रोग प्रतिरोधक शक्ति (IMMUNITY)

 रोग प्रतिरोधक शक्ति (IMMUNITY)

रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है ?

रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर की वह क्षमता है, जिससे वह रोग पैदा करने वाले जीवों से खुद को बचा सकता है। हर दिन हमारा शरीर कई रोगाणुओं के संपर्क में आता है, लेकिन उनमें से कुछ ही रोग पैदा करते हैं। इसका कारण यह है कि हमारे शरीर में इन रोगाणुओं के खिलाफ एंटीबॉडी जारी करने की क्षमता होती है और यह शरीर को बीमारियों से बचाता है। इस रक्षा तंत्र को प्रतिरक्षा कहा जाता है।

अतः रोगों से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत है अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की। यहां हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की चर्चा करेंगे  जिसमें  योग, आयुर्वेद तथा घरेलू नुस्खे भी शामिल हैं। आइये शुरुआत करते हैं योग से।

IMMUNITY (रोग प्रतिरोधक शक्ति)

योग :

योग एक ऐसा माध्यम है या फिर कह लीजिए ऐसी क्रिया है जिससे हम इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ सभी प्रकार की बीमारियों से बच सकते हैं। यह हमारी ऋषि परंपरा है, जो आदि काल से चली आ रही है। वर्तमान में योग गुरु बाबा रामदेव ने इसे देश  विदेश में प्रचारित- प्रसारित कर इसकी महत्ता से अवगत कराया है। किसी की दिनचर्या कितनी भी व्यस्त हो उसे अपने दिन की शुरुआत योग से ही करनी चाहिए। रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने के लिए 5 मिनट भस्त्रिका, 15:15 मिनट कपालभाति और अनुलोम विलोम,  5-5  बार बाह्य भ्रामरी तथा उद्गित प्राणायाम करें। 10 से 15 मिनट यौगिक जोगिंग तथा 20 से 25 बार सूर्य नमस्कार करें।

आयुर्वेद :

अब बात कर लेते हैं आयुर्वेद की। जैसा कि सर्वविदित है आयुर्वेद हमारी प्राचीनतम् चिकित्सा प्रणाली है। आयुर्वेद का अर्थ ही है "जीवन से संबंधित ज्ञान"। 

आयुर्वेदिक तरीके से इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं :-

  • आंवला हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने वाला एक अच्छा खाद्य पदार्थ है। इसलिए प्रतिदिन आंवले का सेवन करें। अभी आंवला का मौसम नहीं है, तो कच्चा आंवला बाजार में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में आंवले का सेवन किसी भी रूप में कर सकते हैं- आंवला पाउडर, आंवला कैंडी, आंवले का अचार, आंवले का मुरब्बा।
  • इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए गिलोय एक अच्छी और सहजता से उपलब्ध होने वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। गिलोय का उपयोग काढ़ा बना कर किया जा सकता है। इसकी ऊंगली जितनी मोटी तथा 6-7 इंच लंबी बेल को एक गिलास पानी में उबालें तथा आधा शेष रह जाने पर इसका सेवन करें।
  • टमाटर विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ–साथ जैविक सोडीयम, फासफोरस, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीशियम और सल्फर का अच्छा स्रोत है। टमाटर में मौजूद ग्लूटाथियोन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
  • अपने दैनिक खानपान में संतरा तथा नींबू को शामिल करें, इसमें भी पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी होता है।
  • इसके अतिरिक्त दोनों नासिका छिद्रों में दो बार तिल का तेल अथवा गाय का घी डालें।
रोग प्रतिरोधक शक्ति (IMMUNITY)

Sun Gazing (सन गेजिंग):

सूर्य को निहारना एक ऐसी क्रिया है  जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। सूर्य को निहारने से शरीर में कुछ हार्मोन (मेलाटोनिन और सेरोटोनिन) का स्राव होता है, जिससे शरीर को शक्ति मिलती है और व्यक्ति अधिक क्रियाशील हो जाते हैं। उगते हुए सूर्य को 10 सेकंड तक खुली आंखों से तत्पश्चात आंखों को बंद करके 2 मिनट तक निहारें।

"माना गुल को गुलशन न कर सकेंगे हम,पर कर देंगे कुछ कांटे कम
कर देंगे कुछ कांटे कम
जिस राह से गुजरेंगे हम।"

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