पलाश || Butea gum ||

पलाश (Butea gum)

पलाश वसंत ऋतु में खिलने वाला एक फूल है, जो तीन रंगों में होता है - सफेद, पीला और लाल- नारंगी। आयुर्वेद में पलाश के पेड़ को बहुत ही अहम स्थान दिया गया है, क्योंकि पलाश के बहुगुणी होने के कारण इसको कई तरह की बीमारियों के लिए औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में पलाश के जड़, बीज, तना, फूल और फल का उपयोग किया जाता है। पलाश में बहुत सारे पोषक तत्व हैं जो उसको अमूल्य बना देते हैं।

पलाश || Butea gum ||

पलाश क्या है?

पलाश का पेड़ टेढ़ा - मेढ़ा 12 से 15 मीटर ऊंचा, मध्यम आकार का वृक्ष होता है। इसके पत्ते बृहत् त्री- पत्रक युक्त तथा स्पष्ट सिरा युक्त होते हैं। इसके पत्तों का प्रयोग दोना तथा पत्तल बनाने के लिए किया जाता है। ग्रीष्म ऋतु में इसकी त्वचा को छत करने पर एक रस निकलता है, जो लाल रंग का होता है तथा सूखने पर कृष्णा रक्त वर्ण युक्त, भंगुर तथा चमकदार होता है। 

जानते हैं पलाश के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

पलाश के फूल प्यास को कम करने वाला, कफपित्त कम करने वाला, उत्तेजना बढ़ाने वाला, डायबिटीज नियंत्रित करने में मदद करता है। पलाश की जड़ की छाल दर्द निवारक और अर्श या बवासीर तथा व्रण या अल्सर में फायदेमंद होता है। पलाश का प्रमुख रूप से उपयोग अर्श या पाइल्स, अतिसार, रक्तपित्त, डायबिटीज आदि रोगों में किया जाता है।

मोतियाबिंद होने पर

उम्र बढ़ने के साथ-साथ मोतियाबिंद की समस्या ज्यादातर लोगों में हो जाती है। पलाश की ताजी जड़ों का अर्क निकाल कर एक एक बूंद आंखों में डालने से मोतियाबिंद, रतौंधी इत्यादि सब प्रकार के आंख के रोगों में आराम मिलता है।

नाक से खून बहना

आम भाषा में नाक से खून बहने को हम लोग विनाश फूटना या नकसीर कहते हैं, जो ज्यादा गर्मी, ज्यादा ठंड या किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के कारण हो सकती है। ऐसे में रात भर 100 मिलीलीटर ठंडे पानी में भीगे हुए 5 से 7 पलाश के फूल को छानकर सुबह थोड़ी मिश्री मिलाकर पीने से नकसीर बंद हो जाती है।

गलगंड या घेंघा की समस्या 

पलाश के जड़ को घिसकर कान के नीचे लेप करने से गलगंड में लाभ होता है।

पलाश || Butea gum ||

भूख ना लगने की समस्या

पलाश की ताजी जड़ का रस निकालकर अर्क की 4 से 5 बूंदे पान के पत्ते में रखकर खाने से भूख बढ़ती है।

पेट दर्द होने पर 

पलाश की छाल और शुंठी का काढ़ा या पलाश के पत्ते का काढ़ा बनाकर 30 से 40 मिलीलीटर मात्रा में दिन में दो बार पिलाने से लाभ होता है।

पेट में कीड़े होने पर

अक्सर छोटे बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते हैं, जिसकी वजह से पेट दर्द की समस्या होती है। ऐसे में एक चम्मच पलाश के बीज के चूर्ण को दिन में दो बार खाने से पेट के सब कीड़े मरकर बाहर निकल जाते हैं।

दस्त की समस्या

एक चम्मच पलाश के बीज के काढ़े में एक चम्मच बकरी का दूध मिलाकर खाना खाने के बाद दिन में तीन बार सेवन करने से अतिसार या दस्त में लाभ होता है।

