मैसूर पैलेस || Mysore Palace

मैसूर पैलेस

मैसूर पैलेस का नाम तो बहुत सुना था। इस यात्रा के दौरान यहाँ जाने का भी मौका मिला। जितना आकर्षक बाहर से देखने में लग रहा था, उससे कहीं ज्यादा आकर्षक अंदर से था। मैसूर पैलेस दिन के समय में जितना भव्य दिखता है, रात में उससे भी ज्यादा खूबसूरत दिखता है, पर हमलोगों को इस महल की रात की खूबसूरती देखने का मौका नहीं मिला। संडे, पब्लिक हॉलीडे और दशहरा के दौरान रात में यह महल जगमगाता नजर आता है। दिलचस्प बात ये है कि इस महल में 96000 से लेकर 98,000 के करीब बल्ब लगे हुए हैं, जिनके कारण यह रात में दूर से ही दमकता हुआ नजर आता है।

मैसूर पैलेस || Mysore Palace

मैसूर पैलेस शहर का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल है जो साल में लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसको देखने के लिए हर साल लगभग 60 लाख लोग आते हैं। टिकट लेकर अंदर प्रवेश कर थोड़ी दूर चलने पर बाईं ओर एक खूबसूरत मंदिर है। 

मैसूर पैलेस || Mysore Palace

यह मंदिर भी बाकी मंदिरों की तरह ड्रविडियन शैली में बना है। फिर सामने आता है मैसूर पैलेस परिसर, जो तीन मंजिल का एक महल है, जो भूरे रंग की महीन ग्रेनाइट से बना है। इसके ऊपर गहरे गुलाबी रंग के संगमरमर के पत्थर लगे हैं। इसके साथ ही एक पाँच मंजिला मीनार है, जिसकी ऊँचाई 145 फीट है। महल का आकार 245×156 फीट है। खंभों पर निर्मित यह महल इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसके हाल के किसी भी जगह खड़े होकर देखने से सारे खंभें अवरोही क्रम में कतारबद्ध दिखाई देते हैं। 

मैसूर पैलेस || Mysore Palace

मैसूर पैलेस में भारतीय, इंडो-इस्लामिक, नियो-क्लासिकल और गोथिक शैलियों के तत्व शामिल हैं। परिसर के तीन द्वार महल तक ले जाते हैं – सामने का द्वार (विशेष रूप से पूर्वी द्वार) वीवीआईपी के लिए और अन्यथा दशहरा के दौरान खुलता है; दक्षिण गेट को आम जनता के लिए नामित किया गया है; और पश्चिम द्वार आम तौर पर दशहरा में खुला रहता है। इनके अलावा ऐसा कहा जाता है कि महल के तहखाने में कई गुप्त सुरंगें हैं, जो कई गोपनीय क्षेत्रों और श्रीरंगपटना शहर जैसे अन्य स्थानों की ओर ले जाती हैं। कई फैंसी मेहराब इमारत के आगे के हिस्से को सुशोभित करते हैं।

मैसूर पैलेस || Mysore Palace

चलिए जानते हैं इस खूबसूरत से महल के विषय में कुछ बातें 

मैसूर का महल, जिसे अंबा विलास पैलेस के नाम से भी जानते हैं। यह कर्नाटक के मैसूर शहर का ऐतिहासिक महल है। अंग्रेजी वास्तुकार, हेनरी इरविन द्वारा डिजाइन किया गया, मैसूर पैलेस मैसूर के क्षितिज पर हावी है। 1897-1912 के बीच निर्मित इंडो-सारसेनिक शैली में बनी तीन मंजिला इमारत, इस महल में मुख्य बिंदुओं पर खूबसूरती से डिजाइन किए गए वर्गाकार टॉवर हैं, जो गुंबदों से ढके हुए हैं। अपनी अलंकृत छत और नक्काशीदार खंभों के साथ दरबार हॉल और चमकीले टाइल वाले फर्श और रंगीन ग्लास, गुंबददार छत के साथ कल्याणमंतपा बेहद खूबसूरत हैं। जटिल नक्काशीदार दरवाजे, सुनहरा हौदा (हाथी सीट), पेंटिंग के साथ-साथ शानदार, रत्नजड़ित स्वर्ण सिंहासन (दशहरा के दौरान प्रदर्शित) महल के अन्य खजानों में से हैं। चारदीवारी वाले महल परिसर में आवासीय संग्रहालय (महल के कुछ रहने योग्य क्वार्टरों को शामिल करते हुए), श्वेता वराहस्वामी मंदिर सहित मंदिर और तीर्थस्थल हैं। 

