ठण्ड की बरसात
जीवन के आरंभ से ही मनुष्य सुख और दुःख की कश्ती पर सवार होता है। कभी यह कश्ती तूफानों के बीच हिचकोले खाते हुए चलती है और कभी शांत,मनोहारी वातावरण में,मृदुल पवन के मंद मंद झोकों के साथ सुख की अनुभूति करते हुए ।
मानव जीवन की यही विडंबना है कि कहीं दिन ढलता है, तो कहीं उजाले होते हैं। यहां सुख और दुःख समय और परिस्थितियों पर निर्भर होते हैं। कुछ पंक्तियाँ आते जाते मौसम की।
कल सारी रात बरसात हुई
कुछ पुरानी खट्टी मीठी यादों को ताज़ा कर गई..
फूलों की कुछ बूंदों से मुलाकात हुई
कुछ पुरानी दीवारों में सीलन पड़ गई..
कुछ पुराने अजीज रिश्ते पीछे छूट गए
तो कुछ नये रिश्तों की भी शुरुआत हो गई..
इक चुपचाप से कमरे की छत पर शोर हुआ रिमझिम का
इक चुपचाप से दिल के गुनगुनाने की आवाज हुई..
आधी रात को चुल्हे पर चाय बनाई हमनें
उसकी यादों से भी बहुत देर तलक बात हुई..
कोई जगता रहा बारिश की खुशी में रात भर
किसी की नींद बारीश की वजह से खराब हो गई..
वाह क्या बात है बहुत ही खुबसूरत कविता है
ReplyDeleteWow 👌👌😊
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियां लिखी हैं, दिल को छू गई। ऐसी ही लिखते रहिए।
ReplyDeleteजब कोई बच्चा जन्म लेता है उसकी मुठ्ठी बंद होती है लेकिन जैसे जैसे ये मुठ्ठी खुलने लगती है वैसे वैसे समस्याएं उत्पन्न होने लगती इस संसार मे शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसके जीवन मे कोई उतार चढाव न हो, सुख और दुःख तो निरंतर चलने वाली एक प्रक्रिया है। बस इस प्रक्रिया में कोई सच्चा हमशफर मिल जाए तो शफर थोङा आसान हो जाता है।
ReplyDeleteवाह भई वाह
ReplyDeleteBahut achi Story hai...
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteVery very nice
ReplyDeleteVery very nice
ReplyDeleteवाह, बहुत अच्छी का कविता।
ReplyDeleteक्या बात है..बहुत खूबसूरत कविता..
ReplyDelete"इक चुपचाप से कमरे की छत पर शोर हुआ रिमझिम का
इक चुपचाप से दिल के गुनगुनाने की आवाज हुई.."
Heart touching❣️
ठंडी ऋतु में बरसात की अनुपम छटा मन कोटिधिक आकर्षित करती है।
ReplyDeleteसुख और दुख ज़िन्दगी की गाड़ी के दो पहिये हैं। समय और परिस्थिति सुख और दुःख की परिभाषा तय करते हैं।
ReplyDeleteबेहद उम्दा है आज की पोस्ट।
v nice
ReplyDeleteबरसात हर्ष का ही विषय होता है कयोंकि जल है तो जीवन है
ReplyDeleteजल है तो जीवन है..यह तो अटल सत्य है। इसमें कोई संदेह नहीं।
Deleteबहुत अच्छा पोस्ट आज का, इस समय हर जगह बारिश भी हो रही है, ऐसे में ये पोस्ट खास हो गया 👍👍
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteATI sunder kavita..
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteसोच खूबसूरत हो तो सब कुछ अच्छा नज़र आता है
ReplyDelete☔
ReplyDeleteऐ बारिश ज़रा थम के बरस
जब मेरा यार आ जाये तो जम के बरस
पहले न बरस की वो आ न सकें
फिर इतना बरस की वो जा न सकें.
बहुत सुंदर पंक्तियाँ, मुझे भी लिखने को प्रेरित किया।
ReplyDelete।। कुछ याद आ गया।।
कल हुई बरसात मिट्टी की सौंधी खुशबू आई,
मिट्टी वाले घर गलियों की पगडण्डी याद आई।
कुएँ की जगत बर्तन बाल्टी रस्सी दी दिखाई,
नदी के पत्थर वाले घाट मछुआरे दिए दिखाई।
गायबैलों की घण्टियाँ बछड़ोंका रंभाना पड़ा सुनाई,
दुर्गा दादा का शंख और रामायण भी पड़ी सुनाई।
ये कैसी कविता लिख दी आपने आंखें भर आईं
काकाकाकी मामामामी और याद आगए ताऊ ताई।
ये ठंड की बरसात के साथ मेरे पहाड़ो मैं बर्फ पड़ रही है कभी आना इस मौसम मैं और बहुत सारी यादों को समेट कर कई कहानियाँ लिखना 😊👍
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