शरद पूर्णिमा २०२१ || Sharad Purnima 2021

शरद पूर्णिमा । Sharad Purnima

शरद पूर्णिमा । Sharad Purnima 2021
चांद सी शीतलता, शुभ्रता, कोमलता
उदारता, प्रेमलता आपको और
आपके परिवार को प्रदान हो
शुभ शरद पूर्णिमा

वर्ष के बारह महीनों में ये पूर्णिमा ऐसी है, जो तन, मन और धन तीनों के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है। इस पूर्णिमा को चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है, तो धन की देवी महालक्ष्मी रात को ये देखने के लिए निकलती हैं कि कौन जाग रहा है और वह अपने कर्मनिष्ठ भक्तों को धन-धान्य से भरपूर करती हैं।

शरद पूर्णिमा का एक नाम कोजागरी पूर्णिमा भी है यानी लक्ष्मी जी पूछती हैं- कौन जाग रहा है? अश्विनी महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने का नाम अश्विनी पड़ा है।

शरद पूर्णिमा । Sharad Purnima 2021

एक महीने में चंद्रमा जिन 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है, उनमें ये सबसे पहला है और आश्विन नक्षत्र की पूर्णिमा आरोग्य देती है।

केवल शरद पूर्णिमा को ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से संपूर्ण होता है और पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट भी। चंद्रमा की किरणों से इस पूर्णिमा को अमृत बरसता है।

आयुर्वेदाचार्य वर्ष भर इस पूर्णिमा की प्रतीक्षा करते हैं।

जीवनदायिनी रोगनाशक जड़ी-बूटियों को वह शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखते हैं। अमृत से नहाई इन जड़ी-बूटियों से जब दवा बनायी जाती है तो वह रोगी के ऊपर तुंरत असर करती है।

"चंद्रमा को वेदं-पुराणों में मन के समान माना गया है-"

"चंद्रमा मनसो जात:"

 वायु पुराण में चंद्रमा को जल का कारक बताया गया है। प्राचीन ग्रंथों में चंद्रमा को औषधीश यानी औषधियों का स्वामी कहा गया है।

शरद पूर्णिमा । Sharad Purnima 2021

ब्रह्मपुराण के अनुसार- सोम या चंद्रमा से जो सुधामय तेज पृथ्वी पर गिरता है उसी से औषधियों की उत्पत्ति हुई और जब औषधी 16 कला संपूर्ण हो तो अनुमान लगाइए उस दिन औषधियों को कितना बल मिलेगा।

शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है, शरद पूर्णिमा की शीतल धवल चांदनी में रखी खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है।

लेकिन इस खीर को एक विशेष विधि से बनाया जाता है। पूरी रात चांद की चांदनी में रखने के बाद सुबह खाली पेट यह खीर खाने से सभी रोग दूर होते हैं, शरीर निरोगी होता है।

शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं। स्वयं सोलह कला संपूर्ण भगवान श्रीकृष्ण से भी जुड़ी है यह पूर्णिमा। इस रात को अपनी राधा रानी और अन्य सखियों के साथ श्रीकृष्ण महारास रचाते हैं।

कहते हैं जब वृन्दावन में भगवान कृष्ण महारास रचा रहे थे तो चंद्रमा आसमान से सब देख रहा था और वह इतना भाव-विभोर हुआ कि उसने अपनी शीतलता के साथ पृथ्वी पर अमृत की वर्षा आरंभ कर दी।

शरद पूर्णिमा । Sharad Purnima 2021

गुजरात में शरद पूर्णिमा को लोग रास रचाते हैं और गरबा खेलते हैं। मणिपुर में भी श्रीकृष्ण भक्त रास रचाते हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में शरद पूर्णिमा की रात को महालक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूर्णिमा को जो महालक्ष्मी का पूजन करते हैं और रात भर जागते हैं, उनकी सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।

ओडिशा में शरद पूर्णिमा को कुमार पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है। आदिदेव महादेव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म इसी पूर्णिमा को हुआ था। गौर वर्ण, आकर्षक, सुंदर कार्तिकेय की पूजा कुंवारी लड़कियां उनके जैसा पति पाने के लिए करती हैं।

शरद पूर्णिमा ऐसे महीने में आती है, जब वर्षा ऋतु अंतिम समय पर होती है। शरद ऋतु अपने बाल्यकाल में होती है और हेमंत ऋतु आरंभ हो चुकी होती है और इसी पूर्णिमा से कार्तिक स्नान प्रारंभ हो जाता है।

English Translate

Sharad Purnima

In the twelve months of the year, this full moon is such, which is best for the body, mind and wealth. On this full moon, nectar is showered by the rays of the moon, so Mahalakshmi, the goddess of wealth, comes out at night to see who is awake and she blesses her devoted devotees with wealth.

