अमलतास || Amaltash ||

अमलतास (Amaltash)

आप सभी भी सड़क किनारे पेड़ से लटके हुए पीले पीले झुंडों में लटके हुए फूल देखे होंगे तथा फूल झड़ने के पश्चात लंबे लटके फल, जी हां हम बात कर रहे हैं अमलतास के पेड़ की। अमलतास एक खूबसूरत पेड़ है, जो आमतौर पर मध्यम आकार का होता है। इसकी पत्तियां आकार में बड़ी गहरे हरे रंग की होती हैं और फूल पीले रंग के होते हैं, जो गुच्छों में खिलते हैं। प्राचीन काल से ही अमलतास के पेड़ की शाखा, फल और पत्तियों को दवा के रूप में उपयोग में लाया जाता रहा है। 

अमलतास के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

अमलतास क्या है

अमलतास का पेड़ 5 से 15 मीटर तक ऊंचा होता है। इस पेड़ पर मार्च से जुलाई के बीच सुनहरे पीले रंग के फूल लगते हैं। इसके फल लंबे और बेलनाकार होते हैं, जो देखने में किसी डंडे की तरह दिखते हैं। फल हरे रंग के होते हैं और पक जाने पर यह फल गहरे भूरे रंग के दिखाई देते हैं। इस पेड़ के फूल, तने और पत्तों में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं के इलाज के तौर पर प्रयोग में लाए जाते हैं। 

जानते हैं अमलतास के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

हमारे प्राचीन ग्रंथों में अमलतास का विवरण मिलता है। अमलतास के पेड़ के सभी भागों का उपयोग औषधिय लाभ के लिए किया जाता है। पेड़ का प्रत्येक भाग गंभीर बीमारियों से निजात दिलाने औऱ इनके संक्रमण से दूर रखने में कारगार होता है। आयुर्वेद में इस पेड़ के हर भाग का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है।

बुखार होने पर 

बुखार होने पर अमलतास के पेड़ की जड़ को कूटकर पाउडर बना लें। इस पाउडर को दिन में दो से तीन बार सेवन करने से बुखार उतर जाता है और शरीर दर्द में राहत मिलता है।

कब्ज की समस्या

  • अमलतास के फूल को सारी रात पानी में भिगोकर छोड़ दें। सुबह हल्की चीनी डालकर इसका पेस्ट बनाकर सेवन करने से कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।
  • अमलतास के दो तीन पत्तों को नमक और काली मिर्च मिलाकर सेवन करने से पेट साफ होता है और कब्ज से आराम मिलता है। 

रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने में

अमलतास का पौधा अनेक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके पेड़ की छाल एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है, जिसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और मौसमी बीमारियों और संक्रमण से बचाव होता है।

फुंसी और छाला होने पर

अमलतास के पेड़ के पत्ते को गाय के दूध में पीसकर इस लेप को शरीर पर लगाने से फुंसी और छाले दूर होते हैं।

नाक में फुंसी होने पर

अमलतास के पत्तों और छाल को पीस लें इसे नाक के छोटी फुंसी पर लगाने से फुंसी ठीक हो जाती है।

मुंह में छाले होने पर

अमलतास के गूदे को मुंह में रखकर चूसने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।

घाव होने पर

अमलतास के पत्तों को दूध में पीसकर घाव पर लगाने से घाव सूख जाता है।

शरीर में जलन की समस्या

अमलतास के पेड़ की 10 से 15 ग्राम जड़ या छाल को दूध में उबालकर पीसकर लेप करने से शरीर की जलन ठीक हो जाती है।

कंठ रोग में

अमलतास के पेड़ की जड़ को चावल के पानी के साथ पीसकर सूंघने और लेप करने से कंठ रोग में लाभ होता है।

अमलतास के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

टॉन्सिल की समस्या

कफ के कारण टॉन्सिल के बढ़ने पर 10 ग्राम अमलतास की जड़ की छाल को पानी में पकाकर बूंद बूंद करके मुँह में डालने से आराम मिलता है।

