इतवार

इतवार

Rupa Oos ki ek Boond

"बरसात में घुल रही है महक अदरक की,
आज बूंदों को भी चाय कि तलब लगेगी…!
❣️"

जो छूट गया उसका क्या मलाल करें,

जो हासिल है,चल उस से ही सवाल करें !!


बहुत दूर तक जाते है, याँदो के क़ाफ़िले,

फिर क्यों पुरानी याँदो में सुबह से शाम करें !!


माना इक कमी सी है,जिंदगी थमीं सी हैं,

पर क्यों दिल की धड़कनों को दर-किनार करें!!


मिल ही जाएगा जीने का कोई नया बहाना,

आ ज़रा इत्मीनान से किसी ख़ास का इंतज़ार करें !!


वैसे तो आज इतवार है,

छोड़ो दुनिया की बातें, एक कप चाय की प्याली से दिन की शुरुवात करें !!

Rupa Oos ki ek Boond

"इंतजार का वक्त इतना प्यारा ना होता,
अगर साथ में चाय का सहारा ना होता…
!
❣️"

14 comments:

  1. चाय की बात सुनते ही मुस्कराने लगते हो
    मेरी तरह तुम भी चाय के दीवाने लगते हो

    ReplyDelete
  2. Happy Sunday with adarak Wali Chay...nice poem.

    ReplyDelete
  3. उसने कहा
    आज फ़ैसला करो
    मैं या चाय...

    मैंने भी
    कह दिया
    तुम्हारे हाथ की चाय.....!!!

    Ram Ram ji...

    Happy Sunday ☕♥️🎼😘

    ReplyDelete
  4. धड़कनों में आते हैं बदलाव अजीब से,
    दूर हो गुज़रा ना करो मेरे इतने क़रीब से

    ReplyDelete
  5. संजय कुमारAugust 14, 2023 at 11:29 AM

    🙏🙏💐💐सुप्रभात 🕉️
    🙏जय शिव शम्भू 🚩🚩🚩
    🙏आप का दिन मंगलमय हो 🙏
    🙏हर हर महादेव 🚩🚩🚩
    👌👌वाह, बहुत बढ़िया 💐💐

    ReplyDelete
  6. Bahut badhiya ☕
    Ek garam chai ki pyali ho...aur tum jaise dost ka saath ho...fir to har din lajwaab ho...

    ReplyDelete
  7. #awasthi.ak..🤝🌹August 14, 2023 at 4:33 PM

    🤝🌹❤️

    ReplyDelete
  8. बरसात के खुशगवार मौसम में चाय की प्याली
    वाह

    ReplyDelete
  9. Aaj yaha joro ki jhamajham barish ho rahi

    Kyu na adrakh wali chai ho jaye.. ☕☕

    ReplyDelete