यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है। कभी -कभी पुरे सिर में भी हो जाता है। यह कई वजह से होती है तथा माइग्रेन की समस्या का कारण हर किसी के लिए अलग- अलग होता है। किसी किसी में यह समस्या आनुवंशिक भी होता है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।
आधासीसी का दर्द अधिकाशंतः दिन में ही होता है। यह अत्यधिक मानसिक श्रम, पेट में वायु के बने रहने से, शरीर में धातु दोष होने से होता है। यह पुरुष की अपेक्षा स्त्रियों में अधिक होता है। आधासीसी का रोग सिर के आधे हिस्से में ही होता है और काफी तेज दर्द होता है और रोगी बेचैन हो जाता है।
आधासीसी का दर्द अधिकाशंतः दिन में ही होता है। यह अत्यधिक मानसिक श्रम, पेट में वायु के बने रहने से, शरीर में धातु दोष होने से होता है। यह पुरुष की अपेक्षा स्त्रियों में अधिक होता है। आधासीसी का रोग सिर के आधे हिस्से में ही होता है और काफी तेज दर्द होता है और रोगी बेचैन हो जाता है।
माइग्रेन क्यों होता है : -
माइग्रेन में होने वाले सिर दर्द के कई कारण हो सकते हैं।
1. किसी चीज से एलर्जी।
2. दर्द निवारक दवाओं का ज्यादा सेवन।
3. हाई ब्लड प्रेशर।
4. नींद पूरी न होना।
5. मौसम में बदलाव।
6. हार्मोनल बदलाव।
1. किसी चीज से एलर्जी।
2. दर्द निवारक दवाओं का ज्यादा सेवन।
3. हाई ब्लड प्रेशर।
4. नींद पूरी न होना।
5. मौसम में बदलाव।
6. हार्मोनल बदलाव।
माइग्रेन से बचाव : -
माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी इसका अटैक पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में सभी को यह पता लगाना चाहिए की दर्द की वजह क्या है और हमेशा उन उपायों पर गौर फरमाना चाहिए, जिनसे माइग्रेन के अटैक से अपना बचाव कर सकते हैं।
# मेहंदी की पत्तियों को पीसकर माथे पर लेप लगाएं।
# दर्द के समय नाक में सरसों का तेल डालकर ऊपर की ओर खींचने से दर्द में काफी राहत मिलती है।
# देशी गाय का घी नाक के नथुनों में डालें।
# एक चुटकी नौसादर और आधा चम्मच अदरक का रस शहद में मिलाकर रोगी को चटाई।
# तुलसी के रस में शहद मिला कर सेवन करने से दर्द में आराम मिलता है।
🌿🌿 यहाँ मैं अपना कुछ व्यक्तिगत बात शेयर करना चाहूँगी। मुझे 15 साल की उम्र में माइग्रेन हुआ , असहनीय दर्द। गोरखपुर के सबसे अच्छे डॉ. को दिखाया गया, कारण का पता नहीं लग सका। डॉ. ने दर्द निवारक दवा दे दी, कहा जब दर्द हो तब एक टेबलेट (500mg ) लें। दर्द कंट्रोल न हो तो 500mg और लें। पापा डॉ. से बोले कोई पर्मानेंट दवा कीजिए, जिससे दर्द ही न हो. डॉ. ने कहा इसका कोई परमानेंट इलाज नहीं ,जब दर्द होगा तब दवा लेनी रहेगी। शुरुवात में 500mg पर दर्द कंट्रोल हो जाता था। कुछ साल बाद 1000mg हो गया.
