लोटे का महत्व
गिलास भारत का नहीं है, गिलास यूरोप से आया है और यूरोप में पुर्तगाल से आया है। भारत का लोटा है। लोटा जो गोलाकार है। लोटा कभी भी एक रेखीय नहीं होता है। एक रेखीय बर्तन अच्छे नहीं होते हैं। लोटे में पानी रखने से पात्र का गुण पानी में आ जाता है। हर गोल चीज का सर्फेस टेंशन कम होता है क्योंकि गोल वस्तु का सर्फेस एरिया कम होता है। पानी का भी सर्फेसटेंशन गोल वस्तु यानी लोटे जैसी आकार में कम होगा।
सर्फेसटेंशन अधिक की कोई भी खाने पीने की वस्तु स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत खराब होती है। पानी का सबसे बड़ा गुण है सफाई करना। अधिक सर्फेसटेंशन का पानी बड़ी आंत और छोटी आंत की सफाई अच्छी तरह नहीं कर पाता है।
कम सर्फेसटेंशन की वस्तु शरीर पर लगाने से वह त्वचा के मुंह को थोड़ा अधिक खोल देती है, जिसके कारण कचरा शरीर के बाहर आसानी से निकल जाता है। इसी प्रकार कम सर्फेसटेंशन का पानी बड़ी आंत और छोटी आंत के सर्फेसटेंशन को कम कर देता है, जिससे बड़ी आंत और छोटी आत का मुंह थोड़ा अधिक खुल जाता है, जिसके कारण ज्यादा से ज्यादा कचड़ा इनसे बाहर यानी शरीर के बाहर निकल जाता है। इसी के विपरीत ज्यादा सर्फेसटेंशन वाला पानी पीने से आंतों का सर्फेसटेंशन बढ़ेगा जिसके कारण आंते सिकुडेगी और आंतों में से कचरे की सफाई ठीक प्रकार से नहीं हो पाएगी। तनाव बढ़ने से कोई भी चीज सिकुड़ती है और तनाव घटने से कोई भी चीज खुलती है। इसी कचरे के कारण शरीर में मूलव्याध, भगंदर जैसे रोगों की स्थिति ज्यादा बढ़ती है।
इसलिए हमेशा गोल वस्तु मैं रखा पानी पीना चाहिए। क्योंकि सभी गोलचीज मैं रखा हुआ पानी सर्वोत्तम होता है। हर ठंडे पानी का सर्फेसटेंशन बढ़ा हुआ होता है और हर गुनगुने पानी का सर्फेसटेंशन कम होता है। अतः गुनगुना पानी पीना चाहिए।
English Translate
Lote ka mahatwa
The glass does not belong to India, the glass came from Europe, and Portugal from Europe. The pot is of India. Pot is circular. A pot is never a linear one. A linear vessel is not good. By placing water in the pot, the quality of the pot gets into the water. The surface tension of each round object is low because the surface area of the round object is low. The surface of water will also be reduced in shape like a round object.
Any food that has more surface tension consumption is very bad in terms of health. The greatest quality of water is cleaning. High surfactant water does not cleanse the large intestine and small intestine properly.
By applying an object of low surfaction on the body, it opens the mouth of the skin slightly, due to which the waste is easily removed from the body. Similarly, the water of low surfaction reduces the surfaction of the large intestine and the small intestine, thereby opening the mouth of the large intestine and small intestine slightly, due to which more and more waste is released out of them. On the contrary, drinking water with high surfactant will increase the intestinal surfaction due to which the intestine will shrink and the waste from the intestines will not be cleaned properly. Anything shrinks due to increasing stress, and any thing opens as stress decreases. Due to this waste, the condition of diseases like Mooladhya, Bhagandar increases in the body.
Therefore one should always drink water kept in a round object. Because water is best kept in all golchas. Every cold water has an increased surfaction and every lukewarm water has a low water level. Therefore, one should drink lukewarm water.
Useful...👍
ReplyDeleteVery Nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteलोटे वाली नई बात पता चली। बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteUseful post..
ReplyDeleteUseful
ReplyDeleteVery useful
ReplyDeleteJyada Kuch samajh me nhi aaya ar aaj k daur me lota se Pani kaise piya ja Sakta pura din to Ghar se bahar hi bit jata h
ReplyDeleteWaise bhi ye problem lote ki nhi ha...hamare high profile living standard ki ha...
DeleteVideo dekhe...sayad Rajiv Dixit ji samjha paye...manage karne se sab kuch ho jata ha....na bhi ho to jitni der ghar me rahte utni der pi sakte...
DeleteOk
ReplyDeleteसदुपयोगी जानकारी, बहुत बढ़िया
ReplyDeleteI really was not knowing this..got to know clearly by scientific explanations.#informative
ReplyDeleteHumlog lote se pani pite
ReplyDeletePahle sabhi lote se hi pani pite the..achi jankaari..
ReplyDeleteMust use...
ReplyDeleteYes
Deleteआधुनिक ज्ञान से बहुत ज्यादा गहरी हैं अपनी सनातन संस्कृति की जड़ें🙏🏻
ReplyDeleteलोटा हमारे सनातन परंपरा का एक
ReplyDeleteहिस्सा है हरेक वस्तु को काफी संसोधन
के बाद तैयार कर प्रयोग में लाया जाता
था। आज विज्ञान भी उसे सही साबित
कर चुका है।
दुख इस बात की है कि हमलोग धीरे धीरे
अपनी परम्पराओं को भूलते जा रहे हैं
बस अब परमात्मा का ही सहारा है🙏
तांबे के लोटे को रात को लकड़ी के स्टूल etc पर रखना चाहिए.. और उठते ही minimum 2 ग्लास पानी पीना चाहिए...
ReplyDeleteहम आज भी गांवो मैं लोटे से ही पानी पीते है
ReplyDelete