मैसूर पैलेस || Mysore Palace

मूल मैसूर पैलेस को 14 वीं शताब्दी में बनाया गया था, जो महल चंदन की लकड़ी से बना था और एक दुर्घटना में बहुत बुरी तरह नष्ट हो गया। 1897 में जब राजर्षि कृष्णराज वाडियार चतुर्थ की सबसे बड़ी बहन, राजकुमारी जयलक्ष्मी अमानी का विवाह समारोह हो रहा था, तब लकड़ी वाला यह महल एक दुर्घटना के कारण आग में नष्ट हो गया था। उस वर्ष खुद मैसूर के युवा सम्राट, महारानी और उनकी मां महारानी वाणी विलास संनिधना ने एक नए महल का निर्माण करने के लिए ब्रिटिश वास्तुकार लॉर्ड हेनरी इरविन को सौंप दिया था।

मैसूर पैलेस || Mysore Palace

लॉर्ड इरविन एक ब्रिटिश वास्तुकार थे जिन्होंने दक्षिण भारत में ज्यादातर इमारतों को रूपरेखा दिया था। आज मैसूर पैलेस का जो ढांचा नजर आता है, वह इसका चौथा संस्करण है। इस महल को तैयार होने में 15 साल का लंबा समय लगा। 1887 में निर्माण कार्यों की शुरुआत के बाद 1912 में जाकर यह पूर्ण हुआ। 1912 में 42 लाख रुपये की लागत से महल का निर्माण पूरा हुआ। इसका विस्तार 1940 में मैसूर साम्राज्य के अंतिम महाराजा जयचामाराजेंद्र वाडियार के शासन में किया गया था। 

19 comments:

  1. चाँद आज कल कर्नाटक मै उतरा है
    जसवंत निराला

    ReplyDelete
  2. मैं यहा गूगल से आया हू मगर लॉगिन का options नही आ कहा है
    आपका शुभचिंतक
    जयवंत निराला

    https://jaswantniraladeori.blogspot.com/2024/01/blog-post.html?m=1

    ReplyDelete
  3. आप अपनी सेटिंग देखिये शियद बहा कुँछ गड़बड़ी हो शायदल🙏

    https://jaswantniraladeori.blogspot.com/2024/01/blog-post.html?m=1

    ReplyDelete
  4. हमे तो रोज समझाने वाले मिलते है
    कभी तो केई समझने वाला मिले

    ReplyDelete
  5. लगता आपने Anonymously कर लिये कमेंट या हमे 🙏 ख़ैर कोई बात नही 🙏
    हम ही मै न कोई बात याद न तुमको आ सके
    हम न .....................

    ReplyDelete
  6. मैने दूसरी तीसरी ID से आकर देखा मगर लॉगिन का विकल्प नहीं आ रहा है 🙏

    https://jaswantniraladeori.blogspot.com/2024/01/blog-post.html?m=1

    ReplyDelete
  7. आप है कि मान ही नही रही
    ख़ैर आप मानती कब थी यही आपको सॉट्ँईल है
    आपकी Curiosity बहुत है समँझ लेगी पकड ल्गी गड़बड़ी
    Bast of luck

    ReplyDelete
  8. मैसूर पैलेस के बारे में पढ़कर यहां घूमने की इच्छा प्रबल हो गई

    ReplyDelete
  9. न डिलीट न एडिट का ही आ रहा है
    और क्या लिखे आप जल्द नाराज हो जाती है
    मगर आप है बहुत बुद्धिमान ये तो है

    ReplyDelete
  10. 🙏संपूर्ण विश्व 🚩🚩राममय 🚩🚩
    🙏🙏💐💐जय जय सियाराम 🚩
    अयोध्या में हो रही राम लला के प्राण प्रतिष्ठा की आप को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं....🎂💐💐🙏🙏💐💐
    🚩🚩जय जय सियाराम 🚩🚩
    प्रभु श्री राम जी का आशीर्वाद आप और आपके परिवार पर हमेशा बना रहे
    🙏जय जय सियाराम 🚩🚩🚩
    👍👍👍बहुत बढ़िया 🙏
    👍Enjoy your Trip 😊

    ReplyDelete