ऊंट का अहंकार । जातक कथा

ऊंट का अहंकार

प्राचीन समय की बात है, जब एक गांव में एक जुलाहा रहा करता था। वह बहुत गरीब था। एक साल जब गांव में अकाल पड़ी तो गांव के सभी लोग गांव छोड़ छोड़कर इधर -उधर जाने लगे। साथ में जुलाहा भी जाने लगा। 

ऊंट का अहंकार । जातक कथा

रास्ते में जुलाहे को एक ऊंटनी मिली, जो कि बहुत बीमार थी जुलाहे ने ऊंटनी को अपने साथ लिया और वापस अपने घर आ गया। उसने ऊंटनी को अच्छा खाना खिलाया और उसका बहुत ख्याल रखा, तो वह ऊंटनी बिल्कुल सही हो गई। कुछ समय पश्चात ऊंटनी ने एक बच्चे को जन्म दिया। 

फिर क्या था, जुलाहे के दिन बदलने लगे। उसी समय गांव में एक चित्रकार आया जो अपनी पेंटिंग बनाने के लिए ऊंट के बालों को ले जाता था और उसके बदले में वह जुलाहे को कुछ पैसा दे देता था। ऊंटनी के दूध को बेचकर भी वह कुछ कमाई करने लगा। धीरे धीरे जुलाहे की कमाई बढ़ने लगी और वह इसका श्रेय ऊंट को देता रहा, जिससे ऊंट का अहंकार भी बढ़ने लगा।  

इस प्रकार जुलाहे के दिन गुजरने लगे। एक दिन वह पेंटर उसके गांव में पुनः आया और जुलाहे को ऊंट के बाल के बदले में बहुत पैसा दिया क्योंकि उसकी पेंटिंग अच्छे दामों में बिकी थी। उन पैसों से जुलाहे ने और भी ऊंट खरीदे और वह ऊंटों का व्यापार करने लगा। 

धीरे-धीरे जुलाहा ऊंटों का बड़ा व्यापारी बन गया। वह छोटे ऊंट को अपनी तरक्की की वजह मानता था और उसे बाकी ऊंटों से ज्यादा लाड करता था। उसने छोटे ऊंट के गले में एक घंटी भी बांध रखी थी। जब अन्य ऊंट जंगल में चरने जाते तो वह छोटा ऊंट भी उनके साथ जाता था, परंतु अहंकारवश वह अन्य ऊंटों से कुछ दूरी पर ही चरता था।

जब अन्य ऊंटों ने इस बारे में छोटे ऊंट से पूछा तो वह बोला कि मैं अपने मालिक का खास हूं इसलिए मैं तुम लोगों के साथ मिलकर नहीं रहना चाहता। उसी जंगल में एक पहाड़ी से एक शेर प्रतिदिन ऊंटों को चरते हुए देखता था।  एक दिन मौका पाकर उसने छोटे ऊंट पर आक्रमण कर दिया और उसे मार डाला। 

English Translate

Camel's Pride

It is a matter of ancient times, when there lived a weaver in a village. He was very poor. One year when there was a famine in the village, all the people of the village left the village and started moving here and there. Along with the weaver also started going.

ऊंट का अहंकार । जातक कथा

On the way the weaver found a camel, which was very ill, the weaver took the camel with him and came back to his home. He fed the camel good food and took great care of it, so that camel became absolutely right. After some time the camel gave birth to a child.

What was then, the days of the weaver started changing. At the same time a painter came to the village who used to take camel's hair to make his painting and in return he gave some money to the weaver. He also started earning some money by selling camel milk. Gradually, the weaver's earnings started increasing and he kept giving credit to the camel, due to which the camel's ego also increased.

Thus the days of the weaver began to pass. One day the painter came again to his village and gave a lot of money to the weaver in exchange for camel hair because his painting was sold for a good price. With that money, the weaver bought more and started trading in camels.

Gradually the weaver became a big trader of camels. He considered the little camel as the reason for his progress and used to pamper him more than the rest of the camels. He had also tied a bell around the neck of the little camel. When other camels went to graze in the forest, that small camel also accompanied them, but out of ego, he grazed only at a distance from the other camels.

When the other camels asked the little camel about this, he said that I am special to my master, so I do not want to live together with you. From a hill in the same forest, a lion used to see camels grazing every day. One day, taking a chance, he attacked the little camel and killed it.

21 comments:

  1. जिज्ञासु रूपा जी को सादर प्रणाम

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  2. अहंकार का परिणाम हमेशा बुरा ही होता हसि।

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  3. बचपन मे पढ़ी हुई है.. 😇

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  4. समूह में रहना चाहिए

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  5. Nice story 👍👍👍

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  6. अहंकार विनाशकारी होता है।

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  7. अच्छी और शिक्षाप्रद कथा

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  8. Attitude can be changed on the situation..... Very nice

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  9. Attitude can be changed on the situation..... Very nice

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