गोखरू (Gokhru)
गोखरू (Gokhru) को गोक्षुर (Gokshura) नाम से भी जाना जाता है। गोखरू एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो हमारे शरीर में वात, पित्त और कफ तीनों को नियंत्रित करने में सहायता करती है। गोखरू का प्रयोग सदियों से आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के रूप में किया जाता है। गोखरू का फल, पत्ता और तना आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
गोखरू क्या है?
गोखरू वर्षा ऋतु में जमीन पर फैलकर बढ़ने वाला शाखा प्रशाखा युक्त पौधा होता है। इसके तने 1.5 मीटर लंबे और जमीन पर फैले हुए होते हैं। पत्ते चने के पत्तों के समान, परंतु आकार में कुछ बड़े होते हैं। इसके फूल पीले, छोटे, चक्राकार, कांटों से युक्त तथा चमकीले होते हैं। इसके फल छोटे, गोल, चपटे, पांच कोण वाले, 2-6 कंटक युक्त व अनेक बिजी होते हैं। इसकी जड़ मुलायम, रेशेदार, 10 से 15 सेंटीमीटर लंबी, हलके भूरे रंग के एवं थोड़े सुगंधित होते हैं। गोखरू अगस्त से दिसंबर महीने में फलते फूलते हैं।
जानते हैं गोखरू के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
गोखरू के बहुत सारे गुण हैं। इन्हीं गुणों के कारण ही यह अनेक रोगों में औषधि के रूप में उपयोग में लाया जाता है। यह वात, पित्त, सूजन, दर्द को कम करने में सहायता करने के साथ-साथ रक्तपित्त से राहत दिलाता है। गोखरू कफ को दूर करने वाला, मूत्राशय संबंधी रोगों में भी लाभकारी, शक्तिवर्धक और स्वादिष्ट होता है।
सिर दर्द में
10 से 20 मिलीलीटर गोखरू के काढ़े को सुबह-शाम पिलाने से पित्त बढ़ने के कारण होने वाले सिर दर्द में आराम मिलता है।
दमा रोग में
- 2 ग्राम गोखरू फल के चूर्ण को 2 से 3 नग सूखे अंजीर के साथ दिन में 3 बार कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से दमा में लाभ होता है।
- गोखरू तथा अश्वगंधा को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना कर, दो चम्मच मधु के साथ दिन में 2 बार 250 मिली लीटर दूध के साथ सेवन करने से सांस संबंधी समस्या एवं कमजोरी में लाभ होता है।
मजबूत पाचनशक्ति के लिए
गोखरू के 30 से 40 मिलीलीटर काढ़े में 5 ग्राम पीपल के चूर्ण को मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है।
दस्त रोकने में
अगर मसालेदार खाना खाने के बाद दस्त हो रहा है, तो गोखरू के 500 मिलीग्राम चूर्ण को मट्ठे के साथ दिन में 2 बार खिलाने से अतिसार और आम अतिसार में लाभ होता है।
गर्भाशय के दर्द में
अगर किसी कारण गर्भाशय में दर्द हो रहा है, तो गोखरू के 5 ग्राम फल, 5 ग्राम काली किशमिश और 2 ग्राम मुलेठी को मिलाकर पीसकर सुबह-शाम सेवन करने से राहत मिलता है।
जोड़ों के दर्द में
बढ़ती उम्र के साथ यदि जोड़ों में दर्द की परेशानी है, तो गोखरू फल में समान भाग सोंठ मिलाकर काढ़ा बनाकर सुबह एवं रात में सेवन करने से कमर दर्द एवं जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है।
त्वचा के रोग
गोखरू फल को पानी में पीसकर त्वचा पर लेप करने से खुजली, दाद आदि त्वचा संबंधी रोगों में लाभ होता है।
बुखार होने पर
अगर मौसम के बदलने के साथ-साथ बार-बार बुखार आता है, तो गोखरू का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। 15 ग्राम गोखरू पंचांग को 250 मिलीलीटर जल में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को रोगी को चार बार पिलाने से ज्वर के लक्षणों में राहत मिलती है।
रक्तपित्त (कान- नाक से खून बहना) की समस्या
यदि कोई व्यक्ति रक्तपित्त के समस्या से पीड़ित है, तो गोखरू के 10 ग्राम को 250 मिली लीटर दूध में उबालकर पिलाने से रक्त पित्त में लाभ होता है।
गोखरू के नुकसान (Side Effects of Gokhru)
- गर्भावस्था एवं शिशु को स्तनपान कराने के दौरान इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या होने पर किसी भी आयुर्वेद आयुर्वेदाचार्य के देखरेख में ही इसका सेवन करें।
- इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पीलिया एवं गुर्दों के विकार हो सकते हैं थोड़ी सी मात्रा में ही करनी चाहिए।
- अधिक मात्रा में सेवन से पाचन शक्ति वाली धरा पर भी दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
- मासिक धर्म चक्र पर भी प्रभाव डाल सकता है।
- इसीलिए गोखरू का उपयोग सावधानी से और डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
अन्य भाषाओं में गोखरू के नाम (Gokhru in Other Languages)
Hindi –गोखरू, छोटा गोखरू, हाथीचिकार;
Oriya –गाखुरा (Gokhura), गोक्षरा (Gokshra);
Urdu –गोखरू (Gokharu);
Kannada –नेग्गिलुमुल्लु (Negillumullu), नेरूंजी (Nerunji);
Gujrati –बेटागोखरू (Betagokharu), नहानगोखरू (Nahanagokharu);
Tamil –नेरिंजिल (Nerinjil), नेरींजीकाई (Nerinjeekai);
Telugu –पाल्लैरु (Palleru), चिरूपाल्लैरू (Chirupalleru), चिरूपल्लेख (Cherupallekh);
Bengali –गोखरू (Gokharu), गोखुरी (Gokhuri);
Punjabi –बखरा (Bakhra), लोटक (Lotak), भखर (Bhakhar);
Marathi –शराट्टे (Sharatte), काटे गोखरू (Kate gokharu), लहानगोखरू (Lahangokharu), सरला ज्ञरोत्ते (Sarla gyarote);
Malayalam –नेरिंजिल (Neringil)।
English –डेविल्स् थोर्न (Devil’s thorn), गोट हैड (Goat head), पंक्चर वाईन (Puncture vine), स्मॉल कैल्ट्रॉप्स (Small caltrops);
Arbi –बास्तीताज (Bastitaj), खसक (Khasak), मसक (Masak);
Persian –खारेखसक (Khare khasak)।
Gokhru
Gokhru is also known as Gokshura. Buckwheat is one such herb, which helps in controlling all the three in our body Vata, Pitta and Kapha. Buckwheat has been used for centuries as an Ayurvedic herb. Buckwheat fruit, leaves and stem are used as medicine in Ayurveda.
