हिंदी वाला प्रेम || Hindi wala prem

हिंदी वाला प्रेम


Rupa Oos ki ek Boond
"रिश्ते बनाने के लिए एक पल चाहिए
उसे निभाने के लिए एक दिल चाहिए..
खेलता तो है सागर भी लहरों से पर 
उसे थामने के लिए साहिल चाहिए..❣️"

उसने कभी मन की नहीं कहीं, 

हमेशा आकर्षण में रहा.. 

जब विद्यालय में था तब, 

समझता नहीं था कि यह क्या है? 

फिर भी उसको निहारता रहता था,

जाने क्या महसूस करता होगा?

बस वह उसे आकर्षित करती थी, 

उसे भी कहां पता था? 

वह किसी के जीवन का खास हिस्सा बन रही है.. 

बस एक पलक निहारते रहना उसे अच्छा लगता था, 

उसके पीछे-पीछे घूमता रहता था, 

वह अनजान रही इस बात से..

जब तक वह घर नहीं चली जाती, 

एकटक निहारता रहता, 

थोड़े बड़े हुए स्कूल बदल गए.. 

सब बिखर गए मोती की तरह, 

पर मन से वह कभी नहीं निकल पाई,

धीरे-धीरे नए लोग जुड़ते गए.. 

दूर तक न जाने कहां सब निकलते गए? 

चेतन मन से वह अचेतन मन में जम गई.. 

पर भूल नहीं सका उसे, 

खुद तो बड़ा हो गया, 

पर उसे कभी बड़ा न होने दिया.. 

जीवन के नए सफर की बारी थी, 

फिर उसकी याद सताने लगी, 

यहां वहां बहुत ढूंढा पर कभी मिल न सकी..

हार मान ली घर वालों की बात मान ली, 

जाने कितने बरस बीतने लगे, 

टकरा गई फिर से वह उससे.. 

एक पल में सब बदल गया, 

आकर्षण प्रेम में बदल गया, 

अब समझ में उसे आया.. 

बचपन का प्यार सामने खड़ा था, 

बमुश्किल कुछ शब्द निकाले, 

मुझे तुमसे हिंदी वाला प्रेम है.. 

 मैं तुम्हें कभी बोल नहीं पाया,

आंखों में चमक ऊभरी,

बड़ी-बड़ी गोल-गोल आंखों को, 

मिचाकाते हुवे बोली- 

क्या कहना चाहते हो,

मैं तो खुद ही आज समझा,

तुम्हें क्या समझाऊं? 

एक उम्मीद थी... प्रेम, 

एक मुलाकात की जरूरत थी, 

आंखों में तुम्हारे एक समंदर था, 

जो उम्र भर मेरा पीछा करती रही..

आज समझ में आया, 

सब कुछ होते हुए भी क्या बेचैनी थी?

अब हृदय शांत है, 

आज तुम बड़ी हो गई, 

मेरी सखी खो गई, 

अब मेरी हर उदास शाम में भी प्रेम संगीत होगा, 

हां सुनो तुम मेरी हिंदी वाला प्रेम हो.. 

Rupa Oos ki ek Boond
"तुमसे मिलने की उम्मीद भले ना हो,
ये कैसे कह दूं इन्जार नहीं है तेरा..❣️"

15 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 08 जुलाई 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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    1. पांच लिंकों के आनन्द में इस रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार।

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  2. हिन्दी प्यार और तकरार दोनों में दम है

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  3. Lajwaaaaaab 👌

    आंखों में तुम्हारे एक समंदर था,
    जो उम्र भर मेरा पीछा करती रही..

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  4. Pahle ke jmane me Aisa hi hua karta tha...Prem Dil se hota tha, communication Kam tha, ab communication badh gya Prem ghat gya.....agli generation ka bhagwan hi malik hai..

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  5. 🙏🙏💐💐शुभरात्रि
    🚩🚩जय श्री राधे कृष्ण 🚩🚩
    🚩🚩राधे राधे 🚩🚩
    👌👌बहुत खूब.... आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

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  6. बहुत बहुत सुन्दर

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  7. वाह क्या बात है 👌🏻👍

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