Cricket News: Latest Cricket News, Live Scores, Results, Upcoming match Schedules | Times of India

Sportstar - IPL

भारतीय सांस्कृतिक धरोहर (Bhartiya Sanskritik Dharohar) - 16 - अझिमाला मंदिर ~ Azhimala Shiv Temple

अझिमाला मंदिर ~ Azhimala Shiv Temple

केरल में भगवान शिव की देश की सबसे ऊंची प्रतिमा वाला अझिमाला मंदिर (Azhimala Shiv Temple) लोगों के लिए 2 जनवरी 2021 को खोल दिया गया है। अझिमाला मंदिर कोल्लम के निकट समुद्र से 20 फीट की ऊंचाई पर अझिमाला बीच (Azhimala Bitch) के चट्टान बनाया गया है। गंगधारेश्वर के रूप में भगवान शिव की 58 फीट ऊंची मूर्ति का निर्माण 6 साल पहले शुरू हुआ था। इस मूर्ति के निर्माण के पीछे 29 वर्षीय पी. यस. देवदाथन का परिश्रम है, जिन्होंने 23 वर्ष की उम्र में ही फाइन आर्ट्स की पढ़ाई करते हुए मूर्ति निर्माण का कार्य शुरू किया था।

एक वैभवशाली गौरव के रूप में, 58 फीट ऊंची शिव की प्रतिमा, जिसमें भगवान शिव को मां गंगे के रूद्र वेग को अपनी जटाओं में रोकते हुए दर्शाया गया है।मूर्तिकार अपनी उस कल्पना को मूर्त रूप देने में सफल हैं, जिसमें गंगा मां को धारण करने के लिए भगवान शिव अपनी जटाओं को बिखेरते हैं।

 केरल की सुंदर, मनोहर प्रकृति, कभी शांत और कभी अशांत समुद्र, मृदुल स्वभाव के मछुआरे, तथा श्रद्धेय शिवजी का मंदिर, अब पर्यटकों की भीड़ के लिए मेजबान है।

  देवदाथन ने बताया कि "यह मूर्ति समुद्र के किनारे बन रही थी, इसलिए निर्माण को पानी तथा खारेपन के प्रति प्रतिरोधी बनाने का खास ध्यान रखा गया। सीमेंट के साथ कुछ ऐसे कैमिकल मिलाए गए जो खारे पानी को झेल सकें। इसके लिए ड्राइंग तथा 3D इमेज बनाने के बाद शोध किया गया । चुंकी यह मूर्ति पत्थर से बना है, इसलिए पत्थर का घनत्व और हवा के भार की भी जांच की गई"।

देवदाथन बताते हैं कि ,"यह जगह बहुत खूबसूरत है और मुझे बहुत प्रभावित किया, इसलिए मैंने सोचा कि इसे और खूबसूरत कैसे बनाया जाए। मैंने कल्पना किया और इस डिजाइन को तैयार किया। मैंने सभी तत्वों और उनके कार्यों पर लगभग 3 से 8 महीने तक अध्ययन किया। क्योंकि मैं यही का रहने वाला हूं इसलिए यहां की प्राकृतिक संरचना से भी अवगत था और और कई बार मौसम का मिजाज जाने के लिए मछुआरों की भी मदद ली।मैंने इन सब तथ्यों के अनुरूप काम किया"।

29 वर्षीय देवदाथन बताते हैं कि "चुंकी यह धार्मिक संरचना थी, इसलिए इसकी कई सारी सीमाएं भी थीं। लोगों के मन में शिव का रूप बैठा हुआ है और हम इसमें बदलाव नहीं कर सकते थे। एक दृश्य का प्रभाव शब्दों से अधिक होता है। दर्शन और भावना के बीच एक संबंध होता है। मैंने पर्यटकों के मन में श्रद्धा, विश्वास और सकारात्मक सोच लाने की कोशिश की है"।

देवदाथन आगे बताते हैं कि "गंगाधारेश्वर शिव कि यह तस्वीर समृद्धि का प्रतीक है, और बहुत ऊर्जावान है। जब मैंने इसके बाल बनाए तो इसे लयबद्ध करने की कोशिश की। अधिकांश मूर्तियों के विपरीत भगवान शिव के ललाट और चेहरे के भाव को आसमान की तरफ देखते हुए बनाना था और मैंने इस मूर्ति कला में सभी भावनाओं को लाने की कोशिश की है।नसों और मांसपेशियों को नाजुक रूप से उकेरा गया है।देवताथन कहते हैं कि कोई भी इस 58 फुट ऊंची मूर्ति कला की आभा को नहीं हरा सकता है।हालांकि, अभी और काम किया जाना है भगवान शिव का (वाहन) नंदी को उनके प्रतिमा के बगल में स्थापित किया जाएगा।इसके साथ ही प्रतिमा के नीचे 3500 वर्ग फुट का चबूतरा है, जिसमें एझिमाला शिव मंदिर का इतिहास का वर्णन होगा। पूरा प्रोजेक्ट का उद्घाटन कुछ महीनों के भीतर होगा।

