हरड़ या हरीतकी / हर्रे

हरड़ या हरीतकी या हर्रे

हरड़ (हर्रे) त्रिफला के तीन फलों में से एक होता है। आयुर्वेद में हरड़ (हर्रे) औषधि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह ना सिर्फ औषधि के लिए बल्कि सेहत और सौंदर्य के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। हरड़ (हर्रे) का फल, जड़ और छाल सबका उपयोग किया जाता है। 

ब्रह्माजी के दुर्गा कवच में वर्णित नवदुर्गा के नौ विशिष्ट औषधियों में से एक हरड़ (हर्रे)


ब्रह्माजी के दुर्गा कवच में वर्णित नवदुर्गा के नौ विशिष्ट औषधियों में से एक हरड़ (हर्रे)

हरड़ क्या है?

हरड़ को हरीतकी भी कहते हैं। स्वरूप के आधार पर इसकी 7 प्रजातियां हैं। विजया, रोहिणी, पूतना, अमृता, अभया, जीवंती तथा क्षेत्र चेतकी। लेकिन वर्तमान में यह तीन प्रकार की ही उपलब्ध है, जिसको लोग अवस्था भेद से एक ही  वृक्ष के फल मानते हैं। हरण सभी जगहों पर आसानी से मिल जाता है। यह 24 से 30 मीटर तक ऊंचा, मध्यम आकार का, शाखा वाला पेड़ होता है। इसके पत्ते सरल, चमकदार, अंडाकार और भाला के आकार के होते हैं। इसके फल अंडाकार अथवा गोलाकार होते हैं। कच्ची अवस्था में यह हरे रंग का तथा पके हुए अवस्था में पीले से नारंगी भूरे रंग का होता है। जो फल कच्ची अवस्था में गुठली पड़ने से पहले तोड़ दिए जाते हैं, वही छोटी हरड़ के नाम से जाना जाता है। जो फल आधे पके अवस्था में तोड़ लिए जाते हैं, उनका रंग पीला होता है। पूरे पके अवस्था में इसके फल को बड़ी हरड़ कहते हैं। फल के बीच में एक बीज होता है। इसके पेड़ में फरवरी-मार्च में पत्तियां झड़ जाती हैं, अप्रैल-मई में नए पल्लव के साथ फूल लगते हैं तथा शीतकाल में फल लगते हैं। 

हरड़ या हरीतकी / हर्रे

जानते हैं हरड़ के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

आयुर्वेद में हरड़ का बहुत ही महत्व है। छोटे से हरड़ में सेहत के बहुत फायदे पाए जाते हैं। हरड़ का सेवन करने का तरीका हर रोगों में अलग अलग होता है। हरड़ को उबालकर खाने से दस्त होना बंद होता है, तो भूनकर खाने से वजन के साथ बुद्धि बढ़ती है। भोजन के बाद सेवन करने से जो पेट संबंधी समस्याएं होती हैं, उस से आराम मिलता है।

एसिडिटी में 

खाना खाने के बाद हजम नहीं होने या एसिडिटी की समस्या होने पर 3 से 6 ग्राम हरड़ चूर्ण में बराबर मिश्री मिलाकर सुबह-शाम भोजन के बाद सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती है।

सर दर्द में

आजकल तनाव भरी जिंदगी में सिर दर्द एक आम समस्या हो गई है। हरड़ की गुठली को पानी में पीसकर सिर पर लेप लगाने से सर दर्द में आराम मिलता है। 

रूसी की समस्या

आम के बीज के चूर्ण और छोटी हरड़ के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिलाकर दूध में पीसकर बालों पर लेप करने से रूसी खत्म होती है।

आंखों की समस्या

ज्यादा समय तक कंप्यूटर पर काम करने से या किसी और वजह से यदि आंखों में जलन और दर्द जैसी समस्या हो रही है, तो हरड़ को रात भर पानी में भिगोकर सुबह पानी को छानकर आंख धोने से आंखों को शीतलता मिलती है।

