अकरकरा (Akarkara)

अकरकरा / Akarkara

अकरकरा (Akarkara) एक जड़ी बूटी है, जो मूल रूप से अरब का निवासी कहा जाता है। क्योंकि चरक, सुश्रुत व बागभट्ट इत्यादि संहिता में इसका उल्लेख नहीं मिलता। संभवत भारत में इसका प्रचार यूनानी हकीमों के द्वारा हुआ हो, परंतु आजकल इसको भारत और अरब की प्रसिद्ध जड़ी-बूटी कहा जाता है। यह भारत के कुछ हिस्सों में उत्पन्न होता है। वर्षा ऋतु की प्रथम फुहारे पड़ते ही इसके छोटे-छोटे पौधे निकलना शुरू हो जाते हैं। इसकी जड़ का स्वाद चरपरा और मुंह में चबाने से गर्मी महसूस होती है तथा जिह्वा जलने लगती है। 

अकरकरा के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

अकरकरा (Akarkara) क्या है?

अकरकरा (Akarkara) एक जालीदार पौधा होता है, जिसके कांड पर दूर-दूर पर ग्रंथियां होती हैं। इसकी जड़ 3 से 4 इंच लंबी, आधा इंच मोटी होती है। अकरकरा का पुष्प श्वेत, बैगनी और पीले रंग का होता है। इसकी शाखाएं पत्र और पुष्प सफेद फाहे के समान पीली तथा कत्थई रंग की होती है, परंतु इसकी डंठल पोली होती है। महाराष्ट्र में इसकी दंडी का अचार और शार्क बनाकर खाया जाता है।

जानते हैं अकरकरा के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

यह शक्ति बढ़ाने वाला, कड़वा, लालास्रावजनक, नाड़ी को बल देने वाला, वेदना कम करने वाला तथा प्रतिश्याय और शोथ या सूजन को नष्ट करता है। इसकी जड़ हृदय को उत्तेजित करने में सहायक होती है। यह सूक्ष्मजीवाणुरोधी कीटनाशक, दंतकृमि, दांत का दर्द, ग्रसनी का सूजन, तुण्डीकेरी शोथ, पक्षाघात या लकवा, अर्धांगघात, जीर्ण नेत्ररोग, सिरदर्द, अपस्मार या मिर्गी, विसूचिका (Cholera), आमवात तथा टाइफस (Typhus) बुखार को कम करने वाला होता है।

सिर दर्द में

अकरकरा की जड़ को पीसकर तथा गर्म कर ललाट पर लेप करने से सिर का दर्द ठीक होता है।

मंदबुद्धि

अकरकरा और ब्राम्ही समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसको आधा चम्मच नियमित रूप से सेवन करने से बुद्धि तीव्र होती है।

अकरकरा के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

हकलाने की समस्या

अकरकरा के जड़ के चूर्ण को काली मिर्च व मधु के साथ 1 ग्राम की मात्रा में मिलाकर जिह्वा पर मलने से जीभ का सूखापन और जड़ता दूर होकर हकलाना या तोतलापन कम होता है। 4 से 6 हफ्ते प्रयोग करें।

सुरीली आवाज के लिए

अकरकरा चूर्ण की 250 से 500 मिलीग्राम मात्रा में फंकी लेने से बच्चों और गायकों का कंठ स्वर सुरीला हो जाता है।

दांत दर्द की समस्या

  • अकरकरा और कपूर दोनों बराबर मात्रा में लेकर पीसकर मंजन करने से सब प्रकार की दंत पीड़ा मिटती है।
  • अकरकरा की जड़ के काढ़े को मुंह में कुछ देर तक भरकर कुल्ला करने से दांत पीड़ा दूर होती है और हिलते हुए दांत जम जाते हैं।

मुंह का दुर्गंध

अकरकरा, माजूफल, नागरमोथा, भुनी हुई फिटकरी, काली मिर्च, सेंधा नमक सबको मिलाकर बारीक पीसकर इस मिश्रण का मंजन बना लें। प्रतिदिन इस मंजन को करने से दांत और मसूड़ों से संबंधित हर तरह की समस्या दूर होती है, जिससे मुंह का दुर्गंध मिट जाता है।


हृदय रोग

अर्जुन की छाल और अकरकरा चूर्ण दोनों को बराबर मिलाकर, पीसकर दिन में दो बार आधा-आधा चम्मच की मात्रा में खाने से घबराहट, हृदय की धड़कन, पीड़ा, कंपन और कमजोरी में लाभ होता है।

