सबसे चमकीली चीज
एक बार बादशाह अकबर दरबार में बैठे-बैठे ऊब रहे थे। दरबार के सभी काम निपटाकर उनके दरबारी भी आराम की मुद्रा में बैठे थे ऐसे में बादशाह अकबर कोई ऐसी बात जरूर छेड़ देते थे, जिससे दरबार का माहौल खुशगवार हो गए। इसी इरादे से उन्होंने दरबारियों से एक प्रश्न किया, “वह कौन सी चीज है जो सबसे ज्यादा चमकीली है?” जिसकी समझ में जैसा आया, उसने वैसा ही उत्तर दिया।
किसी ने कहा कि दूध सबसे अधिक चमकीला होता है। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि रुई सबसे ज्यादा चमकीली होती है। सभी लोग अपनी-अपनी बुद्धि के अनुसार उत्तर दे रहे थे।
आश्चर्य की बात यह थी कि सबसे अधिक बुद्धिमान समझे जाने वाले बीरबल अभी तक चुपचाप अपनी जगह बैठे हुए तमाशा देख रहे थे। जब अकबर की नजर बीरबल पर पड़ी, तो उन्होंने उनसे पूछा,
“तुम्हारा क्या कहना है, बीरबल? सभी लोग अपनी अपनी बात कह रहे हैं, फिर तुम क्यों चुप हो?” “मेरे ख्याल से सूरज की रोशनी दूसरी सभी चीजों से कहीं ज्यादा चमकीली होती है।”
बीरबल ने उत्तर दिया। “क्या तुम अपनी बात साबित कर सकते हो?” बादशाह अकबर ने पूछा। “हाँ, मैं कर सकता हूँ।” बीरबल बोले। दूसरे दिन बीरबल ने अकबर को अपने घर रात भर ठहरने के लिए आमंत्रित किया।
अकबर बीरबल को अपने घर के सदस्य जैसा ही मानते थे, अत: उन्होंने बीरबल का यह निमंत्रण बेझिझक स्वीकार कर लिया और उनके यहाँ रहने चले गए। खाने के बाद बीरबल अकबर को शयनकक्ष में ले गए।
शयनकक्ष को शहंशाह के लिए खासतौर पर सजाया गया था। खुशबूदार इत्रों की वजह से कमरा इतना महक रहा था कि अकबर को तुरंत नींद आ गई।
सुबह जब वे उठे, तो उन्होंने पाया कि शयनकक्ष के सभी दरवाजे व खिड़कियाँ बंद थीं तथा वे घोर अंधकार में खड़े थे। वे अनुमान से द्वार की ओर बढ़े।
तभी उनका पैर किसी वस्तु से टकराया। परंतु अंधेरा होने के कारण वे उस वस्तु को देख नहीं पाए। मुश्किल से टटोलते हुए गिरते पड़ते वे दरवाजे तक पहुँच सके।
उन्होंने जब द्वार खोला तो सूर्य की किरणें कमरे में आने लगीं। उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो पाया कि वे एक दूध से भरे कटोरे से टकरा गए थे। पास ही कुछ रुई भी पड़ी थी। अकबर अभी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे थे कि तभी वहाँ बीरबल ने प्रवेश किया।
“यह सब क्या हो रहा है? कमरे के सारे दरवाजे और खिड़कियाँ किसने बंद कर दिए थे? अंदर इतना घना अंधेरा छा गया था कि हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था।
मुझे तो दरवाजे तक पहुँचना भी मुश्किल हो गया था। किसी तरह टटोल-टटोलकर दरवाजे तक आ सका।” बादशाह ने आश्चर्यपूर्वक पूछा। “जहांपनाह, दरवाजे और खिड़कियाँ मैंने बंद किए थे।” बीरबल ने उत्तर दिया।
बीरबल के इस उत्तर पर बादशाह को कुछ गुस्सा आ गया। उन्हें बीरबल से ऐसी आशा कदापि न थी। “इस हरकत की वजह?” उन्होंने अपना गुस्सा दबाने की कोशिश करते हुए पूछा।
“जहांपनाह, जब अंधेरा था, तब आप दूध और रुई के होते हुए भी कमरे में कुछ भी देखने में नाकामयाब रहे थे। आप तभी देख सके, जब सूरज की रोशनी अंदर आने लगी। अब आप ही बताइए कि सबसे ज्यादा चमकीली चीज कौन सी होती है?”