What is bunion?
Buckwheat is a branchy plant growing on the ground in the rainy season. Its stems are 1.5 m long and spread on the ground. Leaves are similar to gram leaves, but slightly larger in size. Its flowers are yellow, small, ringed, thorny and shiny. Its fruits are small, round, flat, five-angled, with 2-6 thorns and many busy. Its root is soft, fibrous, 10 to 15 cm long, light brown in color and slightly fragrant. Buckwheat flowers in the months of August to December.
Know about the advantages, disadvantages, uses and medicinal properties of Gokhru
Buckwheat has many properties. Due to these properties, it is used as a medicine in many diseases. It helps in reducing Vata, Pitta, inflammation, pain as well as relieves blood Pitta. Buckwheat removes phlegm, is also beneficial in urinary diseases, is powerful and tasty.
in headache
Taking 10 to 20 ml decoction of bunion in the morning and evening provides relief in headache due to increase in bile.
in asthma
- Taking 2 grams powder of Gokhru fruit with 2 to 3 pieces of dried figs thrice a day for a few days provides relief in asthma.
- Make a powder by taking equal quantity of Gokhru and Ashwagandha and take two spoons of honey with 250 ml of milk twice a day, it provides relief in respiratory problems and weakness.
for strong digestion
Mixing 5 grams powder of peepal in 30-40 ml decoction of buckwheat and drinking it little by little increases the digestive power.
to stop diarrhea
If diarrhea is occurring after eating spicy food, then taking 500 mg powder of buckwheat with whey twice a day provides relief in diarrhea and general diarrhoea.
in uterine pain
If there is pain in the uterus due to any reason, then grinding together 5 grams fruit of bun, 5 grams black raisins and 2 grams liquorice and taking it twice a day provides relief.
in joint pain
If there is a problem of pain in the joints with increasing age, then making a decoction by mixing equal parts dry ginger in buckwheat fruit and consuming it in the morning and night provides relief from back pain and joint pain.
skin diseases
Grinding the fruit of bunion in water and applying it on the skin is beneficial in skin diseases like itching, ringworm etc.
having a fever
If the fever comes again and again along with the change of season, then the consumption of bunion is very beneficial. Make a decoction by boiling 15 grams of Gokhru Panchang in 250 ml water. Feeding this decoction four times to the patient provides relief in the symptoms of fever.
Bleeding problem
If a person is suffering from the problem of blood bile, then boiling 10 grams of bunion in 250 ml of milk and giving it, it is beneficial in blood bile.
यह वही तो नहीं जिसे बचपन में दूसरों के स्वेटर पर चिपका कर हंसा करते थे
ReplyDeleteनहीं,ये वो नहीं है, पर जल्द ही उसका पोस्ट भी ब्लॉग पर होगा।
DeleteNice knowledge
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteअनेक बीमारियों में उपयोगी गोखरू की पत्तियां, तने,फूल तथा फल अनेक औषधियों में प्रयोग होता है।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteVery nice information...
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteVery interesting information provided by you. We all are benefite.
ReplyDeleteइस शरीर को कितनी हानियाँ होती है
ReplyDeleteजितनी अंग्रेजी दवाई मैं इस्तेमाल करूं
आयुर्वेद में तो है कई सारी औषधियाँ
उनमें से एक बहुत ही फायदेमंद गोखरू
इसमें शामिल हैं कई सारे गुण-अवगुण
दूर करता गोखरू कई सारे दोष-दुर्गुण
हर रोग में आयुर्वेद का ही इस्तेमाल करो
अपने जीवन को और भी खुशहाल करो
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
कविता के माध्यम से अच्छा संदेश दिया आपने
DeleteGood knowledge
ReplyDeleteवात-पित्त-कफ-सूजन-दर्द
ReplyDeleteसबमें रहती है बड़ी हमदर्द
आयुर्वेद औषधि फायदेमंद
अंग्रेजी दवा तो हैं सिर दर्द
इस्तेमाल करो इसे रोज यदि
लाभकारी आयुर्वेद औषधि
आयुर्वेद के चमत्कार को तो
बीत गई है कई अनेक सदी
आयुर्वेदिक का यही है वादा
निरोग रहोगे पहले से ज्यादा
🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏
अच्छी प्रस्तुति नरेश जी👌
DeleteNice information
ReplyDeleteV useful
ReplyDeleteसर्दी जुकाम हो रहा है.. कोई इलाज बताओ.. 😅😛
ReplyDeleteसरसों के तेल में अजवाइन लहसुन पकाइए और दिन में दो बार रात को सोने के पहले दो दो बूंद नाक में और एक चम्मच मुंह में डाल के से जाइए।
DeleteVery Nice
ReplyDeleteGood information 👍
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