तेनालीराम - जादुई कुएं || Tenali Raman - Jadui kuwen ||

जादुई कुएं

गर्मियों का मौसम शुरू होने वाला था। राजा कृष्णदेव राय ने अपने मंत्री को राज्य में अनेक कुएं बनाने का आदेश दिया। राजा चाहते थे कि गर्मी शुरू होने से पूर्व ही कुएं खुदकर तैयार हो जाएं ताकि लोगों को गर्मियों में पानी की समस्या ना हो।

जादुई कुएं || Jadui kuwen ||

मंत्री ने इस कार्य के लिए शाही कोष से बहुत-सा धन लिया। शीघ्र ही राजा के आदेशानुसार नगर में अनेक कुएं खुदवाए गए। कार्य पूरा होने पर एक दिन राजा ने नगर भ्रमण किया और कुछ कुओं का स्वयं निरीक्षण किया।       

अपने आदेश को पूरा होते देख वे संतुष्ट हो गए। गर्मियों में एक दिन नगर के बाहर से कुछ गांव वाले तेनालीराम के पास पहुंचे, वे सभी मंत्री के विरुद्ध शिकायत लेकर आए थे। तेनालीराम ने उनकी शिकायत सुनी और उन्हें न्याय दिलाने का रास्ता बताया। 

तेनालीराम अगले दिन राजा से मिले और बोले - "महाराज! मुझे विजयनगर में कुछ चोरों के होने की सूचना मिली है। वे हमारे कुएं चुरा रहे हैं। 

इस पर राजा बोले - "क्या बात करते हो, तेनाली! कोई चोर कुएं को कैसे चुरा सकता है?" 

तेनालीराम बोले - "महाराज! यह बात आश्चर्यजनक जरूर है, परंतु सच है। वे चोर अब तक कई कुएं चुरा चुके हैं। तेनालीराम ने बहुत ही भोलेपन से कहा।" 

तेनालीराम की बात को सुनकर दरबार में उपस्थित सभी दरबारी हंसने लगे। महाराज ने कहा -"तेनालीराम! तुम्हारी तबीयत तो ठीक है। आज कैसी बहकी-बहकी बातें कर रहे हो? तुम्हारी बातों पर कोई भी व्यक्ति विश्वास नहीं कर सकता।"

तेनालीराम बोले - "महाराज! मैं जानता था कि आप मेरी बात पर विश्वास नहीं करंगे, इसलिए मैं कुछ गांव वालों को साथ - साथ लाया हूं। वे सभी बाहर खड़े हैं। यदि आपको मुझ पर विश्वास नहीं है, तो आप उन्हें दरबार में बुलाकर पूछ लीजिए। वे आपको सारी बात विस्तारपूर्वक बता दंगे।" 

राजा ने बाहर खड़े गांव वालों को दरबार में बुलवाया। एक गांव वाला बोला - "महाराज! मंत्री द्वारा बनाए गए सभी कुएं समाप्त हो गए हैं, आप स्वयं देख सकते हैं।" 

राजा ने उनकी बात मान ली और मंत्री, तेनालीराम, कुछ दरबारियों तथा गांव वालों के साथ कुओं का निरीक्षण करने के लिए चल दिए। पूरे नगर का निरीक्षण करने के पश्चात उन्होंने पाया कि राजधानी के आस-पास के अन्य स्थानों तथा गांवों में कोई कुआं नहीं है।

राजा को यह पता लगते देख मंत्री घबरा गया। वास्तव में उसने कुछ कुओं को ही बनाने का आदेश दिया था। बचा हुआ धन उसने अपनी सुख-सुविधाओं पर व्यय कर दिया। अब तक राजा भी तेनालीराम की बात का अर्थ समझ चुके थे। वे मंत्री पर क्रोधित होने लगे, तभी तेनालीराम बीच में बोल पड़े - महाराज! इसमें इनका कोई दोष नहीं है। वास्तव में वे जादुई कुएं थे, जो बनने के कुछ दिन बाद ही हवा में समाप्त हो गए। अपनी बात समाप्त कर तेनालीराम मंत्री की ओर देखने लगे। 

मंत्री ने अपना सिर शर्म से झुका लिया। राजा ने मंत्री को बहुत डांटा तथा उसे सौ और कुएं बनवाने का आदेश दिया। इस कार्य की सारी जिम्मेदारी तेनालीराम को सौंपी गई।

English Translate

Jadui kuwen (magic well)

The summer season was about to start. King Krishnadeva Raya ordered his minister to build several wells in the state. The king wanted the wells to be ready by themselves before the onset of summer so that people do not face the problem of water in summer.

जादुई कुएं || Jadui kuwen ||

The minister took a lot of money from the royal treasury for this work. Soon many wells were dug in the city as per the orders of the king. After the completion of the work, one day the king visited the city and inspected some wells himself.

He was satisfied to see his order being fulfilled. One day in the summer, some villagers from outside the city approached Tenaliram, all of them with complaints against the minister. Tenaliram listened to his complaint and told him the way to get justice.

Tenaliram met the king the next day and said - "Maharaj! I have received information about the presence of some thieves in Vijayanagara. They are stealing our wells.

To this the king said - "What are you talking about, Tenali! How can a thief steal a well?"

Tenaliram said - "Your Majesty! This thing is definitely surprising, but it is true. Those thieves have stolen many wells so far. Tenaliram said very naively."

Hearing Tenaliram's words, all the courtiers present in the court started laughing. Maharaj said - "Tenaliram! You are fine. What kind of deceitful talk are you talking about today? No one can believe your words."

Tenaliram said - "Maharaj! I knew that you would not believe me, so I have brought some villagers together. They are all standing outside. If you do not believe in me, you can invite them to the court." Ask. They will tell you everything in detail."

The king called the villagers standing outside to the court. A villager said - "Maharaj! All the wells made by the minister are exhausted, you can see for yourself."

The king agreed to them and the minister, Tenaliram, accompanied by some courtiers and villagers went to inspect the wells. After inspecting the whole city, he found that there is no well in other places and villages around the capital.

Seeing the king knowing this, the minister was terrified. In fact, he had ordered only a few wells to be built. He spent the remaining money on his comforts. By now even the king had understood the meaning of Tenaliram's words. He started getting angry at the minister, when Tenaliram interrupted and said - Maharaj! It's not their fault in this. In fact they were magic wells, which ended up in the air only a few days after they were built. Ending his talk, Tenaliram started looking at the minister.

The minister bowed his head in shame. The king scolded the minister a lot and ordered him to build a hundred more wells. All the responsibility of this work was entrusted to Tenaliram.

16 comments:

  1. सचमुच बेहतरीन

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  2. अच्छी कहानी

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  3. very good stories that teach us something

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  4. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌👌

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  5. Very nice story

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  6. अच्छी कहानी

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  7. The story theme is quite nice and I think similar instances and stories you may hear and come across in a few known States of India ,too , that many Govt.schemes were implemented by their concerned Minister in Paper only ND whole money 💰 was used for themselves !! 😥 So it could be true to its Core,that is why ,this hv been characterized thru." Tenaliram "
    Let's enjoy Indian ethics ..🤣😀👏

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  8. I hope my above comment is taken lightly by our all readers for entertainment only.
    Awasthi..🙏🌹🇮🇳✍...

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  9. Awasthi ji, you have commented on this story of Tenaliram, but it is surely a true fact..🙏💐🌷🍁

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  10. बात तो सही है, वर्तमान परिवेश में भी ऐसा ही है। कहानी के माध्यम् से एक अच्छा संदेश

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  11. Nice story

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