कनेर Oleander/Kaner

कनेर (Oleander/Kaner)

कनेर से हम सभी अवगत हैं। इसका वृक्ष पूरे भारतवर्ष में मंदिरों, उद्यानों और घर के बगीचों में देखने को मिलते हैं। इसमें बहुत फूल लगते हैं, जिसकी वजह से लोग इसको भगवान की पूजा के लिए हर जगह लगाते हैं। कनेर का वृक्ष सालों भर फूलों से लगा रहता है। कनेर एक सदाबहार झाड़ी है। पूजा पाठ में उपयोग के लिए और इसकी सुंदरता के लिए तो सभी इसको जानते हैं, परंतु आज हम इसके औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे।

कनेर के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

कनेर क्या है?

कनेर 10 से 12 फुट तक ऊंचा झाड़ीनुमा पेड़ होता है, जिसका कांड छोटा, बहुसाखी और शाखाओं पर दोनों तरफ 3-3 के जोड़े में 6 से 9 इंच लंबे, नोकदार, 1 इंच चौड़े पत्ते लगते हैं। रंगभेद से इसकी 3 प्रजातियां पाई जाती हैं- लाल, श्वेत और पीला कनेर। सफेद और लाल कनेर के पत्ते रूखे, परंतु पीले कनेर के पत्ते बिल्कुल हरे, चिकने, चमकीले और कुछ छोटे होते हैं। सफेद और पीला कनेर को देखकर जहां मन को शांति मिलती है, वहीं लाल (गुलाबी) कनेर को देखकर ऐसा भ्रम होता है कि मानो यह वसंत और सावन का मिलन हो।

जानते हैं कनेर के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

पीले कनेर का उपयोग कई रोगों के इलाज में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार हृदय रोग, बुखार, रक्त विकार आदि में पीला कनेर का उपयोग करने से लाभ मिलता है। शरीर के बाहरी रोग जैसे घाव, कुष्ठ रोग, सूजन में पीला कनेर फायदेमंद होता है। इसी तरह पेट से संबंधित परेशानी, मूत्र रोग आदि में भी पीला कनेर लाभ पहुंचाता है।

सिर दर्द होने पर

सफेद कनेर के पीले पत्तों को सुखाकर महीन पीस लें। सिर के जिस तरफ दर्द हो रहा हो उस तरफ से नाक में एक- दो बार सुघने से छींक आएगी और सिर दर्द ठीक हो जाएगा।

दांत दर्द में

सफेद कनेर की डाली से दातुन करने से हिलते हुए दांत मजबूत होते हैं तथा दांतों का दर्द भी ठीक होता है।

कनेर के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

हृदय में दर्द होने पर

100 से 200 मिलीग्राम पीले कनेर की जड़ की छाल को भोजन के बाद सेवन करने से हृदय में होने वाला दर्द ठीक होता है।

जोड़ों के दर्द में

  • पीले कनेर के पत्तों को पीसकर तेल में मिला लें। इस तेल को जोड़ों पर लगाने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।
  • पीले कनेर के 50 ग्राम ताजे फूलों को 100 मिलीलीटर मीठे तेल में पीस लें। इसे 1 हफ्ते तक रख दें। फिर 200 मिलीलीटर जैतून के तेल में मिलाकर लगाएं। इससे पीठ का दर्द, बदन दर्द दूर होता है।

दाद की समस्या

  • सफेद कनेर की जड़ की छाल को तेल में पकाकर छान लें। इसे लगाने से दाद और अन्य त्वचा विकारों में लाभ होता है।
  • कनेर के पत्तों से पकाए हुए तेल को लगाने से खुजली मिटती है।
  • पीले कनेर के पत्ते या फूलों को जैतून के तेल में मिलाकर मरहम बना लें। इसे लगाने से हर प्रकार की खुजली में लाभ होता है।

चर्म रोग में

  • पीले कनेर के पत्तों का काढ़ा बनाकर नहाने योग्य जल में मिला लें। नियमित रूप से कुछ दिन तक ऐसे पानी से स्नान करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
  • सफेद कनेर की छाल को पीसकर लेप करने से चर्म रोग में लाभ होता है।
  • पीले कनेर की जड़ से पकाए हुए तेल को लगाने से चर्म रोग में लाभ होता है।
कनेर के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

चेहरे की कांति बढ़ाने के लिए

सफेद कनेर के फूलों को पीसकर चेहरे पर मलने से चेहरे की कांति बढ़ती है।

कीड़े मकोड़ों के काटने पर

किसी कीड़े मकोड़े के काटने पर कनेर के पत्तों को तेल में पका लें। इससे मालिश करने से आराम मिलता है तथा संक्रमण वाले कीड़े या जीव शरीर पर नहीं बैठते हैं।

घाव होने पर

कनेर के पत्तों को पीसकर तेल में पका लें। इसे छानकर तेल को घाव पर लगाएं। इससे घाव में लगे कीड़े खत्म होते हैं तथा घाव ठीक होता है।

अफीम की आदत छुड़ाने के लिए

50 मिलीग्राम कनेर की जड़ के महीन चूर्ण को दूध के साथ कुछ हफ्ते तक दिन में दो बार खिलाते रहने से अफीम की आदत छूट जाती है।

सांप काटने पर

सांप के काटने पर कनेर के पत्ते को 125 से 250 मिलीग्राम की मात्रा में या एक से दो की संख्या में थोड़े थोड़े अंतर पर देते रहने से उल्टी होकर सांप का विष उतर जाता है।

कनेर के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

विभिन्न भाषाओं में कनेर का नाम (Kaner name in different languages)