अकबर को यह समझते देर नहीं लगी कि बीरबल ने यह नाटक अपनी बात को सिद्ध करने के लिए ही किया है। “मैं तुम्हारी बात समझ गया, बीरबल, कि सूरज की रोशनी से ज्यादा चमकीली चीज दुनिया में दूसरी नहीं है।
परन्तु यह समझाने के लिए तुमने मुझे बहुत तकलीफ में डाल दिया था। आगे से अपनी बात साबित करने के लिए थोडा सरल रास्ता अपनाना, जिससे ऐसी दिक्कत न हो।” अकबर ने कहा। बीरबल ने मस्कराते हए हामी भर दी।
English Translate
The brightest thing
Once Emperor Akbar was bored sitting in the court. After dealing with all the affairs of the court, his courtiers were also sitting in a relaxed posture, in such a situation, Emperor Akbar used to tease such a thing, which made the atmosphere of the court happy. With this intention, he asked a question to the courtiers, "What is that thing which is the brightest?" To which he understood, he gave the same answer.
Someone said that milk is the brightest. At the same time some people said that cotton is the brightest. All the people were answering according to their intelligence.
The surprising thing was that Birbal, considered the most intelligent, was still watching the spectacle sitting quietly in his place. When Akbar looked at Birbal, he asked him,
"What do you say, Birbal?" Everybody is saying their own thing, then why are you silent? " "I think sunlight is brighter than all other things."
Birbal replied. "Can you prove your point?" Emperor Akbar asked. "Yes, I can." Birbal said. The next day Birbal invited Akbar to stay at his house overnight.
Akbar considered Birbal as a member of his household, so he hesitantly accepted Birbal's invitation and went to live with him. After eating Birbal took Akbar to the bedroom.
The bedroom was specially decorated for the emperor. The room was smelling so much because of the aromatic perfumes that Akbar immediately fell asleep.
When they woke up in the morning, they found that all the doors and windows of the bedroom were closed and they were standing in utter darkness. They proceeded towards the door with anticipation.
That is when his foot hit some object. But due to the darkness, they could not see the object. He was barely able to reach the door.
When he opened the door, the rays of the sun started coming into the room. He looked back and found that he had crashed into a bowl full of milk. There was also some cotton nearby. Akbar was still trying to understand the situation when Birbal entered there.
"What is going on?" Who had closed all the doors and windows of the room? There was such a dark darkness inside that the hand was not feeling.
I even found it difficult to reach the door. Somehow, by groping, he could come to the door. The king asked wonderfully. "Where the walls, doors and windows were, I closed." Birbal replied.
The emperor got angry on Birbal's reply. He never had such hope from Birbal. "The reason for this action?" He asked while trying to suppress his anger.
"Jahanpanah, when it was dark, you had failed to see anything in the room despite milk and cotton." You could see only when the sunlight started coming in. Now you tell me what is the brightest thing? "
It did not take long for Akbar to understand that Birbal had done this drama only to prove his point. "I understand you, Birbal, that nothing brighter than sunlight is second in the world."
But you had put me in a lot of trouble to explain this. Adopt a simple way to prove your point from the front, so that there is no such problem. " Akbar said. Birbal agreed to mascara.
majedaar
ReplyDeleteकाफ़ी बडी है रूपा जी
ReplyDeleteचाय☕ के साथ पढ़िए...छोटी लगेगी..
Deleteमै तो मगर कॉफ़ी पीता हू
Deleteतो कॉफी के साथ ही पढ़ लीजिए
Deleteरोचक कहानी 😊😊
ReplyDeleteNice story
ReplyDeleteअच्छी कहानी, प्रकाश के बिना शायद ही कोई चीज चमकदार हो।
ReplyDeleteबीरबल तो लाजवाब हैं ही।
अच्छी कहानी
ReplyDeleteNice story
ReplyDeleteहमेशा की तरह उम्दा कथा।
ReplyDeleteNice story
ReplyDeleteअति रोचक
ReplyDeleteबीरबल की हाजिरजवाबी तथा बुद्धिमत्ता तो लाज़वाब है।
ReplyDeletenice story
ReplyDeleteVery nice story.. birbal ka jwab nahi 👏👏👏👏👏
ReplyDeleteMajedaar 👏👏
ReplyDeleterochak
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