दमा की समस्या

अमलतास के पेड़ के गूदे को निकालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को पिलाने से दमा की बीमारी में लाभ होता है।

आंतों के रोग

छोटे बच्चों में अगर आंत से संबंधित कोई बीमारी हो गई हो, तो अमलतास के फूलों का गुलकंद बनाकर सेवन कराने से आंत की बीमारी दूर होती है।

पेट दर्द होने पर

अमलतास के फल की मज्जा को पीसकर बच्चों की नाभि के चारो और लेप करने से पेट दर्द में आराम मिलता है।

मधुमेह की समस्या

10 ग्राम अमलतास के पत्तों को 400 मिलीलीटर पानी में पकाकर काढ़ा बनाकर सेवन से मधुमेह रोग में लाभ होता है।

गठिया रोग में

सरसों के तेल में पकाए हुए अमलतास के पत्तों को शाम के भोजन में सेवन करने से गठिया रोग में लाभ होता है।

एड़ी फटने की समस्या

अमलतास के पत्ते का पेस्ट बनाकर एड़ियों पर लगाने से लाभ होता है।

विभिन्न भाषाओं में अमलतास का नाम (Name of Amaltas in Different Languages)

अमलतास का वानस्पतिक नाम कैसिया फिस्टुला (Cassia fistula L., Syn-Cassia rhombifolia Roxb., Cassia excelsa Kunth.) है। 

Hindi –         अमलतास, सोनहाली, सियरलाठी
English –     Cassia, Golden shower, Indian laburnum, Purging stick, Purging cassia
Sanskrit –     आरग्वध, राजवृक्ष, शम्पाक, चतुरङ्गुल, आरेवत, व्याधिघात, कृतमाल, सुवर्णक, कर्णिकार, परिव्याध, द्रुमोत्पल, दीर्घफल, स्वर्णाङ्ग, स्वर्णफल
Urdu –     अमलतास (Amaltas)
Oriya –     सुनारी (Sunari)
Assamese – सोनारू (Sonaru)
Kannada – कक्केमरा (Kakkemara)
Gujarati – गर्मालो (Garmalo)
Tamil – कोन्डरो (Kondro), कावानी (Kavani), सरकोन्नै (Sarakonnai), कोरैकाय (Karaikaya)
Telugu – आरग्वधामु (Aragvadhamu), सम्पकमु (Sampakamu);
Bengali – सोनाली (Sonali), सोनूलु (Sonulu), बन्दरलाठी (Bandarlati), अमुलतास (Amultas)
Nepali – अमलतास (Amaltas);
Punjabi – अमलतास (Amaltas), करङ्गल (Karangal), कनियार (Kaniar)
Marathi – बाहवा (Bahawa)
Malayalam – कणिकोन्ना (Kanikkonna)
Arabic – खियार-शन्बर (Khiyar-shanbar)
Persian – ख्यार-शन्बर (Khyar-shanbar)

अमलतास के नुकसान (Side Effects of Amaltas)

  • डायरिया और खसरा होने पर अमलतास का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • अधिक मात्रा में सेवन से दस्त की समस्या हो सकती है।

English Translate 

Amaltas (Golden shower)

All of you must have also seen the flowers hanging in the pale yellow bunches hanging from the trees on the roadside and the long hanging fruits after the flowers fall, yes we are talking about the Amaltas tree. Amaltas is a beautiful tree, which is generally of medium size. Its leaves are large dark green in size and flowers are yellow in color, which bloom in clusters. The branch, fruit and leaves of the Amaltas tree have been used as medicine since ancient times.

अमलतास के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

what is amaltas

Amaltas tree grows to a height of 5 to 15 meters. Golden yellow flowers appear on this tree from March to July. Its fruits are long and cylindrical, which look like a stick in appearance. The fruits are green in color and appear dark brown when ripe. The flowers, stems and leaves of this tree contain many types of nutrients, which are used as a treatment for many types of physical problems.


