जावित्री || Mace || Javitri ||

 जावित्री

भारतीय रसोई घर में जावित्री का अपना एक अलग स्थान है। भारतीय व्यंजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के मसाले का प्रयोग किया जाता है, जो ना सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाते हैं अपितु स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं। उन्हीं में से "जावित्री" भी एक मसाला है। लगभग हर रसोई घर में यह मसाला पाया जाता है। आज इस मसाले के औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे।

जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

जावित्री क्या है?

जायफल एक जड़ी बूटी है, जिसका प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है। जायफल का वृक्ष हमेशा हरा-भरा रहता है और सुगंधित होता है। वृक्ष के तने श्यामल रंग के होते हैं, जिसमें बाहर छिद्र होता है। अंदर लाल रंग के द्रव्य होते हैं। इसके पत्ते लंबे और भालाकार होते हैं। इसके फूल छोटे-छोटे सुगंधित और पीले सफेद रंग के होते हैं। यह गोलाकार, अंडाकार तथा लाल और पीला रंग का होता है। फल पकने पर दो भागों में फट जाता है, जिसमें से जायफल निकलता है। जायफल को चारों ओर से घेरे हुए लाल रंग का कड़ा मांसल कवच होता है, जिसे जावित्री कहते हैं। इसी जावित्री के अंदर जायफल होता है।

हालांकि, कई बार लोग जायफल और जावित्री दोनों को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जायफल इस पेड़ का बीज होता है और इसे ढकने वाली रेशेदार परत को जावित्री कहा जाता है। जायफल की तरह ही जावित्री के फायदे भी अनेक हैं। 

जानते हैं जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

किचन में मौजूद कई मसाले ऐसे हैं, जिन्हें स्वाद सेहत और सुंदरता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।  कुछ मसाले तो ऐसे हैं, जिनके बिना कुछ डिश अधूरी हैं। जावित्री एक ऐसा मसाला है जो लगभग हर किचन में आपको आसानी से मिल जाएगी। जावित्री कई पोषक तत्वों और गुणों से भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

पाचन तंत्र के लिए 

व्यस्त दिनचर्या के कारण ज्यादा बाहरी खाना या ठीक वक्त पर न खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं आम हैं। पाचन में जैसे जायफल मदद करता है, वैसे ही जावित्री भी पेट और पाचन के लिए लाभकारी हो सकती है। एक रिसर्च के अनुसार, जायफल और जावित्री दोनों को पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। 

सर्दी-जुकाम में 

मौसम बदलने से सर्दी-जुकाम या बुखार की समस्या सामान्य है। ऐसे में जावित्री एक अच्छा घरेलू उपचार हो सकती है। इसे कई वर्षों से उपयोग भी किया जा रहा है। इसके एंटी-एलर्जी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सर्दी-जुकाम जैसी एलर्जिक समस्याओं से बचाव कर सकते हैं। कई बार सुना होगा कि सर्दी जुकाम में छोटे बच्चों को पत्थर पर घिस कर जावित्री या जायफल चटाया जाता है।

भूख बढ़ाने में मददगार

कई बार बाहर का खाना खाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे – एसिडिटी व पेट में संक्रमण हो जाता है, जिस कारण भूख कम हो जाती है। ऐसे में जावित्री के उपयोग से पाचन शक्ति में सुधार हो सकता है और जिससे भूख भी बढ़ सकती है। 

अर्थराइटिस में जावित्री के फायदे

उम्र के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और शरीर में जगह-जगह दर्द भी होने लगता है। बढ़ती उम्र के साथ ऐसा होना सामान्य है। ऐसे में इससे बचाव के लिए जावित्री का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, जावित्री में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सूजन की वजह से जोड़ों में होने वाली समस्या, जिसे रुमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) कहते हैं, उससे बचा सकती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया का ही एक प्रकार होता है।

वजन घटाने में 

रोज़ाना नियमित रूप से व्यायाम और सही डाइट के साथ खाने में जावित्री का इस्तेमाल भी ज़रूर करें। इससे आपको शरीर से चर्बी कम करने में मदद मिलेगी।

त्वचा के लिए

स्किन को स्वस्थ रखने के लिए जावित्री का सेवन कर सकते हैं। जावित्री में मौजूद मैक्लिग्नन त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करती है। प्राकृतिक रूप से त्वचा में निखार लाने के लिए जावित्री का उपयोग किया जा सकता है। इसमें मौजूद मैक्लिग्नन (macelignan) सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है।

नींद के लिए फायदेमंद

जावित्री अनिद्रा की समस्या को भी दूर कर सकती है। इसमें कुछ ऐसे यौगिक हैं, जो अच्छी नींद को बढ़ावा देते हैं।

लिवर के लिए

लिवर की समस्या अक्सर तेल और मसालों की वजह से बढ़ती है। जिन्हें ठीक करने के लिए जावित्री का उपयोग करना चाहिए। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण यह लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।

दांतो के लिए 

जावित्री का इस्तेमाल दांतों के स्वास्थ्य के लिए मददगार साबित होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो दांतो में कैविटी की समस्या से भी निजात दिलाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ये एंटी-कैंसर की तरह काम करता है, जो मुंह के कैंसर से बचाव करता है।

