ओ गगन के जगमगाते दीप
"ख़ुशी किसी भी बाहरी स्थितियों पर निर्भर नही करती !
यह हमारे मानसिक द्रष्टिकोण पर निर्भर करती है ..!!"
ओ गगन के जगमगाते दीप!
दीन जीवन के दुलारे
खो गये जो स्वप्न सारे,
ला सकोगे क्या उन्हें फिर खोज हृदय समीप?
ओ गगन के जगमगाते दीप!
यदि न मेरे स्वप्न पाते,
क्यों नहीं तुम खोज लाते
वह घड़ी चिर शान्ति दे जो पहुँच प्राण समीप?
ओ गगन के जगमगाते दीप!
यदि न वह भी मिल रही है,
है कठिन पाना-सही है,
नींद को ही क्यों न लाते खींच पलक समीप?
ओ गगन के जगमगाते दीप!
- हरिवंशराय बच्चन
"खुश रहने के बस तीन ही रास्ते हैं !
शुक्र्राना, मुस्कुराना और किसी का दिल न दुखाना ..!!"
शुक्र्राना, मुस्कुराना और किसी का दिल न दुखाना ..!!"
Nice poem
ReplyDeleteबहुत शानदार कविता 👌👌
ReplyDeleteकिसी की दुआओं का असर किन्ही एहसासों में
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर रचना🙏 हरिवंश राय बच्चन जी का क्या कहना 🙏
ReplyDeleteHappy Sunday
ReplyDeleteवाह!!!
ReplyDeleteआ.बच्चन जी की कालजयी रचना शेयर करने हेतु आभार ।
🙏🙏🙏जय श्री राम 🚩🚩🚩
ReplyDelete👌👌👌बहुत खूब 🙏🙏🙏
🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐
Very nice poem...
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना।
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteVery Nice 👍
ReplyDeleteVery nice 👍
ReplyDeleteसुंदर कविता।
ReplyDeleteNice poem
ReplyDeleteLife is a process 💥
ReplyDeleteLife is a stage of drama 🌻
We are the artist 🕺💃
And Bhagwan is the director 🕉️
Just imagine to enjoy the State of life 🌷👍🙏🚩🙌
Nice poem 👌👍🙏🚩
Nice poem..
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