Know about the benefits, harms, uses and medicinal properties of Amaltas

The description of Amaltas is found in our ancient texts. All parts of the Amaltas tree are used for medicinal benefits. Every part of the tree is effective in getting rid of serious diseases and keeping them away from infection. Every part of this tree is used as medicine in Ayurveda.

having a fever

Make a powder by grinding the root of the Amaltas tree in case of fever. Taking this powder two to three times a day brings down fever and provides relief in body pain.

constipation problem

  • Soak the flower of Amaltas in water overnight and leave it. Make a paste by adding light sugar in the morning and consuming it, it provides relief from the problem of constipation.
  • Taking two or three leaves of Amaltas mixed with salt and black pepper clears the stomach and provides relief from constipation.

strengthen immunity

Amaltas plant is rich in many nutrients. The bark of its tree is rich in antioxidant properties, whose regular consumption increases immunity and prevents seasonal diseases and infections.

pimple and blister

Grind the leaves of Amaltas tree in cow's milk and apply this paste on the body, it ends pimples and blisters.

pimple in nose

Grind the leaves and bark of Amaltas, applying it on the small pimple of the nose, it cures the pimple.

mouth ulcers

Mouth ulcers are cured by sucking the pulp of Amaltas in the mouth.

in case of wound

Grinding the leaves of Amaltas in milk and applying it on the wound dries the wound.

body burn problem

Boil 10 to 15 grams root or bark of Amaltas tree in milk and grind it and apply it, it cures burning sensation of the body.

in larynx

Grind the root of Amaltas tree with rice water, sniff and apply it, it is beneficial in throat disease.

tonsil problems

If tonsils are enlarged due to phlegm, cooking 10 grams root bark of Amaltas in water and putting it drop by drop in the mouth provides relief.

asthma problem

Make a decoction by extracting the pulp of the Amaltas tree. Taking this decoction is beneficial in asthma disease.

intestinal diseases

If there is any disease related to intestine in young children, then taking gulkand of Amaltas flowers and taking it cures intestinal disease.

having stomach pain

Grind the marrow of the fruit of Amaltas and apply it around the navel of children, it provides relief in stomachache.

अमलतास के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

diabetes problem

Cook 10 grams of Amaltas leaves in 400 ml water and make a decoction and take, it is beneficial in diabetes.

in gout

Taking Amaltas leaves cooked in mustard oil in the evening meal is beneficial in arthritis.

heel problem

Making a paste of Amaltas leaves and applying it on the ankles is beneficial.

13 comments:

  1. बहुत ही फायदेमंद जानकारी 👍👍

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  2. अमृत से मिलता जुलता है नाम और उसके फायदे व असर भी 🙏🏻

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  3. Very useful information...

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  4. अच्छी जानकारी

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  5. उपयोगी जानकारी।

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  6. Sadak kinare bahut asani se uplabdh hai ye ped, par socha bhi na tha ke ye itna faydemand bhi ho sakta hai..

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  7. प्रकृति ने हमारे आस पास हीं ऐसे ऐसे अद्भुत जड़ी बूटी तथा वनौषधि प्रदान की है जिससे हमलोग निरोग रह सकते हैं लेकिन बहुत सारे लोगों को इसके बारे में पता ही नही है । आज आपने अमलतास के औषधीय गुण के बारे में जो इतनी अच्छी जानकारियां प्रदान की हैं उससे बहुत लोगों को काफी फायदा होगा ।
    🙏जी आपका बहुत बहुत आभार🙏

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  8. प्रकृति का सानिंध्य मानव सुरु से ही मिलता रहा है, ये बस मानव का दुर्भाग्य ही है, कि वो बस प्रकृति से खिलवाड़ ही करता रहा है।

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  9. बेहतरीन जानकारी

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  10. बहुत ही उपयोगी जानकारी

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  11. आयुर्वेदिक dr. बनना चाहिए था 😊

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