साल के अंतिम गुजरते दिन पर शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की चन्द अनमोल पंक्तियॉ...

जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला

साल के अंतिम गुजरते दिन पर शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की चन्द अनमोल पंक्तियॉ...

जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला, उस-उस राही को धन्यवाद !!

जीवन अस्थिर अनजाने ही, हो जाता पथ पर मेल कहीं,

सीमित पग डग, लम्बी मंज़िल, तय कर लेना कुछ खेल नहीं

दाएँ-बाएँ सुख-दुख चलते, सम्मुख चलता पथ का प्रमाद 

जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला, उस-उस राही को धन्यवाद !!


साँसों पर अवलम्बित काया, जब चलते-चलते चूर हुई,

दो स्नेह-शब्द मिल गये, मिली नव स्फूर्ति, थकावट दूर हुई

पथ के पहचाने छूट गये, पर साथ-साथ चल रही याद 

जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला, उस-उस राही को धन्यवाद... !!

साल के अंतिम गुजरते दिन पर शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की चन्द अनमोल पंक्तियॉ...

11 comments:

  1. संजय कुमारDecember 31, 2024 at 1:14 AM

    🙏🙏💐💐
    🕉️शुभरात्रि वंदन🕉️
    🚩🚩हर हर महादेव🚩🚩
    2025 में महादेव की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों व आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो व आपक़ो जीवन मे ढेर सारी खुशिया मिले तथा आप सदैव स्वस्थ,सुखी,सम्पन्न,खुश एवं दीर्घायु रहें।
    🙏अपना और घर मे सभी का ख्याल रखना💐💐
    🙏🙏आपका तहदिल से बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 1 जनवरी 2025 को साझा की गयी है....... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।

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    1. पांच लिंकों का आनन्द में इस रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार।

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  3. सुन्दर

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