Sunday

इतवार 
❤❤मुस्कुरायें और उठ जाएँ, 
अपने रविवार को अच्छा बनाएँ।  
कुछ नया सीखें और सिखाएँ, 
ध्यान रहे ये व्यर्थ न हो जाएँ।।❤❤
"मन जहां डर से परे है
और सिर जहां ऊंचा है ,
ज्ञान जहां मुक्त है ;
और जहां दुनिया को
संकीर्ण घरेलू दीवारों से
छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट नहीं गया है ,
जहां शब्द सच की गहराइयों से निकलते हैं
जहां थकी हुई प्रयासरत बाहें 
त्रुटि हीनता की तलाश में है ;
जहां कारण की स्पष्ट धारा है
जो सुनसान रेतीले मृत आदत के
वीराने में अपना रास्ता खो  नहीं चुकी है ;
जहां मन हमेशा व्यापक होते विचार और सक्रियता में
तुम्हारे जरिए आगे चलता है
और आजादी के स्वर्ग में पहुंच जाता है
मन जहां डर से परे है और फिर जहां ऊंचा है। "
🌼🌼"प्रसन्न रहना 
बहुत सरल है ,
लेकिन सरल होना 
बहुत कठिन है..."🌼🌼

17 comments:

  1. सरल बनना ही लक्ष्य होना चाहिए

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  2. Happy Sunday...nice poem

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  3. Aapki muskaan ke saath ye shabd sswarim ho gye 🙏👏

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  4. Acchi kavita with a nice smile. Saral hona hi to bahut mushkil hai aur jo vastavik rup me saral ho gaya samjho bhagwan ko pa liya

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  5. सुधा पाण्डेयAugust 9, 2020 at 4:00 PM

    प्रसन्न होना भी आज की भागमभाग और गलाकाट प्रतिस्पर्धा में कठिन होता जा रहा है लेकिन जो तुम्हारे जैसा सरल होगा वो तुम्हारी तरह प्रसन्न भी होगा, बहुत ही अच्छी एवं सकारात्मक सोच के साथ साथ खिली धूप सी तुम्हारी मुस्कान हमारे अंदर भी सकारात्मकता जगा देती है और रविवार को खुशनुमा बना देती है

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    1. बहुत-बहुत शुक्रिया mam, आपकी इस तरह की प्रतिक्रिया मुझे बहुत प्रोत्साहन देती है।🙏

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  6. शुभ रविवार,

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  7. Aap sabhi logon k saath aur protsahan k liye bahut bahut dhnywaad...aapki pratikriyaon se mujhe aage badhne ka protsahan milta ha🙏

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  8. Happy Sunday, beautiful smile 😘😘

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  9. ����"प्रसन्न रहना
    बहुत सरल है ,
    लेकिन सरल होना
    बहुत कठिन है..."����

    Nice line with nice pic ��������

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