विटामिन सी का सम्राट "आंवला"
बाजार में आंवला बहुतायत मिल रहा है। यह एक ऐसा फल है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है, जो हमें बहुत कम कीमत पर उपलब्ध है। आँवला के फायदे के बारे में इस ब्लॉग में पहले पोस्ट डल चुका है।
कभी आपने सोंचा है हमारे भारत वर्ष में किन किन पेड़ों की पूजा होती है। इनकी संख्या बहुत है और अलग अलग क्षेत्रों को देखा जाये तो ये पेड़ पौधे बहुत हैं। जैसे: पीपल, बरगद, नीम, केला, आम, बेल, अशोक, नारियल, तुलसी आदि। अब अगर औषधीय गुणों को नजर में रखकर देखें तो जिन जिन पेड़ पौधों की पूजा होती है वो सभी औषधीय गुणों से परिपूर्ण हैं, जिनमें आंवला एक नम्बर पर है।
आँवले का सनातन संस्कृति में महत्तम इतना है कि दीपावली के कुछ दिन बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी जिसको आँवला नवमी भी कहते हैं, मनाई जाती है ।
जिस देश में परंपराओं में पूजा पाठ में "विटामिन सी के सम्राट" हैं। पूरी दुनिया में एंटी ऑक्सीडेंट को जब कोई जानता नहीं था" उस एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीएजिंग के सम्राट आंवले की हमारे देश भारतवर्ष में पूजा की जाती थी और आंवले को खाना परंपरा माना जाता था, जो आजतक बदस्तूर जारी है। अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा कर उसी के नीचे भोजन करने का विधान है। आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करना शुभ माना जाता है। आंवले की लकड़ी को कुएं में लगाया जाता हो ताकि जो पानी आए, वह भी एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर आए।
सनातन भारत में सब्जी में खट्टापन लाने के लिये टमाटर के स्थान पर आंवले का प्रयोग होता था। इसलिये सनातन हिंदुओ की हड्डियां महर्षि दधीचि की तरह कठोर होती थीं। इतनी मजबूत होती थी कि महाराणा प्रताप का महावज़नी भाला उठा सकतीं थी।
जिस मौसम में देशी टमाटर मिले तो ठीक लेकिन अंडे जैसे आकार के अंग्रेजी टमाटर खाने के स्थान पर आंवले का प्रयोग हमारी सब्ज़ी को स्वादिष्ट भी बनाएगा और हमें दवाइयों से दूर भी रखेगा। आंवला ही एक ऐसा फल है जिसमे सब तरह के रस होते है। जैसे आंवला, खट्टा भी है, मीठा भी कड़वा भी है, नमकीन भी।
आंवला बाजार में मिलना काफी दिनों से शुरू हो गया है। मुझे पोस्ट डालने में थोड़ी देरी हो गयी। पर अभी भी बहुत देर नहीं हुई है, जनवरी - फरवरी तक आंवला बाजार में उपलब्ध होता है। ज्यादा से ज्यादा अपने भोजन में इसका उपयोग करें। जबतक बाजार में उपलब्ध है ताज़ा आंवले का सेवन करें। यह पोस्ट आपको याद दिलाने के लिए है कि आज ही बाजार से आँवला लाइए और इसका सेवन शुरू कर दीजिये। अब इसका सेवन आपको कैसे करना है? चाहे तो सुबह इसका जूस निकालकर पी सकते हैं। चाहे तो आँवला की चटनी, मुरब्बा, अचार और च्यवनप्राश बना के सेवन कर सकते हैं। चाहे तो इसे स्टोर करके भी रख सकते हैं - अचार, मुरब्बा, कैंडी और च्यवनप्राश बना के इसको पूरे साल खाया सकता है। इसके औषधीय गुणों की चर्चा पहले ही इस ब्लॉग में कर चुकी हूँ, जिसको यहाँ 👇क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द शनिवार 02 नवंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDelete"पांच लिंकों के आनन्द में" इस रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।
Deleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteVery Nice Information 👌🏻
ReplyDeleteAmrit
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDelete🙏🙏💐💐
ReplyDelete🕉️सुप्रभात 🕉️☕️☕️
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👍👍👍बहुत उपयोगी जानकारी शेयर करने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