खूनी बवासीर

  • 1 से 2 ग्राम पलाश के पंचांग की भस्म को गुनगुने घी के साथ पिलाने से खूनी बवासीर या रक्तार्श में बहुत लाभ होता है। इसके कुछ दिन तक लगातार सेवन से मस्से सूख जाते हैं।
  • पलाश के पत्तों में जी की छाप लगाकर दही की मलाई के साथ सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।

मूत्र संबंधी समस्या

पलाश के फूलों को उबालकर पीसकर सुखाकर पेड़ू पर बांधने से मूत्रकृच्छ तथा सुजन में लाभकारी होता है।

20 ग्राम पलाश के फूलों को रात भर 200 मिलीलीटर ठंडे पानी में भिगोकर सुबह थोड़ी मिश्री मिलाकर पिलाने से गुर्दे का दर्द तथा मूत्र के साथ रक्त आने की समस्या में लाभ होता है।

मधुमेह की समस्या

पलाश की कोपलों को छाया में सुखाकर कूट छानकर गुड़ मिलाकर 9 ग्राम की मात्रा में सुबह सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है।

जोड़ों के दर्द में

पलाश के बीजों को महीन पीसकर मधु के साथ मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लेप करने से अर्थराइटिस से होने वाले दर्द में लाभ होता है।

घाव ठीक करने में

अगर घाव सूख नहीं रहा है, तो पलाश के गोंद के चूर्ण को घाव पर छिड़कने से वह जल्दी ठीक हो जाता है।

दाद की समस्या

पलाश के बीजों को नींबू के रस के साथ पीसकर दाद पर लगाने से दाद और खुजली में आराम मिलता है।

सूजन कम करने से में 

शरीर के किसी भी अंग में सूजन होने पर ठंडे जल में पीसे हुए पलाश के बीजों को लेप लगाने से सूजन कम होता है।

विभिन्न भाषाओं में पलाश के नाम

Sanskrit –    पलाश, किंशुक, पर्ण, रक्तपुष्पक, क्षारश्रेष्ठ, वाततोय, ब्रह्मवृक्ष;
Hindi-        ढाक, पलाश, परास, टेसु;   
Urdu-        पलाश पापरा (Palas-papra);
Odia-        पोलासो (Polaso);
Kannada–मोदुगु (Modugu), मुथुगा (Muthuga);
Gujrati-    खाखड़ा (Khakda);
Tamil-    पलासु (Palasu);
Telugu–    मोडूगा (Moduga);
Bengali-    पलाश गाछ (Palash gach);
Nepali-     पलासी (Palasi);
Marathi-    पलस (Palas);
Malayalam–किमशुकम (Kimshukam), पलासी (Palasi)।
English-        Bastard teak, Bengal kino, Butea gum
Persian-        पलाह (Palah)

पलाश के नुकसान (side effects of Palash )

पलाश के बीजों में गर्भनिरोधक गुण होता है। 
पलाश का सेवन  किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में ही करें।

English Translate

Palash (Butea gum)

Palash is a flower that blooms in spring, which comes in three colors - white, yellow and red-orange. Palash tree has been given a very important place in Ayurveda, because due to the multiplicity of Palash, it is used as a medicine for many diseases. The root, seed, stem, flower and fruit of Palash are used in Ayurveda. Palash has many nutrients which make it invaluable.

What is Palash?

Palash tree is crooked - rammed 12 to 15 meters high, medium sized tree. Its leaves are broad-leafed and have clear ends. Its leaves are used to make dona and pattal. In summer, a juice comes out on the roof of its skin, which is red in color and on drying, it is brittle and shiny, with Krishna's blood color.

Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of Palash

Palash flowers reduce thirst, reduce phlegm, increase excitement, help in controlling diabetes. The bark of the root of Palash is a pain reliever and beneficial in Arsh or piles and ulcer or ulcer. Palash is mainly used in diseases like Arsha or Piles, Diarrhoea, Blood Pitta, Diabetes etc.

