Ayurveda The Synthesis of Yoga and Natural Remedies-36- Benefits of Giloy

Giloy(गिलोय )
              इस कोरोना काल के दहशत भरे और निरंतर लंबे होते जा रहे दिनों में हम सभी की आवश्यकता शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी अमृत बेल के बारे में बताने जा रहे हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ साथ कई प्रकार की बीमारियों से भी हमारी रक्षा कर सकने में समर्थ है।यानि सोने में सुहागा। इस ब्लॉग में इसके पूर्व भी इस बेल के गुणों के बारे में चर्चा की जा चुकी है लेकिन आज वक्त की जरूरत है कि इसके असंख्य गुणों को आप सभी के साथ पुनः साझा किया जाय।
जी हां, हम बात कर रहे हैं अमृत बेल गिलोय की जो सर्वत्र सुलभ है।

#   गिलोय ही एक  ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है।

            इसका वानस्पिक नाम (Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं। आइए जानते हैं गिलोय के फायदे…

गिलोय बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं।

ठीक करती है बुखार

अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।

गिलोय के फायदे – डायबिटीज के रोगियों के लिए

गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।

पाचन शक्ति बढ़ाती है

यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।

कम करती है स्ट्रेस

गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।

बढ़ाती है आंखों की रोशनी

गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।

अस्थमा में भी फायदेमंद

मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।

गठिया में मिलेगा आराम

गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।

अगर हो गया हो एनीमिया, तो करिए गिलोय का सेवन

भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

 रक्त विकार 

 गिलोय से आमाशयगत अम्लता कम होती है। यह हृदय को बल देने वाली, रक्त विकार तथा पांडुरोग में गुणकारी है।

बाहर निकलेगा कान का मैल

कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।

कम होगी पेट की चर्बी

गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।

खूबसूरती बढ़ाती है गिलोय

गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है….

बोन फ्रेक्टर में 

हड्डी में चोट लगने पर गिलोय  का जूस पीने पर और पत्तियों को हल्का गरम कर चोट वाली जगह पर लगाने से दर्द में आराम।

जवां रखती है गिलोय

गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।
बालों की समस्या भी होगी दूर

अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

गिलोय का प्रयोग ऐसे करें:

अब आपने गिलोय के फायदे जान लिए हैं, तो यह भी जानिए कि गिलोय को इस्तेमाल कैसे करना है…

गिलोय जूस

गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।

काढ़ा

चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।

पाउडर

यूं तो गिलोय पाउडर बाजार में उपलब्ध है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।

गिलोय वटी

बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।

साथ में अलग-अलग बीमारियों में आएगी काम

अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।चीनी के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।

साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान

वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए। *गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए। पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय न दें।

एक निवेदन :---अभी वर्षाऋतु का काल है अपने घर में बड़े गमले या आंगन में जंहा भी उचित स्थान हो गिलोय की बेल अवश्य लगायें यह बहु उपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय वरदान है।

आज यहां आप सबके बीच एक जानकारी साझा करना चाहती हूं। इस ब्लॉग में गिलोय के बारे में दो बार पोस्ट डाला जा चुका है और सिर्फ इसके फायदे को बताया गया है। क्योंकि हर जगह सिर्फ इसके फायदे की ही चर्चा है। इस कोरोना काल में यह काढ़े के रूप में लगभग हर घर में इस्तेमाल हो रहा है।

Ayurveda The Synthesis of Yoga and Natural Remedies-36- Benefits of Giloy

          जो लोग भी गिलोय का सेवन करते हैं उन्हें किसी भी तरह का बुखार होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। फिर भी यहां ऐसी घटना हुई है जिसमें लगातार गिलोय का सेवन करने के बाद भी कई लोगों को बुखार हुआ है। इस बात को सोचते हुए कि आखिर क्यों गिलोय के सेवन के बावजूद भी सभी लोग बीमार हुए, यह तथ्य सामने आया कि सभी लोग उसी गिलोय का सेवन कर रहे थे जो एक जहरीले जगह पर चढ़ा हुआ था। और गिलोय की यह प्रवृत्ति होती है कि वह जिस पर भी चढ़ता है उसका गुण उसके अंदर आ जाता है।

