लौंग (Clove)
आज बात करेंगे एक और भारतीय मसाले की जो आकार में बेशक छोटा होता है, पर इसके औषधीय गुण चमत्कारिक हैं। आज लौंग के औषधीय गुणों के बारे में जानेंगे, जो हमारे भोजन को लजीज बनाने के साथ ही स्वास्थ्य को लाभ भी पहुंचाता है। सदियों से लौंग का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता रहा है।
लौंग क्या है?
लौंग एक सदाबाहर पेड़ होता है। लौंग को हम भारतीय मसाले के तौर पर जानते हैं। इसका पेड़ होता है, जिस पर लगभग 9 वर्ष की आयु में फूल लगने शुरू हो जाते हैं। इसकी फूल कलियों को ही सुखाकर बाजार में लौंग के रूप में बेचा जाता है।
जानते हैं लौंग के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
आयुर्वेदिक ग्रंथों में लौंग के इस्तेमाल से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं। लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है, उल्टी रुकती है, पेट की गैस, अत्यधित प्यास लगने की समस्या और कफ-पित्त दोष ठीक होते हैं। इसके साथ ही आप रक्त विकार, सांसों की बीमारी, हिचकी और टीबी रोग में भी लौंग का उपयोग कर लाभ पा सकते हैं।
सिर दर्द और माइग्रेन में
- अगर कोई रोगी आधासीसी से पीड़ित है या फिर अन्य प्रकार के सिर दर्द की समस्या से परेशान है, तो लौंग का प्रयोग लाभ दिलाता है। इसके लिए 6 ग्राम लौंग को पानी में पीसकर सुखा लें। इसे थोड़ा गर्म कर लें। इसका कान के आस-पास गाढ़ा लेप करने से सिर दर्द या आधासीसी की समस्या में लाभ होता है।
- 2 लौंग और 65 मिग्रा अफीम को पानी के साथ पीसकर गर्म कर लें। इसको ललाट पर लेप करने से सर्दी के कारण होने वाले सिर दर्द से आराम मिलता है।
आंखों की बीमारियों में
लौंग को तांबे के बरतन में पीस लें। इसे शहद मिलाकर आंखों में लगाने से आंखों के रोगों में लाभ मिलता है।
दांतों के रोग में
दांतों की बीमारियों में भी लौंग काफी फायदेमंद है। लौंग के तेल को रूई के फाहे में लगाकर दांतों में लगाएं। इससे दांतों के दर्द से आराम मिलता है। इससे दांत में लगे कीड़े भी खत्म हो जाते हैं।
बलगम की समस्या
लौंग के 2 ग्राम कूटे हुए चूर्ण को 125 मिली पानी में उबालें। जब यह एक चौथाई रह जाए तो छानकर थोड़ा गर्म कर पी लें। यह कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
मुंह और सांसों की बदबू
लौंग को मुंह में रखने से मुंह और सांस की दुर्गन्ध मिटती है।
कुक्कुर खांसी
3-4 नग लौंग को आग पर भूनकर पीस लें। इसे शहद मिलाकर चाटने से कुक्कुर खांसी में लाभ होता है।
हैजा में फायदेमंद
हैजा होने पर बहतु अधिक प्यास लगने की समस्या भी हो जाती है। इस समस्या में लौंग खाने से बहुत फायदा मिलता है। एक या ड़ेढ़ ग्राम लौंग को करीब डेढ़ ली जल में डालकर उबालें। 2-3 उबाल आने पर नीचे उतार कर ढक दें। इसमें से 20-25 मिली जल को बार-बार पिलाने से हैजा के कारण लगने वाली अत्यधिक प्यास की समस्या ठीक होती है।
अपच की समस्या
1 ग्राम लौंग और 3 ग्राम हरड़ को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर पिलाने से अपच की समस्या ठीक होती है।
जी मिचलाने पर
लौंग को पानी के साथ पीसकर थोड़ा गर्म कर लें। इसे थोड़ा-थोड़ा पिलाने से जी मिचलाने और अत्यधित प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
बुखार में
लौंग और छोटी पिप्पली को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस चूर्ण को 1½ ग्राम की मात्रा में लेकर मधु मिलाकर सुबह और शाम चाटने से बुखार और बुखार के कारण होने वाली शारीरिक कमजोरी में लाभ होता है।
गैस की समस्या
10 ग्राम लौंग, 10 ग्राम सोंठ, अजवायन और 10 ग्राम सेंधा नमक तथा 40 ग्राम गुड़ को पीस लें। इसकी 325-325 मिग्रा की गोलियाँ बना लें। 1 गोली को दिन में 2-3 बार सेवन करने से पेट की गैस की समस्या ठीक होती है।
नासूर (पुराना घाव)
5-6 लौंग और 10 ग्राम हल्दी को पीसकर लगाने से नासूर (पुराना घाव) ठीक हो जाता है।
लौंग के पौष्टिक तत्व (Nutritional Value of Clove)
विभिन्न भाषाओं में लॉन्ग का नाम
English– Clove (क्लोव)
Sanskrit – लवङ्ग, देवकुसुम, श्रीप्रसून, श्रीसंज्ञ, श्रीप्रसूनक, वारिज
Urdu – लौंग (Laung), लवंग (Lavang)
Kannada – लवंग (Lavanga), रूंग (Rung)
Gujarati – लवींग (Laving)
Telugu – करवप्पु (Karvappu), लवंगमु (Lavangamu)
Tamil – किरांबु (Kirambu), किराम्पु (Kirampu)
Bengali – लवंग (Lavang)
Nepali – लवांग (Lwang)
Marathi – लवंग (Lavang)
Malayalam – लौंग (Laung), ग्रामपु (Grampu), करयाम्पु (Karayampu)
