नीड़ का निर्माण

नीड़ का निर्माण

नीड़ का निर्माण
"बड़ी मंजिल के राहगीर छोटे दिल नहीं रखते.."

नीड़ का निर्माण

नीड़ का निर्माण फिर-फिर,

नेह का आह्णान फिर-फिर!


वह उठी आँधी कि नभ में

छा गया सहसा अँधेरा,

धूलि धूसर बादलों ने

भूमि को इस भाँति घेरा,


रात-सा दिन हो गया, फिर

रात आ‌ई और काली,

लग रहा था अब न होगा

इस निशा का फिर सवेरा,


रात के उत्पात-भय से

भीत जन-जन, भीत कण-कण

किंतु प्राची से उषा की

मोहिनी मुस्कान फिर-फिर!


नीड़ का निर्माण फिर-फिर,

नेह का आह्णान फिर-फिर!


वह चले झोंके कि काँपे

भीम कायावान भूधर,

जड़ समेत उखड़-पुखड़कर

गिर पड़े, टूटे विटप वर,


हाय, तिनकों से विनिर्मित

घोंसलो पर क्या न बीती,

डगमगा‌ए जबकि कंकड़,

ईंट, पत्थर के महल-घर;


बोल आशा के विहंगम,

किस जगह पर तू छिपा था,

जो गगन पर चढ़ उठाता

गर्व से निज तान फिर-फिर!


नीड़ का निर्माण फिर-फिर,

नेह का आह्णान फिर-फिर!


क्रुद्ध नभ के वज्र दंतों

में उषा है मुसकराती,

घोर गर्जनमय गगन के

कंठ में खग पंक्ति गाती;


एक चिड़िया चोंच में तिनका

लि‌ए जो जा रही है,

वह सहज में ही पवन

उंचास को नीचा दिखाती!


नाश केख दु से कभी

दबता नहीं निर्माण का सुख

प्रलय की निस्तब्धता से

सृष्टि का नव गान फिर-फिर!


नीड़ का निर्माण फिर-फिर,

नेह का आह्णान फिर-फिर! 

- हरिवंशराय बच्चन

Good Morning

"मोती कभी भी किनारे पे खुद नहीं आते, 
उन्हें पाने के लिए समुन्दर में उतरना ही पड़ता है.."

13 comments:

  1. Rustam singh vermaJune 4, 2023 at 11:23 AM

    बच्चन जी की अनुपम रचना

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  2. अति सुन्दर और सार्थक प्रयास

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  3. संजय कुमारJune 4, 2023 at 1:16 PM

    🙏🙏💐💐शुभदोपहर 🕉️
    🙏जय श्री राम 🚩🚩🚩
    🙏आप का दिन शुभ हो 🙏
    🙏हर हर महादेव 🚩🚩🚩
    👌👌👌अति सुन्दर, आप का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏

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  4. पवन कुमारJune 4, 2023 at 1:25 PM

    अति सुन्दर रचना 🙏🙏🙏🙏🙏
    बिल्कुल सत्य बात है की मोती कभी भी किनारे पे खुद नहीं आते, उसे पाने के लिए समुन्दर में उतरना ही पड़ता है 🌹🌹🌹🌹🌹
    बच्चन जी की रचनाएं भी कुछ ऐसी ही है , जितना गोता लगाएंगे उतना ही मोती पाएंगें 🙏

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  5. अति सुन्दर

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  6. बच्चन की खूबसूरत रचना।

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  7. Very nice poem..

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  8. Nice poem

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