सूरज || Sun ||

हर दिन ढलता सूरज

Rupa Os ki ek Boond

हर शाम ढलता सूरज

हर सुबह उगता सूरज 

कुछ तो सन्देश देता है 

हर दिन नई शुरुवात हो सकती है

बिल्कुल खत्म हो कर भी हमसे कुछ कहता सूरज

सूर्य उदय पर दे कर जलधारा 

जीवन का नया सवेरा देता सूरज

जीवन की हर मुश्किल भरी अंधेरी रात के बाद

हौसलों से तरो ताजा हुए विचारों का जीवन देता सूरज

थक हार के आते सुबह से शाम तक जीवन की भागदौड़ से 

मन में चलती रात भर उलझने 

फिक्र कल के जीवन को ले कर

हर रोज सारी उलझनों को सुलझाने में 

बिखेर कर रोशनी अपनी 

हमको हिम्मत देता सूरज

क्या लिखे संक्षिप्त सा कलाम अपने शब्दों में रूपा

जीवन के हर पल में जो महक रही है रोशनी

कभी गम लिए कभी खुशियाँ भरी

इन रोशनियों को हर पल रोशन करता सूरज

अंतिम यही है कहना 

रूपा_ओस_की_एक_बूंद भरी 

अपनी जज़्बातों के अल्फ़ाज़ में 

हो कोई मुश्किल या गम जिंदगी

प्रतिपल मुस्कुराते हुए हौसला देता सूरज

नई ऊर्जा के साथ हर दिन निकलता सूरज

ये हमें है पैगाम देता सूरज 


-रूपा

Rupa Os ki ek Boond

हर दिन मुझे निखारना है, न रुकना है न थकना है, 
सारा आसमान हो मेरी जद में, यूँ सूरज सा चमकना है..❤

Rupa Os ki ek Boond
सूरज की पहली किरण ने
आशा का सवेरा लाया,
चिड़िया चहकी बागों में
दिन का परचम लहराया..❤



37 comments:

  1. सूरज की तरह रोशन रहे जीवन आपका हमे सकारात्मक भाव से जुड़े ब्लॉग मिलते रहे 👌👌👍

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार

      Delete
  2. Replies
    1. यहां तो बात सूरज की हो रही

      Delete
  3. प्रतिपल मुस्कुराते हुए हौसला देता सूरज

    नई ऊर्जा के साथ हर दिन निकलता सूरज

    ये हमें है पैगाम देता सूरज

    ...बहुत सुंदर, सकारात्मक भाव ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार जिज्ञासा जी

      Delete
  4. बहुत अच्छी कविता भेजी है रूपा।पर तुम्हारी बाद की 4 पंक्तियों में शब्द कुछ ऐसे लिखने अच्छे होते। "हर दिन मुझे निखरना है" "सारा आसमान हो मेरी जद में" यहाँ सही शब्द जद होना चाहिए।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपकी प्रतिक्रिया से पता लगता है कि कितनी बारीकी से आप पोस्ट पढ़ते हैं। सुधार कराने के लिए आपका बहुत बहुत आभार..

      Delete
  5. सुंदर कविता, सूरज से हम आचरण और व्यवहार सीख सकते है ना उगने का अभिमान न अस्त होने का गम।
    शुभ रविवार

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी बिल्कुल, वाकई में सूर्य से तेज कुछ भी नहीं फिर भी कोई अभिमान नहीं। इतना तेज हो कर भी हर हर दिन अस्त होने का गम भी नहीं और हम इंसान थोड़े से कितना हतोत्साहित हो जाते हैं।

      बहुत बहुत आभार!!

      Delete
  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति।
    Have a blessed Sunday 🌹🌹

    ReplyDelete
  7. सुंदर और प्रेरक कविता। जीवन में घेरे निराशा के तमिस्त्र का आशा का नया सूर्योदय उच्छेदन कर देता है।

    ReplyDelete
  8. अन्दाजे बयां निराली आपकी, बता जाए आज इतवार है,
    इजहारे खयाल होती रहे ऐसे ही, जो बड़ा ही खुशगवार है।।

    ReplyDelete
    Replies
    1. अंदाजे प्रतिक्रिया निराली आपकी...

      यहां आपका स्वागत है

      Delete
  9. मन को प्रफुल्लित करती आपकी रचित बेहतरीन कविता।

    ReplyDelete
  10. वाह वाह;क्या बात है,क्या खूब लिखा है तुमने.. खूब ऐसे ही तरक्की करो❤️❤️
    शुभ रविवार 💐 💐

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया ❣️
      शुभ रविवार 🌷🌷

      Delete
  11. सूरज की किरण सी चमक हर लेख में बिखेरती हैं आप

    ReplyDelete
  12. बहुत बढ़िया हैं आपकी रचना धन्यवाद जी

    ReplyDelete
  13. Bahut sunder varnan kiya hai Rupa ji...ugate aur dubte suraj se to hum bahut kuch shiksha le sakte hain jo jag visit hai, par sikhne wale aapse bhi bahut kuch sikh sakte hain....

    ReplyDelete
  14. खूबसूरत..

    ReplyDelete