गुड़हल / Gudhal / Hibiscus

गुड़हल (Gudhal)

गुलाब के फूलों की तरह विविध रंगों में उपलब्ध गुड़हल (Hibiscus) के फूल का वृक्ष अपने आकर्षक रंगों नैसर्गिक सौंदर्य तथा अत्यंत लुभावनी घंटाकार आकार के कारण उद्यानों में, घरों में, गमलों में और मंदिरों में लगाए जाते हैं। पुष्प इकहरा, दोहरा, तिहरा, लाल, श्वेत या श्वेत लाल, बैगनी, पीला, नारंगी इत्यादि कई रंगों का होता है। श्वेत तथा श्वेत लाल रंग के पुष्प वाला गुड़हल (Hibiscus) विशेष गुणकारी होता है। इसकी केसर बाहर निकली हुई अलग से दिखलाई पड़ती है। इसमें अलग से कोई फल नहीं लगता है।

गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

गुड़हल (Hibiscus) क्या है?

गुड़हल का पौधा सदाबहार होता है। गुड़हल के फूल घंटाकार होते हैं। इसे बाग, बगीचे, घर और मंदिर में लगाया जाता है।गुड़हल का पेड़ 5 से 9 फुट ऊंचा, पत्र, चमकीले चिकने गहरे हरे रंग के, कंगूरेदार तथा पुष्प बड़े घंटाकार होते हैं। इसकी कई प्रजातियां पाई जाती हैं।


जानते हैं गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

गुड़हल के पुष्प में लौह, फॉस्फोरस, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, थियामिन, नियासिन, विटामिन - सी अल्प मात्रा में होता है। इसके पत्तों में थोड़ी मात्रा में प्रोटीन भी पाया जाता है। यह कफ, पित्त शामक है तथा पैतृक विकारों में प्रयुक्त होता है।

स्मरण शक्ति बढ़ाने में

गुड़हल के फूलों और पत्तों को सुखाकर बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर शीशी में भर कर रख लें। एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम एक कप मीठे दूध के साथ नियमित रूप से सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

मुंह के छाले

गुड़हल की जड़ को साफ करके एक इंच के टुकड़ों में काटकर रख लें। दिन में तीन से चार बार एक-एक टुकड़ा चबाकर लार थूकते जाएं। एक-दो दिन में ही छालों में आराम मिलता है।

खांसी और जुकाम की समस्या

  • गुड़हल के जड़ का क्वाथ खांसी में लाभकारी होता है।
  • खांसी और जुकाम होने पर 15 मिलीलीटर गुलाल की जड़ का रस निकाल कर दिन में 4 बार सेवन करने से खांसी और जुकाम में लाभ मिलता है।
  • गुड़हल की जड़ का काढ़ा बनाकर 10 से 30 मिलीलीटर की मात्रा में शहद मिलाकर पीने से खांसी में लाभ होता है। 

सूजन और दर्द में

गुड़हल के पत्तों को पानी में पीसकर बनाया हुआ गाढ़ा लेप सूजन पर लगाने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है।

गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

बालों को बढ़ाने में

  • गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बना लें इसे बालों में लगाएं 2 घंटे बाद बालों को धो कर साफ कर लें इस प्रयोग को नियमित रूप से करने से बालों को पोषण मिलता है और फिर भी ठंडा रहता है।
  • गुड़हल के ताजे फूलों के रस में बराबर मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर आग पर पकाने जब तेल शेष रह जाए तो शीशी में भरकर रख लें प्रतिदिन बालों में माल बालों की जड़ों में मालिश करने से बाल चमकीले और लंबे होते हैं।

रूसी की समस्या

गुड़हल के फूल के रस में बराबर मात्रा में तिल का तेल मिला लें। इसको तब तक उबालें जब तक कि तेल बाकी रह जाए। तेल बाकी रहने पर उतारकर छानकर शीशी में भर लें। इस तेल को लगाने से रूसी खत्म हो जाती है।

गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

गंजेपन की समस्या

देसी गाय के मूत्र में गुड़हल के फूलों को पीसकर सिर में लगाने से बाल बढ़ते हैं इससे गंजापन दूर होता है।

नींद ना आने की समस्या

गुड़हल के 100 फूल लें। हरे डंठल को तोड़कर पंखुड़ियों को नींबू के रस में भिगो लें। इसे कांच के बर्तन में रात भर किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह इसे मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी तथा एक बोतल गुलाब जल मिला लें। इसे 2 बोतलों में बंद कर धूप में 2 दिन तक रखें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। जब मिश्री अच्छी तरह घुल जाए, तो इस शरबत को 15 से 40 मिलीलीटर की मात्रा में पीते रहने से नींद ना आने की परेशानी में लाभ होता है।

गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

ल्यूकोरिया की समस्या

गुड़हल की 4-5 कलियों को घी में तलकर सुबह - शाम 7 दिन तक मिश्री के साथ खाएं तथा गाय का दूध पीने से ल्यूकोरिया में लाभ होता है।

एनीमिया (खून की कमी)

एक चम्मच गुड़हल के फूल के चूर्ण को एक कप दूध के साथ सुबह-शाम नियमित रूप से कुछ माह तक सेवन करने से खून की कमी दूर होती है तथा शरीर में शक्ति मिलती है।

पेट दर्द में

5 से 10 मिलीलीटर गुड़हल के पत्तों के रस का सेवन करने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।

सिर दर्द में

गुड़हल के फूल की पंखुड़ियां लें। इसे नींबू के रस में भिगोकर कांच के बर्तन में रात भर के लिए किसी खुले स्थान पर रख दें। सुबह मसलकर छान लें। इसमें 650 ग्राम मिश्री या चीनी मिलाकर तथा एक बोतल गुलाब जल मिलाकर दो बोतलों में बंद कर धूप में 2 दिन तक रख दें। इस दौरान बोतल को हिलाते रहें। मिश्री अच्छी तरह घुल जाने पर शरबत को 15 से 40 मिलीलीटर तक की मात्रा में पीते रहने से सिर दर्द में आराम मिलता है।

गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

बुखार में

  • 10 से 20 मिलीलीटर गुड़हल की जड़ और पत्ते का काढ़ा बनाकर सेवन करने से बुखार ठीक होता है।
  • इसी तरह 5 से 10 ग्राम गुड़हल के फूल के पेस्ट में चीनी मिलाकर सेवन करने से भी बुखार उतर जाता है।

दस्त रोकने के लिए

5 से 10 मिलीलीटर गुड़हल के पत्ते के रस का सेवन करने से दस्त रुक जाती है।

बवासीर की समस्या

गुड़हल के कलियों को घी में तल लें। इसमें मिश्री और नागकेसर मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से पेचिश और बवासीर में लाभ होता है।

सफेद दाग होने पर

सफेद दाग के इलाज के लिए अड़हुल के चार फूलों को सुबह-शाम 2 वर्ष तक नियमित रूप से सेवन करने से लाभ होता है।

गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

विभिन्न भाषाओँ में गुड़हल का नाम

गुड़हल का वानस्पतिक नाम हिबिस्कस रोजा-सायनेन्सिस (Hibiscus rosa-sinensis Linn., Syn-Hibiscus festalis Salisb. है, और यह मालवेसी (Malvaceae) कुल से है। अड़हुल के अन्य नाम ये भी हैंः-

Hindi –     जवा, ओड्रहुल, अढ़ौल, गुड़हल, जवाकुसुम, अड़हुल
English – Shoe Flower, Rose mallow, Rose of china, Garden hibiscus, China rose
Sanskrit – औड्रफूल, जपा, अरुण, प्रतिका, अर्कप्रिया, हरिवल्लभ, त्रिसन्ध्या
Oriya –     मोनदरो (Mondaro), ओडोफूलो (Odophulo)
Kannada – दासणिगे (Dasnigae), दसवला (Dasavala)
Gujarati – जासुद (Jasud), जासूवा (Jasuva)
Telugu –     दासनी (Dasani), दासनमु (Dasanamu)
Tamil –     सेम्बारुट्टी (Sembarattai), सेवारट्टी (Sevarattai)
Bengali –     ओरु (Oru), जुबा (Joba)
Nepali –     जपा कुसुम (Japa kusum), गुड़हल (Gudahal)
Marathi –     जास्वन्द (Jasavanda), जासवन्दी (Jassvandi)
Malayalam – चेम्पारट्टी (Chemparatti), शेम्पारट्टी (Shemparatti)
Arabic –     अंघारे हिन्दी (AngharaeHindi)
Persian –     अंगारेहिन्दी (AngaraeHindi)
गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

गुड़हल से होने वाले नुकसान (Side Effects of Hibiscus)

  • अधिक मात्रा में सेवन से यह आंखों में कृमी उत्पन्न करता है। 
  • यह शीत प्रकृति वालों के लिए हानिकारक है। 
  • हानि निवारण : काली मिर्च व मिश्री का सेवन करना चाहिए। 

English Translate

Gudhal (Hibiscus)

Hibiscus flower tree, available in various colors like rose flowers, is planted in gardens, in homes, in pots and in temples due to its attractive colors, natural beauty and very breathtaking bell shape. Flowers are single, double, triple, red, white or white red, violet, yellow, orange etc. There are many colors. Hibiscus with white and white red flowers is very beneficial. Its saffron is visible separately coming out. It does not bear any fruit separately.

