Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)

ओस की बूँद

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आज भीगी हैं पलके किसी की याद में 
आकाश भी सिमट गया है अपने आप में..
ओस की बूँद ऐसी गिरी है जमीन पर, 
मानो चाँद भी रोया है उनकी याद में..💧

Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)

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सुबह की ओस जैसे हो तुम,
बस दिखते हो मग़र छू नहीँ सकते..
करीब हो के भी करीब रह नहीं सकते,
जो भी हो दिल के पास हो तुम
जानते हो बहुत खास हो तुम..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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सुबह से तेरी य़ादों की ओस कुछ ज़मीं सी है, 
फिजायें करे तस्दीक की तेरी कमी सी है..
तस्सवुर में भोर की आँखों में कुछ नमी सी है, 
फिजायें करे तस्दीक की तेरी कमी सी है..💧
हमने सपनों को दूर होते देखा है ,
जो मिला भी नहीं उसे खोते देखा है..
लोग कहते हैं कि रात को ओस गिरती है,
मगर हमने रात में फूलों को रोते देखा है..💧

Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)

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बार बार आईना पोंछा,
मगर हर तस्वीर धुंधली थी..
न जाने आईने पर ओस थी,
या हमारी आँखें गीली थीं..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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आधे आकाश में,
आज दर्ज हुई बारिश..
आधा 
चाँद के नाम रहा,
आधी बारिश और आधी चाँदनी में,
भीगता रहा 
पूरा शहर..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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तारों में छोड़कर आए थे,
हम अपना दु:ख..
यहाँ इस जगह लेटकर,
इसीलिए देखते रहते हैं तारे, 
गिरती रहती है 
'ओस की बूंद'..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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ठहर जरा ओस की बूंद पलभर,
नमी तुम्हारी घड़ी पहर है..
चढ़ेगी ज्यों ही जरा सी किरणें,
तुम्हारा घर फिर कहां इधर है..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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भोर की पहली किरण,
चुन रही तुसार कण..
बांधकर असंख्य मोती,
उड़ चली फिर से गगन..
चढ़ रहा दिनमान उपर,
मृयमान होते जीव जलचर..
उष्णता की ताप में,
जीवन पथिक की सांस दूभर..
चेतना निस्तेज,
प्राणों का आक्लांत क्रंदन..
मेघ आज फिर घिर आओ,
बनकर ओस (बारिश) की बूंदें..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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ओस की बूंदें हैं,
आंखों में नमी है..
ना उपर आसमान है,
ना नीचे जमीन है..
ये कैसा मोड़ है,
जिंदगी का..
जो लोग खास हैं,
उनकी ही कमी है..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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ओस की हर एक बूँद देखो, अनजानी सी हो गई है, 
समय की गर्त में दबी यादें, कुछ बेमानी सी हो गई है..
आज सुबह की भोर घास पे, 
चमकते मोतियों को देखा, 
तबसे बिसरी यादों की खुशबू, 
पहचानी सी हो गयी है..
सर्द सुबह में भी जब भागना, 
मटर के खेतों के यूँ बीच, 
हर ओस की बूँद को चाहना, 
कर ले मुट्ठी भीतर भींच..
अंजाने रिश्तों को सींचती, 
ये अब कहानी सी हो गई है, 
जिन्दगी की आपाधापी में, 
ये आनी जानी सी हो गई है..
फिर भी दिल आज उड़ चला, 
उन प्यारी यादों के पास, 
फिर बुनते हुए अनगिनत, 
ख्वाबों के घरोंदे कुछ खास..
वो पल निश्छल बचपन की,
जैसे निशानी सी हो गई है, 
फिर उन्हीं पलों में जी लेना, 
आदत पुरानी सी हो गई है..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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ओस में डूबता अन्तरिक्ष विदा ले रहा है, अँधेरों पर गिरती तुषार और कोहरों की नमी से..
और यह बूँद न जाने कब तक जिएगी इस लटकती टहनी से जुड़े पत्ते के आलिंगन में..
धूल में जा गिरी तो फिर मिट के जाएगी कहाँ?
ओस की एक बूँद बस चुकी है कब की,
मेरे व्याकुल मन में..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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बूँदे ओस की सीप पर मोती सी नक्षत्र स्वाति,
बूँदे प्रेम की मन सागर भरे जीवन तृप्ति.. 
बूँदे बरसी सारी रात टपकी निर्धन कुटी, 
धरा की प्यास विरह पीर उठे बूँद की आस..💧
Os ki Boond Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)
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10 comments:

  1. बहुत खूबसूरत हृदय को भेदती हुई रचना 🙏

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  2. एक से बढ़कर एक ओस की बूंद

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  3. रोज़ कहता कि भूल जाउ तुझे
    रोज ये बात भूल जाता हू

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  4. Loveable quotes ❣️

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