कफ और खांसी की समस्या

हरड़ और सोंठ को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसे गुनगुने जल के साथ 2 से 5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से खांसी तथा सांस फूलने की समस्या में लाभ होता है।

उल्टी की समस्या

अगर अनियमित खान-पान के कारण उल्टी की समस्या हो गई है, तो 2 से 4 ग्राम हरड़ के चूर्ण को मधु में मिलाकर सेवन करने से उल्टी रुक जाती है।

भूख नहीं लगने की समस्या

  • कभी-कभी लंबी बीमारी के बाद खाने की इच्छा कम हो जाती है। भूख नहीं लगती है। ऐसे में हरड़ का मुरब्बा खाने से भूख बढ़ती है। 
  • 2 ग्राम हरड़ तथा 1 ग्राम सोंठ को गुड़ अथवा 250 मिलीग्राम सेंधा नमक के साथ मिलाकर सेवन करने से भी भूख बढ़ती है।

घाव को ठीक करने में

अगर घाव सूखने का नाम नहीं ले रहा है, तो हरड़ के काढ़े से घाव को धोने से घाव जल्दी भरता है।

ज्वर या बुखार में 

3 से 6 ग्राम हरड़ चूर्ण का सेवन करने से बुखार के लक्षणों में राहत मिलती है। 

सूजन की समस्या

  • 2 से 5 ग्राम हरड़ के चूर्ण में गुड़ मिलाकर सेवन करने से सूजन में लाभ होता है।
  • हरड़, सोंठ और हल्दी को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर 10 से 30 मिलीलीटर की मात्रा में सुबह-शाम पीने से बुखार के बाद जो सूजन होती है, उसमें फायदा होता है।
हरड़ या हरीतकी / हर्रे

मलेरिया रोग में

हरड़ का चूर्ण 5 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से मलेरिया में फायदा होता है।

बवासीर में

हरड़ के चूर्ण में बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बवासीर ठीक होता है।

मुंह के छाले

छोटी हरड़ को पानी में घिसकर मुंह के छालों पर लगाने से छाले ठीक होते हैं।

पीलिया रोग में

हरड़ का चूर्ण व पुराना गुड़ समान मात्रा में मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से पीलिया दूर हो जाता है। 

वजन घटाने के लिए

हरड़ का प्रयोग वजन को संतुलित करने में भी किया जाता है। क्योंकि इसमें रेचन का गुण होता है, जो कि शरीर से अवांछित पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर के वजन को संतुलित करने में सहायता करती है।

फेफड़ों के विकार

हरड़ का उपयोग फेफड़ों से संबंधित विकारों को दूर करने में भी किया जाता है। क्योंकि हरड़ में उष्णता का गुण पाया जाता है, जो फेफड़ों में जमा कफ निकालने में मदद करता है।

दस्त और पेचिश में

हरड़ का प्रयोग रेचन गुण के कारण ज्यादातर पेट को साफ करने के लिए किया जाता है। परंतु यह दस्त और पेचिश में भी फायदा देती है क्योंकि इसमें दीपक का गुण भी होता है, जो पाचन शक्ति को बढ़ाता है और साथ ही यह कषाय रस वाला है, जो कि बार-बार मल की प्रवृत्ति को नियंत्रित करता है जिससे दस्त और पेचिश में आराम मिलता है।

बालों के लिए

त्रिफला का एक भाग हरड़ होता है तथा 2 भाग बहेड़ा और आंवला है। त्रिफला बालों के समस्याओं के लिए औषधि का कार्य करती है। हरीतकी का रस कषाय रस होता है, जो कि बालों को मजबूती प्रदान करने में सहायक होता है।

हरड़ या हरीतकी / हर्रे

हरड़ के नुकसान

  • अधिक चलने से थका हुआ व्यक्ति, कमजोर व्यक्ति, जिसका पित्त बढ़ा हुआ हो और गर्भवती नारी को हरीतकी का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसी अवस्था में हरड़ का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
  • अजीर्ण के रोगी, रूखे पदार्थों को खाने वाले, शराब पीने वाले व्यक्तियों को भी हरीतकी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • 5 साल से छोटे बच्चे और बहुत पतले लोगों को हरड़ का उपयोग नहीं करना चाहिए।