जावित्री के पौष्टिक तत्व – Mace Nutritional Value

जावित्री के पौष्टिक तत्व – Mace Nutritional Value

जावित्री के नुकसान

जैसा कि हम सभी जानते हैं किसी भी चीज की अधिकता बुरी होती है।

जावित्री की 5 ग्राम या उससे अधिक मात्रा का प्रयोग करने पर हिचकी, बहुत अधिक प्यास लगना, पेट दर्द, व्याकुलता तथा लिवर से जुड़ी समस्या हो सकती है।

जावित्री में मिरिस्टिसिन नामक केमिकल होता है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन मतिभ्रम (Hallucinations) जैसी मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है।

गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जावित्री या इसके सप्लीमेंट्स का डॉक्टर से परामर्श लिए बिना सेवन नहीं करना चाहिए। 

English Translate

Mace

Mace has its own special place in the Indian kitchen. Various spices are used to enhance the taste of Indian cuisine, which not only enhance the taste of food but are also beneficial for health. Among them "Javitri" is also a spice. This spice is found in almost every kitchen. Today we will discuss the medicinal properties of this spice.

जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

What is mace?

Nutmeg is an herb, which is used as a spice. The nutmeg tree always remains green and is fragrant. The trunk of the tree is dark in colour, with holes on the outside. There are red colored substances inside. Its leaves are long and lanceolate. Its flowers are small, fragrant and yellowish white in colour. It is circular, oval and red and yellow in color. When the fruit ripens, it splits into two, from which nutmeg comes out. Surrounding the nutmeg from all sides is a hard fleshy armor of red colour, which is called Javitri. There is nutmeg inside this mace.


However, many times people consider both nutmeg and mace to be the same, but it is not so. Nutmeg is the seed of this tree and the fibrous layer covering it is called Javitri. Like nutmeg, the benefits of mace are also many.

Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of mace

There are many spices present in the kitchen, which are used to enhance taste, health and beauty. Some spices are such, without which some dishes are incomplete. Mace is such a spice that you will find it easily in almost every kitchen. Mace is rich in many nutrients and properties, which are beneficial for health.

जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

for the digestive system

Stomach and digestion related problems are common due to busy routine, eating too much outside food or not eating at the right time. Just like nutmeg helps in digestion, mace can also be beneficial for the stomach and digestion. According to a research, both nutmeg and mace are used to increase digestive power.

in cold

The problem of cold and fever is common due to change of weather. In this case, mace can be a good home remedy. It is also being used for many years. Its anti-allergic, antioxidant and anti-inflammatory properties can prevent allergic problems like cold and flu. You must have heard many times that small children are made to lick mace or nutmeg by rubbing it on a stone in case of cold.

helps to increase appetite

Sometimes eating outside food causes stomach and digestive problems, such as acidity and stomach infection, due to which the appetite decreases. In such a situation, the use of mace can improve digestion and thereby increase appetite.

benefits of mace in arthritis

With age, the bones start becoming weak and pain also starts at different places in the body. This is normal with increasing age. In such a situation, mace can be consumed to prevent it. Actually, mace has anti-inflammatory properties. It can prevent the problem of joints caused by inflammation, which is called rheumatoid arthritis. Rheumatoid arthritis is a type of arthritis.

weight loss

Make sure to use mace in food along with regular exercise and proper diet. This will help you reduce fat from the body.

to skin

You can consume mace to keep the skin healthy. Maclignon present in mace helps to protect the skin from damage caused by the harmful rays of the sun. Mace can be used to lighten the skin naturally. The macelignan present in it protects against the harmful rays of the sun.

good for sleep

Mace can also remove the problem of insomnia. There are certain compounds in it that promote good sleep.

for liver

Liver problems often increase due to oil and spices. To cure those, mace should be used. The anti-inflammatory and antioxidant properties present in it help detox the liver.

for teeth

The use of mace proves helpful for the health of the teeth. It has anti-bacterial properties, which also relieves the problem of cavity in the teeth. Not only this, it acts like an anti-carcinogenic agent, which prevents oral cancer.

जावित्री के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

Disadvantages of Mace

As we all know, excess of anything is bad.

Using 5 grams or more of mace can cause hiccups, excessive thirst, stomach pain, agitation and liver problems.

Mace contains a chemical called myristicin, which can cause mental problems like hallucinations if consumed in excess.

Pregnant women and lactating women should not consume mace or its supplements without consulting a doctor.

@भारतीय मसाला || Indian Spice || Bharatiya Masale ||

16 comments:

  1. ज्ञानवर्धक एवम लाभदायक जानकारी

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  2. सुन्दर व्याख्या ❣️🙏🚩🙌

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  3. ज्ञानवर्धक व लाभदायक जानकारी

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  4. Good information
    Useful post 👌👍

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  5. Very Nice Information 👌🏻🙏🏻💐

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  6. अच्छी जानकारी

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  7. पवन कुमारJuly 24, 2023 at 10:22 PM

    जावित्री मशाले के खूबियों के बारे में विस्तार से बताने के लिए आभार🙏🙏🙏🙏🙏

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  8. संजय कुमारJuly 25, 2023 at 10:57 AM

    🙏🙏💐💐सुप्रभात 🕉️
    🙏जय श्री राम 🚩🚩🚩
    🙏आप का दिन शुभ हो 🙏
    🙏जय बजरंगबली 🚩🚩🚩
    👌👌👌अत्यंत उपयोगी, लाभदायक व ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

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  9. Very important news. I send greetings.

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  10. Very nice

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  11. Recently, I watched a panda on TV who had hiccups, I felt sorry for her.

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