Ayurveda The Synthesis of Yoga and Natural Remedies-43-Snoring


 रात में नाक बजना (खर्राटा)

          गहरी नींद के समय गले की मांसपेशियां कुछ फैल जाती हैं, जिससे सांस नली कुछ संकरी हो जाती है। फलस्वरूप सांस के आते जाते समय रुकावट खर्राटे के रूप में सुनाई पड़ती है। 

खर्राटा होने का कारण :-(Causes Of  Snoring):-

#   यह अधिकतर मोटे लोगों को होती है। 
#   कई लोगों को नाक में रुकावट या सांस की रुकावट के कारण भी खर्राटे आते हैं। 
#   कुछ खाने से हुई गले की खराबी या कुछ भी मीठा खाकर तुरंत पानी पीने से भी खर्राटे आते हैं। 
#   कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान भी खर्राटे की संभावना रहती है। 
#   अधिक धूम्रपान और शराब पीने से भी खर्राटे की शिकायत हो सकती है। 
#   नींद की दवाओं का अधिक प्रयोग करने से भी इसकी शिकायत हो सकती है। 



खर्राटा के लक्षण (Symptoms of  Snoring):-

#  खर्राटे लेने वाले व्यक्तियों को कुछ पता नहीं चलता लेकिन पास में सोए लोगों को परेशानी होती है। 
#  कभी-कभी सांस रुक सा जाता है और रोगी नींद में चौक कर उठ जाता है।
#  दिन में सुस्त और थका हुआ दिखाई पड़ता है। 
#  सुबह उठने पर तरोताजा अनुभव नहीं करता और सिरदर्द अनुभव करता है। 
खर्राटा से बचने के घरेलू उपचार (Home Remedies For Snoring):-
#  रात को सोते समय देसी गाय का घी नाक में एक एक बूंद डालकर सोएं।
#  इलायची श्वसन तंत्र को खोलने का काम करती है। इससे सांस लेने की प्रक्रिया सुगम होती है। सोने से पहले इलायची के कुछ दानों को गरम पानी के साथ लेने से लाभ होता है। 
#  कपालभाति और उज्जाई प्राणायाम खर्राटों में लाभकर है। 


           आज यहां आप सबके बीच एक जानकारी साझा करना चाहती हूं। इस ब्लॉग में गिलोय के बारे में दो बार पोस्ट डाला जा चुका है और सिर्फ इसके फायदे को बताया गया है। क्योंकि हर जगह सिर्फ इसके फायदे की ही चर्चा है। इस कोरोना काल में यह काढ़े के रूप में लगभग हर घर में इस्तेमाल हो रहा है।

Ayurveda The Synthesis of Yoga and Natural Remedies-36- Benefits of Giloy

http://rupaaooskiekboond.blogspot.com/2020/06/ayurveda-synthesis-of-yoga-and-natural_24.html?m=1

          जो लोग भी गिलोय का सेवन करते हैं उन्हें किसी भी तरह का बुखार होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। फिर भी यहां ऐसी घटना हुई है जिसमें लगातार गिलोय का सेवन करने के बाद भी कई लोगों को बुखार हुआ है। इस बात को सोचते हुए कि आखिर क्यों गिलोय के सेवन के बावजूद भी सभी लोग बीमार हुए, यह तथ्य सामने आया कि सभी लोग उसी गिलोय का सेवन कर रहे थे जो एक जहरीले जगह पर चढ़ा हुआ था। और गिलोय की यह प्रवृत्ति होती है कि वह जिस पर भी चढ़ता है उसका गुण उसके अंदर आ जाता है।

            यह बात किसी भी लेबोरेटरी के जांच के आधार पर नहीं कही जा रही है, सिर्फ एक ऑब्जरवेशन है और आपसे साझा करने का इतना ही मकसद है कि गिलोय के सेवन से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह किसी नुकसानदायक वृक्ष या स्थान पर चढ़ी हुई ना हो। सबसे अच्छा नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय है। 

एक बात और ...... किसी भी चीज का सेवन जो स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा भी है, जरूरत से ज्यादा नुकसान ही पहुंचाती है

अति सर्वत्र वर्जयेत्


22 comments:

  1. खर्राटे के बारे में अच्छी जानकारी।गिलोय केबारे में आपने सावधानी बताकर बहुत सही किया।

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  2. बहुत अच्छी जानकारी

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  3. सुधा पाण्डेयAugust 10, 2020 at 5:01 PM

    अति उत्तम ब्लॉग क्योंकि गिलोय के सेवन में करते समय रखने वाली जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है, सचमुच अति किसी भी चीज की नुकसानदेह है क्योंकि कोरोना के डर से काढ़े के अधिक प्रयोग से मेरे कई परिचितों को नुकसान पहुंचा है।खर्राटे से परेशान भुक्तभोगियों के लिए उत्तम उपाय

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    1. बहुत लोगों को नुकसान हो रहा है।

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  4. Kharrate to gharwalo se badla lene k liye banaye gye ha

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  5. खर्राटे लेने वाले तो खुद सोए रहते हैं और दूसरे को जगाए रखते हैं.... उन्हें उपचार की क्या जरूरत!! गिलोय के बारे में अच्छी जानकारी दी तुमने.

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    1. दूसरों को जरूरत है, पर उपचार उसी का होगा जिसको खर्राटे आते हैं

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  6. Main bhi kharattein ki shikar hu 😣😣

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  7. Badalte mausam me is tarah ke nuskhe ya medicine ki bahut jarurt hai, dhanyvaad.

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  8. पवन कुमारMarch 19, 2023 at 6:22 PM

    खर्राटे लेने के कारण और उसका उपचार भी कितनी सुगमता पूर्वक सभी जगह उपलब्ध है।
    हमलोगों को बस सावधानी पूर्वक उसका सही
    इस्तेमाल करनी है🙏

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  9. बहुत ही अच्छी और स्वास्थ्यवर्धक जानकारी 🙏

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  10. सेहत के साथ जीवन का हाथ ✌🏻

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