हिचकी की समस्या

हिचकी पर हिचकी आने पर 1 ग्राम अकरकरा का चूर्ण शहद के साथ चाटने से हिचकी मिट जाती है।

अकरकरा के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

बुखार की समस्या

अकरकरा के जड़ के चूर्ण को जैतून के तेल में पकाकर मालिश करने से पसीना आ कर बुखार उतर जाता है।

खांसी की समस्या

  • अकरकरा का 100 मिलीलीटर क्वाथ बनाकर सुबह-शाम पीने से पुरानी खांसी मिटती है।
  • अकरकरा के चूर्ण का 3 से 4 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से यह बलपूर्वक दस्त के रास्ते कफ को बाहर निकाल देती है।

उदर रोग

अकरकरा की जड़ का चूर्ण और छोटी पीपली का चूर्ण बराबर- बराबर मात्रा में मिलाकर आधा चम्मच सुबह-शाम भोजन के उपरांत खाने से पेट की हर तरह की समस्या में लाभ होता है।

मासिक धर्म की समस्या

अकरकरा की जड़ का काढ़ा बनाएं। 10 मिलीलीटर काढ़े में चुटकी भर हींग डालकर कुछ महीने तक सुबह-शाम पीने से मासिक धर्म की अनियमितता, दर्द, रक्त स्राव का कम या ज्यादा होना इन सभी समस्याओं से आराम मिलता है।

साइटिका का दर्द 

अगर दिन भर बैठ कर काम करने की वजह से कमर में दर्द की परेशानी है, तो अकरकरा के जड़ के चूर्ण को अखरोट के तेल में मिलाकर मालिश करने से लाभ होता है।

खुजली की समस्या

प्रदूषण भरी वातावरण के कारण त्वचा में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो रही है। खुजली भी इन्हीं में से एक है।  भारतीय अकरकरा के 5 से 7 ग्राम पंचांग का काढ़ा बनाकर प्रभावित स्थान को धोने से खुजली में लाभ होता है।

लकवा रोग में

लकवा के इलाज में भी अकरकरा महत्वपूर्ण औषधि का काम करती है। अकरकरा की जड़ को बारीक पीसकर तिल के तेल के साथ मिलाकर नियमित रूप से मालिश करने से लकवा के रोगी को फायदा होता है। अकरकरा की जड़ के चूर्ण को 1 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम चटाने से लकवा रोग में लाभ होता है।

अकरकरा के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

अकरकरा का नुकसान (Side Effects of Spanish pellitory)

अकरकरा के फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी हैं। 

  • अकरकरा का अधिक मात्रा में सेवन करने से लार की मात्रा बढ़ जाती है।
  • इसके अधिक सेवन से मुंह में छाले तथा छाती में जलन हो सकती है। 


विभिन्न भाषाओं में अकरकरा का नाम

Sanskrit     -आकारकरभ, आकल्लक;
Hindi         -अकरकरा;
Urdu          -अकरकरहा (Aaqarqarha);
Kannada    -अक्कलकारी (Akkalkari);
Gujrati       -अकोरकरो (Akorkaro);
Tamil        -अक्किराकरम (Akkirakaram), अकरकरम (Akarkaram);
Telegu       -अकरकरमु (Akarakaramu);
Bengali     -आकरकरा (Akarkara);
Nepali      -अकराकरा (Akarakara);
Malayalam    -अक्कलकारा (Akkalkara), अक्कीकारुका (Akkikkaruka)।
English    -स्पैनिश पेल्लीटोरी (Spanish pellitory),
Arbi        -अकरकरहा (Aqarqarha), आकरकरहा (Aqarqarha), अदुल-कराह (Audul-qarha);
Persian    -बेहमपाबरी (Behampabri)।
अकरकरा के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

English Translate

Akarkara

Akarkara is a herb, originally native to Arabia called Mana. Because it is not mentioned in the samhitas like Charaka, Sushruta and Bagbhatta etc. It may have been propagated in India by the Greek Hakims, but nowadays it is called the famous herb of India and Arabia. It originates in some parts of India. As soon as the first showers of the rainy season fall, its small plants start coming out. The taste of its root is crunchy and by chewing in the mouth, heat is felt and the tongue starts burning.

What is Akarkara?