पीले कनेर का वानस्पतिक नाम  Thevetia peruviana (Pers.) Schum. (थिवेटिआ पेरूवियाना) है और यह Apocynaceae (ऐपोसाइनेसी) कुल का है। पीला कनेर को देश-विदेश में इन नामों से भी जाना जाता हैः-

Hindi-        पीला कनेर 
Sanskrit-    पीत करवीर, दिव्य-फूल 
English –   Yellow Oleander, Exile tree, Lucky nut tree
Oriya-        कोनयार फूल (Konyar phul) 
Kannada-   कडुकासी   (Kadukasi) 
Gujarati-    पीला कनेर (Pili kaner) 
Telugu-      पच्चागन्नेरु (Pachchaganeru) 
Tamil-       पचैयलरि (Pachaiyalari) 
Bengali-    कोकलाफूल (Koklaphul), कोकीलफूल (Kokilphul), कलके फूल (Kalke phul)
Nepali-      पीलो कनेर (Pelo kaner) 
Marathi–    पिंवलकण्हेर (Pivalakanher) 
Malayalam-पच्चारली (Pachchaarali)

कनेर के नुकसान (Side Effects of Oleander)

कनेर के फूल का अधिक मात्रा में उपयोग करने से यह नुकसान करता है .

इसके अत्यधिक सेवन से उल्टी, पेट दर्द, बेचैनी, दस्त, एनीमिया, अवसाद तथा हृदय से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। अतः इसका उपयोग किसी आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में करें।

English Translate

Oleander/Kaner

We are all aware of Kaner. Its tree is found in temples, gardens and home gardens all over India. There are many flowers in it, due to which people plant it everywhere for the worship of God. The Kaner tree is covered with flowers throughout the year. Kaner is an evergreen shrub. Everyone knows it for its use in worship and for its beauty, but today we will discuss its medicinal properties.

कनेर के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

What is Kaner?

Kaner is a 10 to 12 ft tall bushy tree, whose trunk is small, multi-branched and 6 to 9 inches long, pointed, 1 inch wide leaves are produced in pairs of 3-3 on both sides on the branches. Apart from this, 3 species are found - Red, White and Yellow Kaner. White and red Kaner leaves are dry, but yellow Kaner leaves are completely green, smooth, shiny and somewhat small. Seeing white and yellow Kaner gives peace to the mind, while seeing red (pink) Kaner gives such an illusion that it is the meeting of spring and Sawan.

Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of Kaner

Yellow canner is used in the treatment of many diseases. According to Ayurveda, using Yellow Kaner is beneficial in heart disease, fever, blood disorders etc. Yellow Kaner is beneficial in external diseases of the body like wounds, leprosy, swelling. Similarly, yellow canner is beneficial in stomach related problems, urinary diseases etc.

having a headache

Dry the yellow leaves of white caner and grind them finely. Sniffing one or two times in the nose from that side of the head, which is causing pain, will lead to sneezing and headache will be cured.

in toothache

Teeth are strengthened by brushing with a white caner branch and toothache is also cured.

having pain in the heart

Taking 100 to 200 mg bark of the root of yellow caner after meals is useful to end pain in the heart.

in joint pain

  • Grind yellow caner leaves and mix them in oil. Joint pain is cured by applying this oil on the joints.
  • Grind 50 grams fresh flowers of yellow canner in 100 ml sweet oil. Keep it for 1 week. Then mix it in 200 ml olive oil and apply. It cures back pain, body pain.

ringworm problem

  • Cook the bark of white caner root in oil and filter it. Its application is beneficial in ringworm and other skin disorders.
  • Applying oil cooked from caner leaves ends itching.
  • Make an ointment by mixing yellow caner leaves or flowers in olive oil. All types of itching are beneficial by applying it.

in skin diseases

  • Make a decoction of yellow caner leaves and mix it in bathing water. Taking bath with such water regularly for a few days is beneficial in leprosy.
  • Grinding the bark of white caner and applying it is beneficial in skin diseases.
  • Applying oil cooked from the root of yellow canner is beneficial in skin diseases.

to enhance the glow of the face

Grinding the flowers of white caner and rubbing it on the face increases the radiance of the face.

on insect bites

Cook the Kaner leaves in oil on the bite of an insect. Massaging with this provides relief and the infected insects or organisms do not sit on the body.

in case of wound

Grind the Kaner leaves and cook them in oil. Filter it and apply the oil on the wound. This kills the worms in the wound and heals the wound.

To break the habit of opium

Feeding 50 mg fine powder of Kaner root with milk twice a day for a few weeks breaks the habit of opium.

snake bite

In the case of snake bite, giving kaner leaves in the amount of 125 to 250 mg or one to two at a small difference in number, causes vomiting of snake venom.

Side Effects of Oleander

By using excessive amount of Kaner flower, it does harm.

Its excessive consumption can cause vomiting, abdominal pain, restlessness, diarrhoea, anemia, depression and heart-related diseases. Therefore, use it under the supervision of an Ayurvedacharya.

कनेर के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

15 comments:

  1. Very good information...👌👌👍

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  2. A quite useful knowledge imparted by you. We all are enjoying the same.

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  3. आज कनेर के औषधीय गुणों से अवगत हुआ, अच्छी और उपयोगी जानकारी

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  4. अच्छी जानकारी

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  5. अरे वाह...सही बात है, ज्यादातर चीजें हमारे आस पास होती हैं और हम उससे अनजान होते हैं। बहुत बढ़िया जानकारी।

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  6. उम्दा जानकारी

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  7. Beautiful colorful flowers and great medicinal use.

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  8. पीला कनेर सर्व सुलभ तथा अनेक औषधीय गुणों से युक्त होता है।जबकि लाल तथा सफेद कनेर सर्व सुलभ नहीं होता है।

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