Sunday.. इतवार ..रविवार

 इतवार (Sunday)

"अनुभव कहता है खामोशियाँ ही बेहतर हैं 
शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं.." ❤ 
*हिसाब क्या रखें*
समय की .. 
इस अनवरत बहती धारा में .. 
अपने चंद सालों का .. 
हिसाब क्या रखें ..

जिंदगी ने .. 
दिया है जब इतना .. 
बेशुमार यहाँ .. 
तो फिर .. 
जो नहीं मिला उसका 
हिसाब क्या रखें .. 

दोस्तों ने .. दिया है .. 
इतना प्यार यहाँ .. 
तो दुश्मनी ..
की बातों का .. 
हिसाब क्या रखें .. 

दिन हैं .. उजालों से .. 
इतने भरपूर यहाँ .. 
तो रात के अँधेरों का .. 
हिसाब क्या रखे ..

खुशी के दो पल .. 
काफी हैं .. खिलने के लिये .. 
तो फिर .. उदासियों का .. 
हिसाब क्या रखें ..

हसीन यादों के मंजर .. 
इतने हैं जिंदगानी में .. 
तो चंद दुख की बातों का .. 
हिसाब क्या रखें ..

मिले हैं फूल यहाँ .. 
इतने किन्हीं अपनों से .. 
फिर काँटों की .. चुभन का 
हिसाब क्या रखें ..
चाँद की चाँदनी .. 
जब इतनी दिलकश है .. 
तो उसमें भी दाग है .. 
ये हिसाब क्या रखें .. 

जब खयालों से .. ही पुलक .. 
भर जाती हो दिल में .. 
तो फिर मिलने .. 
ना मिलने का ..
हिसाब क्या रखें .. 

कुछ तो जरूर .. बहुत अच्छा है .. 
सभी में यारों .. 
फिर जरा सी .. बुराइयों का .. 
हिसाब क्या रखें .. 
Sunday.. इतवार ..रविवार
"ढल जाती है हर चीज अपने वक्त पर..  
बस व्यवहार और लगाव ही हैं जो कभी बूढ़े नहीं होते.."❤

26 comments:

  1. शब्दों का ताना बाना बनाकर बनाई कहानी

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  2. बहुत खूूब...प्यारी सी तस्वीर और सुंदर कविता👌🌹

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  3. ..हम इतना समझ लें तो हमारी तकलीफ आधी हो जाए..😄
    बेहतरीन कविता 👌👌 और सकारात्मक तस्वीर..😍😍 शुभ रविवार 💐💐

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  4. Happy Sunday...Bhut hi khubsurat poem with beautiful pic❤️❤️😘😘😘👌👌

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  5. Happy Sunday...Very Motivational poem.

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  6. सुन्दर कविता।शुभ रविवार।

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  7. सकारात्मक रहने और नकारात्मकता को भूल जाने की समझ की ओर इशारा करती बेहतरीन कविता।
    शुभ रविवार।

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  8. उपरोक्त पंक्तियों को अगर जीवन में अपनाया जाए तो लगभग 80% समस्याएं अपने आप ही दूर हो जायेंगी।
    सुंदर सी तस्वीर और बहुत अच्छी कविता,
    शुभ रविवार

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  9. Very beautiful smile 👌👌💕💞

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  10. Wo chle gye yaha se door, kuchh lamhe bitaye... Ab jo nhi bitaye un lamho ka hisaab kya rakhe... Door hi sahi dil k pass h unki yaadein, ab unki yaadon ka hisaab kya rakhe.... Greatest you

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