            यह बात किसी भी लेबोरेटरी के जांच के आधार पर नहीं कही जा रही है, सिर्फ एक ऑब्जरवेशन है और आपसे साझा करने का इतना ही मकसद है कि गिलोय के सेवन से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह किसी नुकसानदायक वृक्ष या स्थान पर चढ़ी हुई ना हो। सबसे अच्छा नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय है। 

एक बात और ...... किसी भी चीज का सेवन जो स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा भी है, जरूरत से ज्यादा नुकसान ही पहुंचाती है

अति सर्वत्र वर्जयेत्

18 comments:

  1. गिलोय कलयुग का अमृत ही है।यदि इसका सेवन सब लोग करें तो संभवतः बीमारियां पास फटकेंगी ही नही। आपका ब्लॉग बहुत ही लाभदायक है।इसे समाज मे और अधिक प्रसारित करने की ज़रूरत है।

    ReplyDelete
  2. Jyada se jyada is post ko apne parichit logo tak pahuchayen..sadupyogi blog

    ReplyDelete
  3. गिलोय बहुत ही उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है,जानकारी देने के लिए धन्यवाद।

    ReplyDelete
  4. सुधा पाण्डेयJuly 22, 2020 at 3:27 PM

    कोरोना काल में गिलोय के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाला अति उत्तम उपयोगी ब्लॉग, इस समय सभी को इसकी अत्यंत आवश्यकता है

    ReplyDelete
  5. बहुत ही उपयोगी जानकारी इस कोरोना संकट में हमलोग इसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के उपयोग से संतुष्ट हैं और संक्रमण से बचें भी हुए हैं, वरना इतने लंबे समय में कई बीमारी का सामना करना पड़ जाता ऐसे में तुम्हारे इस ब्लॉग की उपयोगिता और बढ़ जाती है 👍👍

    ReplyDelete
  6. Corona k is daur me giloy ka sewan bahut log kar rahe hai. Immunity aur bukhar me upyogi hota hai yehi janta tha. Itne sare fayade batane wali bahut hi mahatvapurn Jaankari

    ReplyDelete
  7. इस तरह के पोस्ट को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं.. इस समय यही हर घर में उपयोग हो रहा है, जो लोग नहीं कर रहे हैं उनको भी करना चाहिए और आज के एलोपैथ के जमाने में अपनी पद्धति को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित प्रसारित करने का प्रयास करना चाहिए।

    ReplyDelete
  8. adbhut jankari... dhanywad..

    ReplyDelete
  9. Giloy in powder form is coming in Patanjali ..its very useful we take its kadha daily

    ReplyDelete
  10. Aise hi sabka utsaah badhate rahiye...aur jankariyan sajha karte rahiye

    ReplyDelete
  11. Maine bhi giloy ka sevan shuru kiya hai.. iske anek fayde hai,ye durlabh jankari share krne ke liye aapka dhanyavaad 🙏🙏

    ReplyDelete
  12. Bahut upyogu jankari deeya aapne ,thanku

    ReplyDelete
  13. जीवन बेल कहा जाए तो अचरज नहीं 👌🏻

    ReplyDelete
  14. पवन कुमारMarch 13, 2023 at 9:53 PM

    गिलोय प्रकृति द्वारा प्रदत्त इंसान के लिये अमृत ही है । आपने इसे कैसे कितनी मात्रा में कौनसी बीमारी में लेनी है इसके लिए विस्तृत रूप से
    बतलाये इसके लिये आभार🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  15. लाभदायक जानकारी 👌🙏 धन्यबाद सबके साथ सांझा करने के लिए

    ReplyDelete