शरद पूर्णिमा । Sharad Purnima 2021

One of the names of Sharad Purnima is Kojagari Purnima i.e. Lakshmi ji asks – Who is awake? On the full moon day of Ashwini month, the Moon is in Ashwini Nakshatra, hence the name of this month is Ashwini.

 It is the first of the 27 constellations in which the Moon travels in a month and the full moon of Ashwin Nakshatra gives health.

It is only on Sharad Purnima that the Moon is full of its sixteen phases and also closest to the Earth. On this full moon nectar is showered by the rays of the moon.

Ayurvedacharya waits for this full moon throughout the year.

He keeps life-giving medicinal herbs in the moonlight of Sharad Purnima. When medicine is made from these herbs bathed with nectar, it immediately affects the patient.

"Moon is considered like mind in Vedas-Purans-"

"Moon Manso Jat:"

 In the Vayu Purana, the Moon has been described as the factor of water. In ancient texts, the moon has been called Aushadhish i.e. the lord of medicines.

According to the Brahmapuran, the medicinal effulgence that falls on the earth from Soma or the Moon, the medicine originated from it and when the 16 phases of medicine are completed, then guess how much strength the medicines will get on that day.

By eating kheer kept in the cool moonlight of Sharad Purnima, all the diseases of the body are removed. The accumulation of bile in the body during the months of Jyeshtha, Ashadha, Sawan and Bhadrapada, the bile comes out by eating kheer kept in the cool moonlight of Sharad Purnima.

शरद पूर्णिमा । Sharad Purnima 2021

But this kheer is made with a special method. After keeping it in the moonlight for the whole night, eating this kheer on an empty stomach in the morning cures all diseases, makes the body healthy.

Sharad Purnima is also known as Ras Purnima. The sixteen arts themselves are also associated with the entire Lord Shri Krishna, this full moon. On this night, Shri Krishna along with his Radha Rani and other friends composes Maharas.

It is said that when Lord Krishna was creating Maharas in Vrindavan, the moon was watching all from the sky and he became so emotional that he started raining nectar on the earth with his coolness.

In Gujarat, on Sharad Purnima, people make Raas and play Garba. In Manipur too, the devotees of Shri Krishna create raas. In West Bengal and Odisha, Mahalakshmi is worshiped with rituals on the night of Sharad Purnima. It is believed that those who worship Mahalakshmi on this full moon and stay awake throughout the night, all their wishes are fulfilled.

शरद पूर्णिमा । Sharad Purnima 2021

In Odisha, Sharad Purnima is celebrated as Kumar Purnima. Kartikeya, the son of Adidev Mahadev and Goddess Parvati, was born on this full moon. The fair complexion, attractive, beautiful Kartikeya is worshiped by unmarried girls to get a husband like her.

Sharad Purnima comes in a month when the rainy season is at its last. The autumn season is in its childhood and the Hemant season has started and from this full moon the Kartik bath begins.

शरद पूर्णिमा । Sharad Purnima 2021

25 comments:

  1. हर दिन एक समान होता है मोहतरमा, जब धनलक्ष्मी आप के आंगन में धन बरसाएं तो वो नजारा हम को भी दिखाईए गा।

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    1. कितनी नकारात्मकता भरी पड़ी है? धन वर्षा का मतलब सोना चांदी और नोटों की बारिश से नही होता। इसको स्वास्थ्य से जोड़िए महोदय। मेरे नजर में धनी वो नहीं जिसका बैंक बैलेंस बहुत है, बल्कि धनी वो है जो खुश है, स्वस्थ है।

      "शरद पूर्णिमा की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है, शरद पूर्णिमा की शीतल धवल चांदनी में रखी खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है।"

      इसको पढ़िए।

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    2. मेरे अंदर किसी प्रकार की नकारात्मकता नही मोहतरमा, इस सर्द और गर्म के मौसम के इंसान वैसे भी बिमार तो पङ ही जाता है बाकि की कसर ये बारिश पूरी कर रहा है,आज शरद पूर्णिमा के दिन यदि बारिश हो रही है तो इसमें कोई खुशी की बात नहीं है ये इंसान को नुकसान के अलावा और कुछ नहीं देगा यदि चांद इतनी ही शीतल धवल चांदनी देता है तो क्यों आज सभी होस्पीटल मे जगर नही है, बस ये दकयानुसी हैं सत्यता से इस का कोई लेना देना नहीं।

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    3. बीमार पड़ने की बहुत सारी वजह है। अनियमित दिनचर्या, अनियमित खानपान, खेतों में पेस्टिसाइड, फास्ट फूड का बढ़ता चलन, नुकसानदायक पेय, सिगरेट, तंबाकू...इसका डिटेल बहुत लंबा हो जायेगा। पूरे साल इनका सेवन करने के बाद कोई ये सोंचे कि शरद पूर्णिमा की खीर खा के स्वस्थ हो लेंगे, तो ये संभव नहीं है।