Akarkara is a reticulated plant, which has glands at a distance on its stem. Its root is 3 to 4 inches long, half an inch thick. The flowers of Akarkara are white, purple and yellow in colour. Its branches, leaves and flowers are yellow and brown in color like white filaments, but its stalk is poly. In Maharashtra, its dandi is eaten by making pickle and shark.

Know about the benefits, harms, uses and medicinal properties of Akarkara

It increases potency, bitter, purulent, strengthens the pulse, reduces pain and destroys pratisyayya and inflammation or swelling. Its root is helpful in stimulating the heart. It is antimicrobial insecticide, anthelmintic, toothache, inflammation of the pharynx, tonsillitis, paralysis or paralysis, hemiplegia, chronic ophthalmoplegia, headache, dyspepsia or epilepsy, cholera, rheumatic and typhus fever. .

in headache

Grind the root of akarkara and apply it on the forehead after heating, it ends headache.

mentally retarded

Make a powder by taking equal quantity of Akarkara and Brahmi. Consuming half a teaspoon of this regularly improves intelligence.
अकरकरा के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

stammering problem

Mix 1 gram powder of akarkara root with black pepper and honey and rub it on the tongue, it ends dryness and inertia of the tongue and reduces stuttering. Use 4 to 6 weeks.

for a melodious voice

The vocal tone of children and singers becomes melodious by taking 250 to 500 mg of akarkara churna.

toothache problem

  • Grind equal quantity of both akarkara and camphor and grind it, it ends all kinds of dental pain.
  • Gargling after filling the decoction of the root of Akarkara in the mouth for some time ends toothache and freezes the moving teeth.

halitosis

Make a paste of this mixture by grinding it finely by mixing akarkara, majuphal, nagarmotha, roasted alum, black pepper, rock salt. By doing this brushing daily, all kinds of problems related to teeth and gums are removed, due to which the bad odor of the mouth disappears.

heart disease

Mixing the bark of Arjuna and Akarkara powder in equal quantity, grinding it and eating it twice a day in the amount of half a teaspoon, it provides relief in nervousness, heart palpitations, pain, tremors and weakness.

hiccups problem

In case of hiccups, licking 1 gram powder of akarkara with honey ends hiccups.

fever problem

Cooking the powder of the root of Akarkara in olive oil and massaging it ends sweating and fever.

cough problem

  • Make 100 ml cup of akarkara and drink it twice a day, it ends chronic cough.
  • By taking 3 to 4 grams powder of akarkara, it brings out phlegm by force through diarrhea.

stomach disease

Mixing equal quantity of powder of akarkara root and powder of small peepli, taking half a spoon after meals in the morning and evening, it is beneficial in all kinds of stomach problems.

menstrual problems

Make a decoction of the root of akarkara. Mix a pinch of asafetida in 10 ml decoction and take it twice a day for a few months, it provides relief from menstrual irregularities, pain, more or less bleeding.

sciatica pain

If there is a problem of back pain due to sitting and working all day, then massaging by mixing the powder of akarkara root with walnut oil is beneficial.
अकरकरा के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

itching problem

Due to the pollution-filled environment, various types of problems are happening in the skin. Itching is also one of these. Washing the affected area by making a decoction of 5 to 7 grams Panchang of Indian Akarkara provides relief in itching.

in paralysis

Akarkara also acts as an important medicine in the treatment of paralysis. Grind the root of akarkara finely and mix it with sesame oil and massage it regularly, it is beneficial for the paralyzed patient. Licking the powder of Akarkara root with one gram honey in the morning and evening, it is beneficial in paralysis.

18 comments:

  1. अच्छी जानकारी

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  2. Akarkara ke baare acchi jaankari

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  3. पहली बार ही नाम सुना है। नए नए पौधे की जानकारी मिल रही। उपयोगी लेख👍

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  4. मैं भी इस जड़ी बूटी से अनभिज्ञ था।
    हमेशा की तरह बहुत ही उपयोगी जानकारी।

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  5. विभिन्न बीमारियों में काम आने वाला अकरकरा।

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  6. अच्छी जानकारी

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  7. कभी नाम भी नहीं सुना

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  8. काफी उपयोगी जानकारी है

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  9. अकरकरा के विषय में अच्छी जानकारी मिली, औषधीय गुणों से तो उपयोगी पौधा है लेकिन कभी सुना देखा नहीं।
    उपयोगी जानकारी

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