अनजाने रिश्ते..

अनजाने रिश्ते..

Rupa Oos ki ek Boond

कभी खामोश 

तो कभी 

चुपचाप मुस्कुराते

कभी अजनबी 

तो कभी दिल के

करीब लगते

न कोई बंधन 

न कोई अपेक्षा 

नि:स्वार्थ समर्पित 

कुछ अनकहे एहसास 

कुछ खामोश जज़्बात 

एक रुहानी अनुभूति 

एक मासूम अभिव्यक्ति 

एक आत्मीय सहेजते से

अनजाने रिश्ते..

19 comments:

  1. बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति 💐

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  2. पवन कुमारFebruary 4, 2024 at 10:52 AM

    बहुत ही सुंदर रचना 🙏🙏🙏

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  3. पवन कुमारFebruary 4, 2024 at 10:52 AM

    बहुत ही सुंदर रचना 🙏🙏🙏

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  4. Wow beautiful 🤩❤️

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  5. वाह वाह रूपा जी बेहद सुंदर रचना 🙏🏻🙏🏻

    कौन सा रिश्ता है ,तुमसे पता नहीं
    कौन हो तुम ये भी मैं जानता नहीं

    तुम्हारी हँसी ही मेरे होंठों की हँसी है
    तुमसे क्या रिश्ता है ये भी जानता नहीं...

    कोई अनजान है...

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  6. अगर आप उन्हें रहने दें तो लोग सूर्यास्त की तरह अद्भुत होते हैं। जब मैं पश्चिम की ओर देखता हूं, तो मैं खुद को यह कहते हुए नहीं पाता, "दाएं कोने में नारंगी को थोड़ा चमकाएं।" मैं पश्चिम को नियंत्रित करने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। मैं इसे आश्चर्य से देखता हूं कि यह कैसे फैलता है।
    कार्ल रोजर्स

    दो लोगों का मिलन दो रसायनों के संपर्क की तरह है: यदि कोई प्रतिक्रिया होती है, तो दोनों बदल जाते हैं।
    कार्ल जंग

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  7. 🙏🙏💐💐
    🕉️शुभरात्रि 🕉️
    🙏जय शिव शम्भू 🚩🚩🚩
    🙏महादेव का आशीर्वाद आप और आपके परिवार पर हमेशा बना रहे 🙏
    👍👍बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति 💐💐

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  8. अनजाने में अनजानी राहों में
    अनजाने लोग मिलते हैं
    बिछड़ जाते हैं फिर रास्तों में
    इन राहों में जो मिलते हैं
    अजनबी थे जो वो लोग
    बस अजनबी रह जाते हैं
    याद रह जाते हैं वो चेहरे
    जो कुछ बातें कह जाते हैं
    कभी-कभी कुछ अजनबी
    भी हो जाते हैं यूँ अपने
    पूरे करने को बेताब रहते
    हमारे सारे अधूरें सपने☺✨

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