      और रहा बिना मौसम के बारिश की बात तो ये कुदरत के कारनामें हैं। इसपर टीका टिप्पणी नहीं कर सकते।

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    4. खीर. नही हो गया बाबा रामदेव की बुटी हो गई।

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    5. आयुर्वेदाचार्य वर्ष भर इस पूर्णिमा की प्रतीक्षा करते हैं।

      जीवनदायिनी रोगनाशक जड़ी-बूटियों को वह शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखते हैं। अमृत से नहाई इन जड़ी-बूटियों से जब दवा बनायी जाती है तो वह रोगी के ऊपर तुंरत असर करती है।

      अब आप इसकी प्रमाणिकता और सत्यता के लिए किसी आयुर्वेद के विशेषज्ञ से परामर्श कीजिए।

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  2. उन किसानों से जा कर पूछिये मोहतरमा के क्या वो इस शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में बारिश हो रही है उसे खुश हैं।

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    1. किसान तो खुश ही होंगे और शरद पूर्णिमा की बधाईयां दे रहे होंगे।

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    2. किसान कितना खुश हैं ये उनसे जा कर पूछिए पूरी धान की फसल पानी में डुब गई है, जो बेल वाली सब्जियां है जैसे लौकी, तोरई, करेला आदि की पैदा वार खत्म सी हो.गई है जिसके कारण सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं आम गरीब लोगों से पूछिये की क्या वो ये सब खा पा रहे हैं, उनका पेट भर रहा है या नहीं की चांद की शितल चांदी से उनका पेट भर जाता है।

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    3. इससे शरद पूर्णिमा से क्या लेना देना। ये तो प्राकृतिक आपदाएं हैं। अगर ऐसे मौसम रहा तो शायद पूर्णिमा का चांद नजर ही ना आए।

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  3. हो सके तो आज रात के अंधेरे मै सुई कमा धागा डालिये

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  4. जानकारी के लिए धन्यवाद

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  5. बढ़िया जानकारी 👏 👍 🙏🏻

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  6. शरद पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व भी है। पृथ्वी की निकटता के कारण आज इसकी किरणों में विशेष गुण होता है। प्रयागराज में एक मशहूर वैद्य शरद पूर्णिमा की रात में कुछ विशेष जड़ी बूटियों से दमा मर्ज की दवा बनाते हसीन और अगलेदिन प्रातः काल जन कल्याणके लिए इसे निःशुल्क बांटते हैं। सुबह 4 बजे से ही लाइन लग जाती है। अतः यह कोई ढकोसला नही है। यह हमारे देश का दुर्भाग्य ही है कि आयुर्वेद के जिस ज्ञान के महत्व को आज जापान ,कोरिया,अमेरिका जैसे देश महत्व दे रहे हैं वहीं हम लोग इसे भूलते जा रहे हैं।
    आप अपने ब्लॉग के माध्यम से समाज के पथ प्रदर्शक का कार्य कर रहे हैं।

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  7. शरद पूर्णिमा की रात में औषधियों पर अमृत की बरसात होती है।चांदनी रात में रखी खीर खा कर स्वस्थ बनिए। शुभ शरद पूर्णिमा।

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  8. पुरानी मान्यताओं और परम्पराओं के वैज्ञानिक आधार भी हैं.. हमारे खगोलविद् और आयुर्वेदाचार्य बिना किसी आधुनिक संयंत्र के हजारों साल पहले अपने वेद और उपनिषद द्वारा जो कह गए वो अब प्रमाणिकता के साथ खरे उतर रहें हैं..बस हमारे तक पहुंच नहीं रही..जैसे कि आयुर्वेद में कहा गया है कि दिन ढलने के बाद भोजन नहीं करना चाहिए और आज ये प्रमाणित हो गया है कि हमारा पेट देररात्रि के भोजन को पचाने में असमर्थ है..
    अपनी संस्कृति को ब्लाग का हिस्सा बनाने के लिए धन्यवाद
    शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏

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  9. *चांद भी क्या खूब है,*
    *न सर पर घूंघट है,*
    *न चेहरे पे बुरका,*

    *कभी करवाचौथ का हो गया,*
    *तो कभी ईद का,*
    *तो कभी ग्रहण का*

    *अगर*

    *ज़मीन पर होता तो*
    *टूटकर विवादों मे होता,*
    *अदालत की सुनवाइयों में होता,*
    *अखबार की सुर्ख़ियों में होता,*

    *लेकिन*

    *शुक्र है आसमान में बादलों की गोद में है,*
    *इसीलिए ज़मीन में कविताओं और ग़ज़लों में महफूज़ है”*

    *शरद पूर्णिमा की बहुत - बहुत
    शुभकामनाएं

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  10. Belated Happy Sharad Purnima🌝🌝🌝

    मैंने तो खीर बनाया था पर बादलों के बीच चांद नजर ही नहीं आया। बारिश के डर से बाहर बरामदे में ही खीर रख दिया 😃😃😀😀

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