पलाश || Butea gum ||

having glaucoma

With increasing age, the problem of cataract occurs in most of the people. Extracting the extract of fresh roots of Palash and putting one drop in the eyes provides relief in all types of eye diseases like cataract, night blindness etc.

nose bleeding

In common language, we call nose bleeding or nose bleeding, which can be due to excessive heat, extreme cold or as a side effect of some disease. In such a situation, after filtering 5 to 7 flowers of Palash soaked in 100 ml cold water overnight, mix some sugar candy in the morning, it stops nosebleeds.

goiter or goiter problem

Rubbing the root of Palash and applying it under the ear is beneficial in goiter.

loss of appetite

Taking out the juice of the fresh root of Palash and keeping 4-5 drops of the extract in a betel leaf increases appetite.

having abdominal pain

Make a decoction of Palash bark and shunthi or take a decoction of Palash leaves and take 30 to 40 ml twice a day, it is beneficial.

worms in stomach

Often small children get worms in the stomach, due to which there is a problem of stomach pain. In such a situation, eating one spoonful of Palash seed powder twice a day kills all the worms in the stomach and comes out.

पलाश || Butea gum ||

diarrhea problem

Mixing a spoonful of goat's milk in a decoction of one spoon of Palash seeds and taking it thrice a day after meals is beneficial in diarrhea or diarrhea.

bloody hemorrhoids

  • Taking 1 to 2 grams of Palash's Panchang Bhasma with lukewarm ghee is very beneficial in bloody piles or blood-starch. Its continuous consumption for a few days dries up the warts.
  • Putting the imprint of G in the leaves of Palash and taking it with cream of curd is beneficial in piles.

urinary problems

  • Boiling the flowers of Palash, grinding them dry and tying them on the pedu is beneficial in urinary tract and bloating.
  • Soak 20 grams flowers of Palash in 200 ml cold water overnight and take it after mixing some sugar candy in the morning, it provides relief in kidney pain and the problem of blood coming with urine.

diabetes problem

After drying the kopals of Palash in the shade, after filtering the powder, mixing jaggery and taking 9 grams in the morning, it is beneficial in diabetes.

in joint pain

Grind the seeds of Palash and mix it with honey and apply it on the painful area, it provides relief in the pain caused by arthritis.

पलाश || Butea gum ||

to heal wounds

If the wound is not drying, then by sprinkling the powder of Palash's gum on the wound, it heals quickly.

ringworm problem

Grind the seeds of Palash with lemon juice and apply it on ringworm, it provides relief in ringworm and itching.

by reducing inflammation

If there is swelling in any part of the body, applying paste of Palash seeds ground in cold water reduces swelling.

आज नवरात्रि का तीसरा दिन है

🙏माँ चंद्रघण्टा🙏
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी चंद्रघण्टा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
🙏🏻मंत्र
ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
🙏🏻प्रार्थना
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
🙏🏻स्तुति
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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22 comments:

  1. पलाश के पत्तों से बने दोने पत्तल में खाने का अपना अलग ही मजा है। शुद्धता के साथ खाने का स्वाद भी बढ़ जाता है।
    अच्छा आलेख।

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  2. पलाश के फूल के बारे में कुछ भी पता नहीं था.. आज विस्तृत जानकारी मिली..
    अच्छा पोस्ट 👍👍

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  3. बढ़िया जानकारी 👍

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  4. Very important information ☺️🙏🏻

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  5. अच्छी और उपयोगी जानकारी

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  6. प्लास अनेक औषधीय गुणों वाला पौधा है।इसका फूल अनेक रंगों में वसंत ऋतु में खिलते हैं।

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  7. अच्छी जानकारी

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  8. बहुत स्वास्थ्य वर्धक वह औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है जानकारी के लिए धन्यवाद जी।।

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  9. अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी।
    💯🙋‍♂️💐👏👍

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  10. This comment has been removed by the author.

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  11. Very informative post👍👍

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