What is Hibiscus?

The hibiscus plant is evergreen. The flowers of hibiscus are bell shaped. It is planted in the garden, garden, house and temple. The hibiscus tree is 5 to 9 feet high, the leaves are bright, smooth, dark green, scalloped and the flowers are large bell-shaped. Many species are found in it.

Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of hibiscus

The flowers of hibiscus contain iron, phosphorus, calcium, riboflavin, thiamin, niacin, vitamin C in small amounts. A small amount of protein is also found in its leaves. It is a sedative of phlegm, pitta and is used in ancestral disorders.

to increase memory

Grind equal quantity of dried hibiscus flowers and leaves and fill it in the vial. Consuming one spoon in the morning and evening with a cup of sweet milk regularly increases memory power.

mouth ulcers

Clean the hibiscus root and cut it into one inch pieces. Chew one piece three to four times a day and spit saliva. The ulcers get relief in a day or two.

cough and cold problem

  • The extract of hibiscus root is beneficial in cough.
  • In case of cough and cold, extracting 15 ml juice of gulal root and taking it 4 times a day provides relief in cough and cold.
  • Make a decoction of hibiscus root and mix it with 10 to 30 ml honey and take, it provides relief in cough.

in swelling and pain

Applying a thick paste made by grinding hibiscus leaves in water, on the swelling, provides relief in swelling and pain.

गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

in hair growth

  • Make a pulp by grinding the leaves of hibiscus, apply it on the hair, wash and clean the hair after 2 hours.
  • Mixing equal quantity of olive oil in the juice of fresh flowers of hibiscus, cooking it on fire, when the oil remains, keep it in a vial and massage it into the hair roots every day, the hair becomes shiny and long.

Dandruff problem

Mix equal quantity of sesame oil in the juice of hibiscus flower. Boil it till the oil remains. When the oil remains, filter it and fill it in the vial. Dandruff ends by applying this oil.

baldness problem

Grinding hibiscus flowers in the urine of desi cow and applying it on the head increases hair, it ends baldness.

trouble sleeping

Take 100 hibiscus flowers. Break off the green stalk and soak the petals in lemon juice. Keep it in a glass vessel in an open place overnight. Sieve it in the morning. Add 650 grams of sugar candy or sugar and a bottle of rose water to it. Put it in 2 bottles and keep it in the sun for 2 days. In the meantime, keep shaking the bottle. When sugar candy dissolves well, then drinking this syrup in the amount of 15 to 40 ml is beneficial in the problem of sleeplessness.

the problem of leucorrhoea

Fry 4-5 buds of hibiscus in ghee and eat it with sugar candy for 7 days in the morning and evening and drinking cow's milk is beneficial in leucorrhoea.

Anemia (lack of b

Taking one spoonful of hibiscus flower powder with a cup of milk regularly for a few months in the morning and evening ends anemia and gives strength to the body.

in stomach pain

Taking 5 to 10 ml juice of hibiscus leaves provides relief in stomachache.

in headache

Take the petals of the hibiscus flower. Soak it in lemon juice and keep it in an open place for overnight in a glass vessel. Sieve it in the morning. Mix 650 grams of sugar candy or sugar in it and mix one bottle of rose water and put it in two bottles and keep it in the sun for 2 days. In the meantime, keep shaking the bottle. After the sugar candy dissolves well, drinking 15 to 40 ml of sherbet provides relief in headache.

in fever

  • Taking 10 to 20 ml decoction of hibiscus root and leaves ends fever.
  • Similarly, taking 5 to 10 grams of hibiscus flower paste mixed with sugar also reduces fever.

to stop diarrhea

Taking 5 to 10 ml juice of hibiscus leaves stops diarrhea.

piles problem

Fry the hibiscus buds in ghee. Mixing sugar candy and nagkesar in it and taking it in the morning and evening is beneficial in dysentery and piles.

having white spots

For the treatment of white spots, taking four flowers of rhubarb regularly for two years in the morning and evening is beneficial.

गुड़हल के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुण

14 comments:

  1. अच्छी जानकारी

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  2. विभिन्न औषधीय गुणों से युक्त गुड़हल को देवी फूल भी कहा जाता है।

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  3. गुड़हल का पौधा तो लगभग हर घर में दिखता है लेकिन इसके औषधीय गुण की जानकारी कम ही लोगों को होगी।
    अच्छी जानकारी

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  4. गुड़हल के बारे में बहुत अच्छी जानकारी।

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  5. अच्छी जानकारी 👌👌👌

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  6. हर घर में पाए जाने वाला सर्व सुलभ औषधीय पौधा...अच्छी जानकारी 👍👌

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  7. अच्छी जानकारी

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  8. I used to have this flower at home and in the garden. Is beautiful.

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