अन्य भाषाओं में हरितकी अर्थात हरड़ (हर्रे) का नाम

Sanskrit –     अभया, अव्यथा, पथ्या, कायस्था, पूतना, हरीतकी, हैमवती, चेतकी, श्रेयसी, शिवा;
Hindi –         हरड़, हर्रे, हड़, हरर;
Urdu –         हेजरड़ (Haejarad);
Oriya –         करंथा (Karedha), हरेधा (Harida);
Assamese –  हिलिखा (Hilikha);
Konkani –    ओरडो (Ordo);
Kannada –    अनिलेकई (Anilaykayi), करक्काई (Karakkai);
Gujrati –     हरीतकी (Haritaki), हिमजा (Himaja);
Tamil –     कडुक्कै (Kadukkay);
Telugu –     करक्काय (Karakkaya), हरितकि (Haritaki);
Bengali –     होरीतकी (Horitaki), नर्रा (Narra);
Nepali –     हर्रो (Harra), बर्रो (Barro);
Panjabi –     हर (Har), हरीतकी (Haritaki);
Marathi –     हिरड (Hirad), हरीतकी (Haritaki);  
Malayalam – दिव्या (Divya), पुटानम (Putanam)
English –     ब्लैक मॉयरोबालान (Black myrobalan);
Arbi –     हलीलजा (Halilaja), अस्फर (Asfar);
Persian – हलील (Halil), हलील अह जर्दा (Halil ahe zarda)

हरड़ का मुरब्बा

English Translate

Harad or Haritaki

Harad is one of the three fruits of Triphala. Harad is used for medicine in Ayurveda. It is very beneficial not only for medicine but also for health and beauty. The fruit, root and bark of the harad are all used.

हरड़ या हरीतकी / हर्रे

What is Harad?

Harad is also known as Haritaki. It has 7 species on the basis of appearance. Vijaya, Rohini, Putna, Amrita, Abhaya, Jeevanti and Kshetra Chetaki. But at present it is available in only three types, which people consider to be the fruit of the same tree by different stages. Haran is easily found everywhere. It is a medium sized, branching tree up to 24 to 30 m high. Its leaves are simple, shiny, oval and spear shaped. Its fruits are oval or spherical. It is green in color in raw state and yellow to orange brown in ripe state. The fruits which are plucked before the kernels in the raw state are known as Choti Harad. The fruits which are plucked at half ripe stage are yellow in colour. Its fruit in full ripe stage is called Badi Harad. In the center of the fruit is a seed. The tree sheds leaves in February-March, flowers in April-May and bears fruits in winter.

Know about the benefits, harms, uses and medicinal properties of Myrobalan.

Harad has great importance in Ayurveda. Many health benefits are found in small harad. The way of consuming Harad is different in every disease. Boiling myrobalan stops diarrhea and eating it after roasting it increases intelligence along with weight. Consuming it after meals provides relief from stomach related problems.

हरड़ या हरीतकी / हर्रे

in acidity

In case of not digesting food or having acidity problem, mixing equal quantity of sugar candy in 3 to 6 grams of myrobalan powder and taking it after meals in the morning and evening increases the digestive power.

in headache

Headache has become a common problem in a stressful life these days. Grinding the kernels of myrobalan in water and applying it on the head provides relief in headache.

