मुश्किल दौर
एक बार की बात है, एक कक्षा में गुरूजी अपने सभी छात्रों को समझाना चाहते थे कि प्रकृति सभी को समान अवसर देती है और उस अवसर का इस्तेमाल करके हम अपना भाग्य खुद बना सकते हैं।
इसी बात को ठीक तरह से समझाने के लिए गुरूजी ने तीन कटोरे लिए। पहले कटोरे में एक आलू रखा, दूसरे में अंडा और तीसरे कटोरे में चाय की पत्ती डाल दी। अब तीनों कटोरों में पानी डालकर उनको गैस पर उबलने के लिए रख दिया।
सभी छात्र ये सब हैरान होकर देख रहे थे, लेकिन किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था। कुछ देर बाद जब तीनों बर्तन में उबाल आने लगे, तो गुरूजी ने सभी कटोरों को नीचे उतारा और आलू, अंडा और चाय को बाहर निकाला।
अब उन्होंने सभी छात्रों से तीनों कटोरों को गौर से देखने के लिए कहा। अब भी किसी छात्र को समझ नहीं आ रहा था।
आखिर में गुरु जी ने एक बच्चे से तीनों (आलू, अंडा और चाय) को स्पर्श करने के लिए कहा। जब छात्र ने आलू को हाथ लगाया तो पाया कि जो आलू पहले काफी कठोर हो गया था और पानी में उबलने के बाद काफी मुलायम हो गया था।
जब छात्र ने, अंडे को उठाया तो देखा जो अंडा पहले बहुत नाज़ुक था उबलने के बाद वह कठोर हो गया है। अब बारी थी चाय के कप को उठाने की। जब छात्र ने चाय के कप को उठाया तो देखा चाय की पत्ती ने गर्म पानी के साथ मिलकर अपना रूप बदल लिया था और अब वह चाय बन चुकी थी।
अब गुरु जी ने समझाया, हमने तीन अलग-अलग चीजों को समान विपत्ति से गुज़ारा, यानी कि तीनों को समान रूप से पानी में उबाला लेकिन बाहर आने पर तीनों चीजें एक जैसी नहीं मिली।
आलू जो कठोर था वो मुलायम हो गया, अंडा पहले से कठोर हो गया और चाय की पत्ती ने भी अपना रूप बदल लिया। उसी तरह यही बात इंसानों पर भी लागू होती है।
शिक्षा
सभी को समान अवसर मिलते हैं और मुश्किलें आती हैं लेकिन ये पूरी तरह हम पर निर्भर है कि हम परेशानी का सामना कैसा करते हैं और मुश्किल दौर से कैसे बाहर निकलते हैं।
Great
ReplyDelete
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द रविवार 17 नवंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द रविवार 17 नवंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
पांच लिंकों के आनन्द में इस रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार।
Delete