Arabic – करनफल (Qaranphal), करनफूल (Qaranphul)
Persian – मेखत (Mekhat), मेखक (Mekhak)
लौंग के नुकसान – Side Effects of Clove
नियमित रूप से एक या दो लौंग खाने के कई फायदे होते हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन करने से इसके नुकसान भी हो सकते हैं। इससे
आंखों में जलन
स्किन एलर्जी
कोमा
लिवर डैमेज
अधिक सेवन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन को कम कर सकता है।
गर्भावस्था में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
अधिक सेवन विषाक्तता का कारण बन सकता है।
Clove
Today we will talk about another Indian spice which is small in size, but its medicinal properties are miraculous. Today, we will learn about the medicinal properties of cloves, which along with making our food delicious, also benefits our health. Clove has been used in Ayurvedic medicine for centuries.
What is clove?
Clove is an evergreen tree. We know clove as Indian spice. It has a tree, which starts flowering at the age of about 9 years. Its flower buds are dried and sold in the market as cloves.
Know about the benefits, disadvantages, uses and medicinal properties of cloves
Many remedies related to the use of cloves have been described in Ayurvedic texts. Consuming cloves increases appetite, stops vomiting, cures stomach gas, excessive thirst and kapha-pitta dosha. Along with this, you can also get benefits by using cloves in blood disorders, respiratory diseases, hiccups and tuberculosis.
in headache and migraine
- If a patient is suffering from migraine or is troubled by other types of headache, then the use of cloves is beneficial. For this, grind 6 grams of clove in water and dry it. Heat it a little. Applying it thickly around the ear is beneficial in the problem of headache or migraine.
- Grind 2 cloves and 65 mg opium with water and heat it. Applying it on the forehead provides relief from headache caused by cold.
in eye diseases
Grind cloves in a copper utensil. Mixing it with honey and applying it on the eyes provides relief in eye diseases.
in dental disease
Clove is also very beneficial in dental diseases. Apply clove oil to the cotton swab and apply it on the teeth. This gives relief from toothache. This also kills the worms in the teeth.
mucus problem
Boil 2 grams crushed powder of clove in 125 ml water. When it remains one-fourth, filter it and drink it after heating it a little. It helps in expelling phlegm.
bad breath and mouth
By keeping cloves in the mouth, the bad smell of the mouth and breath ends.
barking cough
Roast 3-4 pieces of cloves on fire and grind them. Mixing honey and licking it is beneficial in whooping cough.
beneficial in cholera
There is also the problem of excessive thirst due to cholera. Eating cloves is very beneficial in this problem. Boil one or one and a half grams of cloves in about one and a half liters of water. After 2-3 boils, take it down and cover it. Drinking 20-25 ml of this water repeatedly cures the problem of excessive thirst caused by cholera.
indigestion problem
Make a decoction by mixing 1 gram clove and 3 grams myrobalan. Adding a little rock salt to it and drinking it cures the problem of indigestion.
nauseous
Grind cloves with water and heat it a little. By giving it little by little, the problem of nausea and excessive thirst is cured.
in fever
Grind clove and small pepper in equal quantity. Taking 1½ grams of this powder mixed with honey and licking it in the morning and evening provides relief in fever and physical weakness caused by fever.
gas problem
Grind 10 grams clove, 10 grams dry ginger, carom seeds and 10 grams rock salt and 40 grams jaggery. Make tablets of 325-325 mg of it. Consuming 1 tablet 2-3 times a day cures the problem of stomach gas.
Canker (old sore)
Grinding 5-6 cloves and 10 grams turmeric and applying it cures canker sores.