श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta) अध्याय ग्यारह के अनुच्छेद 47 - 50

श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय ग्यारह विश्वरूपदर्शनयोग ||

अथैकादशोऽध्यायःविश्वरूपदर्शनयोग

अध्याय ग्यारह के अनुच्छेद 47 - 50

श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagwat Geeta)

 भगवान द्वारा अपने विश्वरूप के दर्शन की महिमा का कथन तथा चतुर्भुज और सौम्य रूप का दिखाया जाना

श्रीभगवानुवाच

मया प्रसन्नेन तवार्जुनेदंरूपं परं दर्शितमात्मयोगात्‌ ।
तेजोमयं विश्वमनन्तमाद्यंयन्मे त्वदन्येन न दृष्टपूर्वम्‌ || 11.47 || 

भावार्थ : 

श्री भगवान बोले- हे अर्जुन! अनुग्रहपूर्वक मैंने अपनी योगशक्ति के प्रभाव से यह मेरे परम तेजोमय, सबका आदि और सीमारहित विराट् रूप तुझको दिखाया है, जिसे तेरे अतिरिक्त दूसरे किसी ने पहले नहीं देखा था ॥47॥

न वेदयज्ञाध्ययनैर्न दानैर्न च क्रियाभिर्न तपोभिरुग्रैः।
एवं रूपः शक्य अहं नृलोके द्रष्टुं त्वदन्येन कुरुप्रवीर || 11.48 || 

भावार्थ : 

हे अर्जुन! मनुष्य लोक में इस प्रकार विश्व रूप वाला मैं न वेद और यज्ञों के अध्ययन से, न दान से, न क्रियाओं से और न उग्र तपों से ही तेरे अतिरिक्त दूसरे द्वारा देखा जा सकता हूँ  ॥ 48॥

मा ते व्यथा मा च विमूढभावोदृष्ट्वा रूपं घोरमीदृङ्‍ममेदम्‌।
व्यतेपभीः प्रीतमनाः पुनस्त्वंतदेव मे रूपमिदं प्रपश्य || 11.49 || 

भावार्थ : 

मेरे इस प्रकार के इस विकराल रूप को देखकर तुझको व्याकुलता नहीं होनी चाहिए और मूढ़भाव भी नहीं होना चाहिए। तू भयरहित और प्रीतियुक्त मनवाला होकर उसी मेरे इस शंख-चक्र-गदा-पद्मयुक्त चतुर्भुज रूप को फिर देख॥49॥

संजय उवाच

इत्यर्जुनं वासुदेवस्तथोक्त्वा स्वकं रूपं दर्शयामास भूयः ।
आश्वासयामास च भीतमेनंभूत्वा पुनः सौम्यवपुर्महात्मा || 11.50 || 

भावार्थ : 

संजय बोले- वासुदेव भगवान ने अर्जुन के प्रति इस प्रकार कहकर फिर वैसे ही अपने चतुर्भुज रूप को दिखाया और फिर महात्मा श्रीकृष्ण ने सौम्यमूर्ति होकर इस भयभीत अर्जुन को धीरज दिया॥50॥

14 comments:

  1. श्री नाथ नारायण वासुदेव 🙏🏻

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  2. पवन कुमारJuly 27, 2023 at 8:59 PM

    🌹🙏गोविंद🙏🌹

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  3. गोविंदाय नमः।

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  4. संजय कुमारJuly 28, 2023 at 12:25 AM

    🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
    🙏जय श्री कृष्णा 🚩🚩🚩
    🙏जय श्री कृष्णा 🚩🚩🚩
    🙏जय श्री कृष्णा 🚩🚩🚩
    👌👌बहुत सुन्दर, आप का बहुत बहुत धन्यवाद
    💐💐

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  5. Jai shri vasudev

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  6. जय श्री कृष्ण

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  7. Jai shree krishna

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  8. शुभ मंगल 🌷
    जय मंगल 🌷
    🕉️ श्री नवगुंजराय नमः 🪔🌺🐾🙏🚩🏹⚔️📙⚔️🔱🙌🐅

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