छींद वाले दादा हनुमान जी, मध्यप्रदेश || Chhind Wale Dada Hanuman ji, Madhya Pradesh ||

छींद वाले दादा हनुमान जी, मध्यप्रदेश

आज मध्यप्रदेश के एक हनुमान मंदिर की चर्चा करते हैं, छींद वाले दादा हनुमान जी, जो मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के ग्राम छींद में स्थित 200 साल पुराना मंदिर है। यह भोपाल से 40 किलो मीटर दूर रायसेन जिले के ग्राम छींद में स्थित है। दादा हनुमान जी का दरवार जो छींद के नाम से प्रसिद्ध है, मान्यता है कि यहाँ आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। 
छींद वाले दादा हनुमान जी, मध्यप्रदेश || Chhind Wale Dada Hanuman ji, Madhya Pradesh ||
भगवान शिव का ग्यारहवें अवतार रूद्र रूप संकटमोचन हनुमान जी को माना जाता है। प्रसिद्ध मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की हनुमान जी धरती पर लोगों के कष्टों को दूर करने के लिए आज भी हैं, वे अपने भक्तों की पुकार सुन तुरंत ही चमत्कार दिखाते हैं। क्योंकि त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम ने उन्हें कलयुग के अंत तक धर्म की स्थापना और भक्तों के कल्याण के लिए पृथ्वी पर रहने को कहा था। देश भर में हनुमान जी के भक्त उनके पास अपने दुःख - पीड़ा लेकर मंदिर जाते हैं और आस्था के अनुसार व्रत और तपस्या करते हैं। बजरंगबली के इन्हीं चमत्कारों के बीच एक चमत्कारी मंदिर भी मौजूद है, जहां भक्त अपनी मुरादें लेकर जाते हैं और पूरी होने का आशीर्वाद लेकर आते हैं।
छींद वाले दादा हनुमान जी, मध्यप्रदेश || Chhind Wale Dada Hanuman ji, Madhya Pradesh ||
कहा जाता है जो पांच मंगलवार अपनी श्रद्धा पूर्वक दादाजी के चरणों मे आता है, उसकी हर मुराद को दादाजी महाराज पूरा करते हैं। हनुमान दादाजी के इस दरबार में अमीर, गरीब, नेता हो या अभिनेता, सभी शीश झुकाने  आते हैं। यहां पर मंदिर परिसर में विशाल पीपल के पेड़ के नीचे दक्षिणमुखी दादाजी की प्रतिमा है। हर मंगलवार और शनिवार को दूर-दूर से श्रद्धालु छींद पहुंचते हैं।
बिगड़ी को बनाने वाले दादा का यह दरबार लगभग दो सौ साल पुराना बताया जाता है। मान्यता है कि काफी समय पहले श्री हनुमान जी के किसी अनन्य भक्त ने यहां साधना की थी। उसकी साधना से प्रसन्न होकर दादाजी सदैव इस प्रतिमा में साक्षात निवास करते हैं। यहां आने वाले भक्तजनों का अनुभव है कि दादाजी अतिशीघ्र उनके कष्टों का निवारण करते हैं। 

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Chhind Wale Dada Hanuman ji, Madhya Pradesh

Today let us discuss a Hanuman temple in Madhya Pradesh, Chhind Wale Dada Hanuman ji, which is 200 years old temple located in village Chhind of Raisen district of Madhya Pradesh. It is situated 40 km away from Bhopal in village Chhind of Raisen district. Dada Hanuman ji's door, which is famous as Chhind, is believed to fulfill the wishes of every devotee who comes here.
छींद वाले दादा हनुमान जी, मध्यप्रदेश || Chhind Wale Dada Hanuman ji, Madhya Pradesh ||
The eleventh incarnation of Lord Shiva, Rudra form Sankatmochan Hanuman ji is considered. According to famous beliefs, it is said that Hanuman ji is still on earth to remove the sufferings of the people, he shows miracles immediately after hearing the call of his devotees. Because in Tretayuga Lord Shri Ram had asked him to stay on earth till the end of Kali Yuga for the establishment of Dharma and welfare of devotees. The devotees of Hanuman ji across the country go to the temple with their sorrows and pains and observe fast and penance according to their faith. In the midst of these miracles of Bajrangbali, a miraculous temple is also present, where devotees take their wishes and bring blessings of fulfillment.
It is said that the one who comes at the feet of Grandfather on five Tuesdays with reverence, his every wish is fulfilled by Dadaji Maharaj. In this court of Hanuman grandfather, rich, poor, politician or actor, all come to bow their heads. Here in the temple premises there is a statue of Dakshin Mukhi Grandfather under a huge peepal tree. Devotees from far and wide reach Chhind every Tuesday and Saturday.
छींद वाले दादा हनुमान जी, मध्यप्रदेश || Chhind Wale Dada Hanuman ji, Madhya Pradesh ||
This court of the grandfather who made the spoiled is said to be about two hundred years old. It is believed that a long time ago an exclusive devotee of Shri Hanuman ji did spiritual practice here. Pleased with his sadhana, Grandfather always resides in this idol. The experience of the devotees who come here is that Grandfather removes their sufferings very soon.


2. ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी) : -

मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी का है। ब्राह्मी मन, मस्तिष्क और स्मरण शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ रक्त संबंधी समस्याओं को दूर करती है और स्वर को मधुर करने में मदद करती है। अतः कहा गया है कि इन समस्याओं से ग्रस्त लोगों को ब्रह्मचारिणी की आराधना करनी चाहिए तथा ब्राह्मी का सेवन करना चाहिए। ब्राह्मी आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है। इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है।

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17 comments:

  1. ॐ हं हनुमते नमः

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  2. ॐ श्री हनुमते नमः 🙏🏻

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  3. बहुत सुंदर वर्णन।

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  4. 🚩🙏🏻 जय श्री राम 🚩🙏🏻 जय श्री हनुमान 🚩🙏🏻

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  5. सभी मनोकामना को पूर्ण करनेवाले छिंद वाले
    दादा हनुमान जी के बारे में जानकारी प्रदान करने
    के लिये आपको हृदय से आभार । महादेव के 11वें रुद्रावतार हनुमान जी ही इस कलयुगी जीव
    का कल्याण कर सकते है । दादा हनुमान जी के
    बारे मे जान कर उनके दर्शन करने की अभिलाषा जागृत हो रही है। यही तो आपके लेखनी का प्रभाव है 🙏
    दूसरा ब्राह्मी में अवष्ठित माँ ब्रह्मचारणी सबलोगों को शक्ति प्रदान करें जिससे कि हमलोग माता रानी का भक्ति कर और अंत मे मुक्ति पा सकें🙏
    🙏शक्ति दो हे मेरी माता🙏

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  6. एक और अद्भुत मंदिर की जानकारी जय श्री राम

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  7. बहुत सुन्दर

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  8. जय श्री हनुमानजी

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  9. This comment has been removed by the author.

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  10. ॐ हं हनुमते नमः....🙏🙏

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  11. ॐ हं हनुमते नमः

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