main ones.
Side Effects of Mint
Excessive consumption of peppermint can cause kidney disorder and intestinal disorder. If a person is suffering from constipation or any urinary problems, he should not consume mint because peppermint is a fecal-urinary column.
nice
ReplyDeleteVery useful for health
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteGood information
ReplyDeleteअच्छी जानकारी, गर्मी के दिनों में सेवन करना चाहिए
ReplyDeletevy useful information.....
ReplyDeleteUseful
ReplyDeleteDetail information about mint...👍🏻👍🏻
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी 👍👌
ReplyDeletegud information
ReplyDeleteGood information
ReplyDeleteUseful tips
ReplyDeleteUseful tips
ReplyDeleteVery Useful. .👍👍
ReplyDeleteUseful post...Mujhe iski chatni bahut pasand ha...
ReplyDeleteउत्कृष्ट जानकारी दी आपने
ReplyDeleteखूबियों से भरा हुआ है हमारा पुदीना बहुत ही उत्कृष्ट जानकारी धन्यवाद🙏
ReplyDeleteगर्मियों में एक अति उत्तम पेय पदार्थ है
ReplyDeleteक्या कहना अभी तो हमलोगों के यहां गर्मी में
ReplyDeleteपुदीने की चटनी और शर्बत का सेवन किया
जाता है । बस इसलिए कि यह गर्मी में ठंडक
प्रदान करती है। आप तो हमेसा की तरह इसकी
औषधीय गुणों को विस्तार से बतलाये ये हमलोगों
के लिए तो सोने पे सुहागा हो गया🙏
🙏🙏🙏जय श्री राम 🚩🚩🚩
ReplyDelete👌👌👌अत्यंत उपयोगी व लाभदायक जानकारी 🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