कोई किसी की राह नहीं देखता

कोई किसी की राह नहीं देखता

कोई किसी की राह नहीं देखता

अब कोई नहीं रहता हैं यहां 

सिर्फ पसरा है मौन दूर तक

सड़के सुनसान पड़ी है 

गलियां वीरान हैं अब 

कोई किसी की राह नहीं देखता 

अब किसी का इंतजार नहीं है 

खिड़कियों से कोई झांकता नहीं है 

सुंदर परियां दालान और बरामदों में 

चहल-पहल नहीं करती हैं 

अब कानों में खुशफुसाहट 

नहीं करती है सखियां

अब कोई गीत नहीं गाता मिलन के

अब सावन में झूले पर 

पेगें तेज़ नहीं होती हैं 

शाम अब उदास है 

बारिश का उसे अब इंतखाब नहीं

बारिश की बूंदे‌‌ खारी लगती है

मीठी बूंदे कोई ले गया 

पीछे किनारे पर कुछ खुशनुमा रंग 

रह गया है 

जीने का संबल प्रदान करता..

1 comment:

  1. The omnipresent sadness.
    He is well known.

    The wind chases away the black clouds - will the sun shine after the rain?
    Raindrops taste salty - the rain cries tears.
    Yeah, friends don't do that...maybe they weren't friends?
    Hope lies in the strength that I have and nurture within me.
    I know that there is always someone somewhere waiting.

    ReplyDelete