Dandruff problem

Mix equal quantity of mango seed powder and small myrobalan powder and mix it in milk and apply it on the hair, it ends dandruff.

eye problems

If there is a problem like burning and pain in the eyes due to working on the computer for a long time or due to any other reason, then soaking the myrobalan in water overnight and washing the eyes after filtering the water in the morning gives coolness to the eyes.

phlegm and cough problem

Make a powder by taking equal quantity of myrobalan and dry ginger. Taking 2 to 5 grams with lukewarm water in the morning and evening, it provides relief in cough and shortness of breath.

vomiting problem

If there is a problem of vomiting due to irregular eating habits, then taking 2 to 4 grams of myrobalan powder mixed with honey stops vomiting.

loss of appetite

  • Sometimes the desire to eat decreases after a long illness. Doesn't feel hungry. In such a situation, eating myrrh marmalade increases appetite.
  • Taking 2 grams myrobalan and 1 gram dry ginger mixed with jaggery or 250 mg rock salt also increases appetite.

to heal wounds

If the wound is not taking the name of drying, then washing the wound with a decoction of myrrh heals the wound quickly.

in fever

Taking 3 to 6 grams of myrobalan powder provides relief in the symptoms of fever.

हरड़ या हरीतकी / हर्रे

inflammation problem

  • Taking 2 to 5 grams of myrobalan powder mixed with jaggery provides relief in swelling.
  • Make a decoction by taking equal quantity of myrobalan, dry ginger and turmeric and take 10 to 30 ml in the morning and evening, it is beneficial in swelling after fever.

in malaria

Taking 5 grams powder of myrobalan with honey in the morning and evening is beneficial in malaria.

in hemorrhoids

Mix equal quantity of jaggery in the powder of myrobalan and take it twice a day, it cures piles.

mouth ulcers

Rubbing small myrobalan in water and applying it on the mouth ulcers cures the blisters.

in jaundice

Mixing equal quantity of myrobalan powder and old jaggery and taking it thrice a day ends jaundice.

for weight loss

Harad is also used to balance weight. Because it has cathartic properties, which helps in balancing the body weight by flushing out unwanted substances from the body.

lung disorders

Harad is also used to cure disorders related to lungs. Because the property of heat is found in Harad, which helps in removing the phlegm accumulated in the lungs.

in diarrhea and dysentery

Harad is mostly used to clean the stomach due to its cathartic properties. But it also gives benefit in diarrhea and dysentery because it also has the property of lamp, which increases digestion power, and at the same time it is astringent, which controls the tendency of frequent stools, which causes diarrhea and dysentery. I get rest.

for hair

One part of Triphala is Harad and 2 parts are Baheda and Amla. Triphala acts as a medicine for hair problems. Haritaki juice is a kashaya juice, which helps in strengthening the hair.

Side Effects of Myrobalan

  • Haritaki should not be taken by a person who is tired from walking excessively, a weak person, whose pitta is increased and a pregnant woman. In such a situation, the consumption of harad can be harmful.
  • Indigestion patients, those who eat dry foods, those who drink alcohol should also not take haritaki.
  • Children younger than 5 years and very thin people should not use harad.
हरड़ या हरीतकी / हर्रे


25 comments:

  1. Good One .... Thyroid के लिए भी ऊपाय बता दिजिये...

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    1. https://rupaaooskiekboond.blogspot.com/2020/12/ayurveda-synthesis-of-yoga-and-natural.html?m=1

      Detail information about Thyroid...

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    2. Post ke last me "थायराइड (Thyroid)" likha hai, uspar click kijiye...

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  2. Very useful Post.. Thanks for sharing 👍

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  3. बहुत बढ़िया जानकारी 👏 👍

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  4. हवा बाण हरड़ें रोज खाये तुरंत पचाये

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  5. हरड़ विभिन्न रोगों में उपयोगी है,कहावत है कि जिसके माता नहीं है,उसकी माता हरड़ है।

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  6. इतने छोटे बच्चे को पत्थर पर घिस के बहुत ही कम मात्रा में चटाया जाता है।

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  7. मुंह के छाले और अपच में हरड़ फायदेमंद है ये जानकारी तो थी लेकिन इसके इतने सारे फायदे हैं आज जानकारी मिली।
    उपयोगी जानकारी

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  8. व्यापक समाचार के लिए धन्यवाद।

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  9. अच्छी जानकारी

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  10. बहुत गुणकारी हरड़

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  11. लाजवाब है आपकी पोस्ट, धन्यवाद जी

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  12. अच्छी जानकारी

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