तब 2006 में किसी के सलाह से योग शुरू किए। साथ ही नाक में बादाम रोगन तेल रोजाना रात को सोते समय नाक में डाले। शुद्ध देसी घी की जलेबी खा के दूध पिये।रोजाना मेधावटी टैबलेट खाये। और इन सब का फायदा हुआ मेरा माइग्रेन ठीक हो गया. समय लगा पर ठीक हो गया।
ये इतना शेयर करना था , इसलिए के आपलोगो को यह बताऊँ कि मॉडर्न मेडिकल साइंस में माइग्रेन की कोई दवा नहीं , सिर्फ पेनकिलर है , जिसकी डोज़ बढ़ती जानी है, उसके बाद दर्द कंट्रोल के लिए हाई पावर इंजेक्शन। 🌿🌿
1. अगर मौसम में बदलाव वजह हो तो , तेज़ धूप होने की स्थिति में घर से बाहर निकलने से बचें।
2. तीव्र महक वजह हो तो, तेज़ खुशबू वाले परफ्यूम या डियो न लगाएं।
3. अपनी नींद में किसी तरह की कमी या खलल न पड़ने दें। शांत वातावरण में पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें।
4. तनाव के कारण भी माइग्रेन होता है। माइग्रेन से बचने के लिए मेडिटेशन, योग व एक्सरसाइज़ को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करें।
5. दर्द निवारक दवाओं के ज्यादा सेवन से बचें।
6. संतुलित आहार लें।
7. अपने दैनिक जीवन में योग और मेडिटेशन को शामिल करें।
इसके घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं-
# बादाम का तेल नाक में डालने से आराम मिलता।# दर्द के समय नाक में सरसों का तेल डालकर ऊपर की ओर खींचने से दर्द में काफी राहत मिलती है।
# देशी गाय का घी नाक के नथुनों में डालें।
# एक चुटकी नौसादर और आधा चम्मच अदरक का रस शहद में मिलाकर रोगी को चटाई।
# तुलसी के रस में शहद मिला कर सेवन करने से दर्द में आराम मिलता है।
🌿🌿 यहाँ मैं अपना कुछ व्यक्तिगत बात शेयर करना चाहूँगी। मुझे 15 साल की उम्र में माइग्रेन हुआ , असहनीय दर्द। गोरखपुर के सबसे अच्छे डॉ. को दिखाया गया, कारण का पता नहीं लग सका। डॉ. ने दर्द निवारक दवा दे दी, कहा जब दर्द हो तब एक टेबलेट (500mg ) लें। दर्द कंट्रोल न हो तो 500mg और लें। पापा डॉ. से बोले कोई पर्मानेंट दवा कीजिए, जिससे दर्द ही न हो. डॉ. ने कहा इसका कोई परमानेंट इलाज नहीं ,जब दर्द होगा तब दवा लेनी रहेगी। शुरुवात में 500mg पर दर्द कंट्रोल हो जाता था। कुछ साल बाद 1000mg हो गया.
तब 2006 में किसी के सलाह से योग शुरू किए। साथ ही नाक में बादाम रोगन तेल रोजाना रात को सोते समय नाक में डाले। शुद्ध देसी घी की जलेबी खा के दूध पिये।रोजाना मेधावटी टैबलेट खाये। और इन सब का फायदा हुआ मेरा माइग्रेन ठीक हो गया. समय लगा पर ठीक हो गया।
ये इतना शेयर करना था , इसलिए के आपलोगो को यह बताऊँ कि मॉडर्न मेडिकल साइंस में माइग्रेन की कोई दवा नहीं , सिर्फ पेनकिलर है , जिसकी डोज़ बढ़ती जानी है, उसके बाद दर्द कंट्रोल के लिए हाई पावर इंजेक्शन। 🌿🌿
योग, आयुर्वेद और मेडीटेशन अपनायें, रोगों को दूर भगाएं।
Prevention is better than cure.❤
आप सभी को पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Very very 👍nice 👍
ReplyDeletePreventions are very tough..but necessary info## thanks
ReplyDeleteUseful information
ReplyDeleteGreat 👍
ReplyDeleteसदुपयोगी जानकारी और तुम्हारा खुद का अनुभव जानकर नैचुरोपैथी को अपनाने की प्रेरणा मिली,बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteBaat to sahi ha.... Migraine ki koi dwa nahi ha.. painkiller hi lena padta ha..aur iski power badhti jati ha..
ReplyDeleteBahut badhiya jankari..
ReplyDeleteHappy environment day
ReplyDeleteपर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं
ReplyDeleteमाइग्रेन बहुत ही असहनीय पीड़ा देता है। निश्चित ही आज का ब्लॉग बहुत उपयोगी है।
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteधन्यवाद
बहूत ही सही बातें बताई गयी है। धन्यवाद
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteव्यक्तिगत अनुभव सांझा करने के लिए धन्यवाद । बहुत ही उपयोगी जानकारी।
ReplyDeleteबहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी👍कभी-कभी सिरदर्द कष्टप्रद होजाता है
ReplyDeleteव्यक्तिगत जानकारी से योग करने की प्रेरणा मिलती है
Happy Environment day
ReplyDeleteVery Important..
ReplyDelete🙏🏻🌷 जय श्री राधे कृष्णा रूपा जी 🌷🙏🏻
ReplyDeleteअत्यंत ही महत्वपूर्ण जानकारी 👌🏻😊🙏🏻
एलोपैथ तो एक्शन क्विक करती है लेकिन
ReplyDeleteइसका रिएक्शन अनेक बीमारियों को जन्म
दे देती है। सन्तुलित आहार सबसे जरूरी है।
शुद्ध देशी गो माता का घी भी कुछ दिनों तक
नाक में डालने से माइग्रेशन में काफी फायदेमंद
होता है । तुलसी और शहद भी काफी लाभदायक
है। इतनी अच्छी जानकारी प्रदान करने के लिए
आपका आभार🙏🙏🙏
उम्दा जानकारी👌🙏
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