चामुंडा देवी (Chamunda Devi)
किसी भी जगह के विषय में पढ़ कर मिली जानकारी और वहाँ जाकर मिली जानकारी में वही फर्क होता है जो कि थ्योरी और प्रैक्टिकल में। चामुंडा देवी माँ के मंदिर पहुंचकर मुझे यही लगा।
हिमाचल यात्रा के दौरान मैंने जो भी पोस्ट डाली है, उसके बारे में मैंने पहले पोस्ट नहीं डाली थी। पर चामुंडा देवी माता की पोस्ट मैंने अपने ब्लॉग पर पहले ही डाली है, जो मैंने नवरात्रे के समय डाली थी। चामुंडा माता की विस्तृत जानकारी ( देवी की उत्पत्ति कथा, मुख्य आकर्षण)आप यहाँ जाकर पढ़ सकते हैं।
चामुंडा देवी मंदिर
आज के पोस्ट में मैं उस बात की चर्चा करुँगी जो मुझे वहाँ जाकर महसूस हुआ और वो बात जो वहाँ के स्थानीय लोगों से पता चलीं।
चामुण्डा देवी मंदिर धर्मशाला से 15 कि॰मी॰ कि दूरी पर स्थित है। पर्यटक धर्मशाला से प्राकृतिक सौंदर्य का आंनद उठा कर चामुण्डा देवी मंदिर पहुंचते हैं। हमलोगो ने भी ऐसा ही किया। प्रकृति ने अपनी सुंदरता यहां पर भरपूर मात्रा में लुटाई है। पहाड़ियों से घिरा और बाणगंगा (बानेर) नदी के किनारे पर स्थित चामुंडा माँ मंदिर, कलकल करते झरने और तेज वेग से बहती नदी जहन में अमिट छाप छोड़ती है।
यहाँ का माहौल बहुत ही शांत था, जिसकी अनुभूति मुझे गुरुद्वारों में होती है। मुझे यहाँ यह बात कहनी पड़ रही है, पर शायद आपने भी कभी इस बात को महसूस किया होगा कि गुरूद्वारे में चाहे कितनी भीड़ हो वहां का माहौल शांत लगता है और मंदिरों में वह शांति नहीं होती। शायद यह अंतर दो कारणों से होता होगा - एक तो पूजा पद्धतियों में अंतर और दूसरा मंदिर और गुरूद्वारे के प्रबंधन में फर्क।
पर चामुंडा माँ मंदिर में भी बहुत शांति थी। भक्तोँ की भीड़ नहीं थी, कुछ लोग ही थे। कानों में शोर शराबे की जगह झरने से गिरते पानी की कल कल दिल को सुकून देने वाली थी। यहाँ नवरात्रे के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
अब आपको वो बात बताती हूँ, जो वहाँ जाकर पता चली। मंदिर प्रांगण में जहाँ झील बना हुआ है, जिसमें भगवान शंकर की बड़ी सी प्रतिमा विराजमान है, उसी के एक तरफ एक चिता जल रही थी। वहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि वहां हर रोज एक चिता है। आस पास के सभी लोगों को इस बात की जानकारी है, इसीलिए आस पास किसी का भी देहांत होने पर वहां जलाया जाता है। अगर पूरे दिन में वहाँ जलाने के लिए कोई चिता नहीं आती है तो, आदमी का पुतला बनाकर जलाया जाता है। जिस दिन कोई वहाँ कोई चिता नहीं जलती है, तो वहां कोई न कोई अनहोनी घटना होती है। इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो मुझे नहीं पता, पर जिस समय हमलोग वहां पहुंचे थे उस समय एक चिता जल रही थी और वहाँ के लोगों ने यह बात बताई।
वहीं पास में गिरते हुए झरने के ठंडे पानी में पैर डालकर बैठने का आनंद ही कुछ और था। हमलोग पत्थरों को पकड़ते हुए बीच के एक बड़े पत्थर पर जा बैठे और बस अब मन हो रहा था इस फ्रिज से ठंडे पानी में पैर डाले बैठे रहें और सारी थकन मिटा लें। पर ज्यादा देर बैठना नहीं हुआ, थोड़ी देर लगभग एक घंटा वहाँ गुजारने के बाद हमलोग आगे की यात्रा पर निकल गए।
जय माँ चामुंडा। देवी के मंदिर के बारे में आज नई बात पता चली।
ReplyDeleteतो आप ऐसा कहना चाहती है मंदिरो में शान्ति सुकून नही मिलता है हिन्दू देवी देवता अशांत होते है मंदिरों का माहौल ठीक नही होता है हिन्दू मंदिरों में अशांती फैलाने जाते है इतना घोर विरोध हिन्दू मंदिरों का !!
ReplyDeleteहम जो कहना चाहते हैं, वो आपको भले से पता है। और कोई भी देवी देवता अशांत नहीं होते, बल्कि लोगों का रवैया अशांत होता है। आप खुद को ही देख लीजिए, मानो हर बात का विरोध करने का लाइसेंस ले रखा हो।
Deleteयह विरोध नहीं है, हकीकत है, जो आपको भी बखूबी पता है। नहीं पता हो तो किसी भी गुरुद्वारे में जाइए और मथुरा वृंदावन के मंदिर चले जाइए।
मेरा किसी भी धर्म से कोई विरोध नहीं, कृपया पोस्ट को दूसरी दिशा में न ले जाएं।
हर रोज चिता जलाने वाली बात अद्भुत और नई है..जय मां चामुंडा देवी 🙏🙏
ReplyDeleteJai maata di
ReplyDeleteYah Chita jalane wali baat nahin pata thi jaankar bahut jyada aacharya hua achcha bhi laga
ReplyDeleteबहुत सुंदर जानकारी दी है आपने शुक्रिया जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर जानकारी दी है आपने शुक्रिया जी
ReplyDeleteअति सुन्दर
ReplyDeleteVery nice nature's
ReplyDeleteJai mata di
ReplyDeleteJai mata di🙏🙏
ReplyDeleteवाह क्या खूबसूरत नजारा है माता देवी के मंदिर का
ReplyDeleteमाता रानी हमारी रूपा जी की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करना 🙏🏻
माता रानी इतने सारे पर्यटक आपके दर्शन को आए होंगे मां लेकिन हमारी रूपा जी जैसा नेक दिल शायद ही कोई आया होगा,
इसलिए हम आपको यहां बैठे-बैठे नमन कर रहे हैं हमें कुछ नहीं चाहिए लेकिन रूपा जी की सारी मुरादें पूरी करना माँ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
आपकी तारीफ का भी जवाब नहीं, पटेल जी। आपकी blessings के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। माता रानी सबकी मुरादें पूरी करें🙏🙏🙏🙏
Deleteहिमाचल प्रदेश में धर्मशाला से 15km दूर स्थित है।
ReplyDeleteVery nice information...
ReplyDeleteJAI MATA CHAMUNDA DEVI .
ReplyDelete🕉️💐💚🙏
जय मां चामुण्डा 👃🔱🌹
ReplyDeleteJai ho
ReplyDeleteJai maata Di.
ReplyDeleteJai mata di
ReplyDeleteनई जानकारी के साथ माँ के दर्शन, बहुत ही उम्दा।
ReplyDeleteJai mata di🙏🙏
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