मंदिर समिति के महासचिव एस विजेश ने कहा -"मुख्य पुजारी ज्योतिष पोट्टी ने अजीमुगम मंदिर में गंगाधारेश्वर मंदिर के निर्माण का सुझाव दिया है। तब मंदिर प्रशासन समिति के सहयोग से 2 अप्रैल 2014 को निर्माण कार्य शुरू हुआ, और अब यह 2020 में निर्माण कार्य पूरा हो गया और जनता के लिए खोल दिया गया है।

English Translate

Azhimala Shiv Temple

 Azhimala Shiv Temple, the country's tallest statue of Lord Shiva in Kerala has been opened to the people on 2 January 2021. Azhimala Temple is built of rocks of Azhimala Beach near Kollam at a height of 20 feet from the sea. The construction of a 58-feet tall statue of Lord Shiva in the form of Gangadhareshwar began 6 years ago. 29-year-old P. Yes is behind the construction of this statue. There is the hard work of Devadathan, who started sculpting at the age of 23 while studying fine arts.

 As a glorious pride, the 58-feet-high Shiva statue depicting Lord Shiva holding the Rudra Veg of Mother Ganges in his jatas. Murtikar succeeds in embodying his imagination in which Ganga holds the mother To do this Lord Shiva spreads his jatas.

 Kerala's beautiful, scenic nature, sometimes serene and sometimes turbulent sea, soft-hearted fisherman, and revered Shivji's temple, are now host to the throngs of tourists.

 Devadathan explained that "This statue was being built on the seashore, so special care was taken to make the construction resistant to water and salinity. Some chemicals were mixed with cement that can withstand saltwater. Drawing and 3D for this Research was done after the image was made. Since the statue is made of stone, the density of the stone and the weight of the wind were also investigated ".

 Devadathan explains that, "This place is very beautiful and impressed me a lot, so I thought how to make it more beautiful. I imagined and designed this design. I spent about 3 to 8 months on all the elements and their works. Studied till. Because I am a resident of this, so I was also aware of the natural structure here and also took the help of fishermen to get the weather mood at times. I worked according to all these facts ".

 Devadathan, 29, explains that "Chunki was a religious structure, so it had many limitations. People have the form of Shiva in their minds and we could not change it. A scene has more effect than words." There is a connection between philosophy and emotion. I have tried to bring reverence, trust and positive thinking in the minds of tourists ".

 Devadathan further states that "This picture of Gangadhareshwar Shiva symbolizes prosperity, and is very energetic. I tried to make it rhythmic when I made its hair. Unlike most idols, Lord Shiva's forehead and facial expressions are skyward. Seeing was to be made and I have tried to bring all the emotions to this sculpture. Tens and muscles are delicately engraved. Devothan says that no one can beat the aura of this 58-foot high sculpture. However, more work is yet to be done, Nandi, the (vehicle) of Lord Shiva, will be installed next to his statue. Along with this, there is a 3500 square feet platform under the statue, which will describe the history of Ezhimala Shiva temple. The entire project Will be inaugurated within a few months.

 The temple committee general secretary S Vijesh said - "Chief priest Jyotish Potti has suggested the construction of Gangadhareshwar temple in Azimugam temple. Then the construction work started on 2 April 2014 in collaboration with the temple administration committee, and now it is in 2020. Has been completed and opened to the public.

25 comments:

  1. Wow....Om Namah Shivay🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  2. हर हर महादेव.... ॐ नमः शिवाय...

    ReplyDelete
  3. अद्भुत मंदिर
    नमः शिवाय

    ReplyDelete
  4. Jsi shambhu 🙏🙏🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  5. कालों के काल महाकाल की ये प्रतिमा और मंदिर भी अद्भुत, अद्वितीय और दर्शनीय है।
    जय महा

    ReplyDelete
  6. देवदाथन अपनी ज्ञान के आगे तजुर्बा को पीछे छोड़ दिए!!
    ऊं नमः शिवाय 🙏🙏

    ReplyDelete
  7. Bam Bhole...🙏🙏🙏

    ReplyDelete